महिला के शव को पोस्टमार्टम के लिए पालिका के कचरा वाहन में लाया गया अस्पताल, CM के ट्वीट के बाद हुई कार्रवाई, लापरवाही बरतने वाले दो बर्खास्त..

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24 जुलाई 209, अशोकनगर। पठार मोहल्ला निवासी एक महिला ने अपने ही घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। महिला के शव को जब पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल लाने के लिए जब शव वाहन नहीं मिला, तो परिजन ट्रैक्टर ट्रॉली में शव लेकर आने लगे, लेकिन रास्ते ही में ट्रॉली का पहिया निकल गया। ऐसे में जब दूसरा कोई वाहन नहीं मिला तो नगर पालिका के कचरा वाहन में शव को अस्पताल लाया गया। इस घटना पर सीएम कमलनाथ के ट्वीट के बाद प्रशासन ने लापरवाही बरतने पर नगरपालिका के वाहन प्रभारी विकास शर्मा और रमेश साहू को बर्खास्त करने के आदेश दिए हैं। वहीं पुलिस उपनिरीक्षक भोजराम भगत को लापरवाही बरतने पर निलंबित करने का निर्णय लिया गया है।

पठार मोहल्ला निवासी पूजा पति नरेंद्र ओझा उम्र 22 वर्ष का विवाह 3 वर्ष पूर्व हुआ था। उक्त महिला को तीन माह का गर्भ था। महिला के पति नरेंद्र ओझा ने बताया कि उसकी जांच कराने के लिए वह अपनी बहन के साथ डॉक्टरों के पास गया था, जहां डाक्टरों ने जांच कर गर्भ में पल रहे तीन माह के बच्चे को मृत बता दिया था। इसके बाद पत्नी ने मुझसे कहाकि हम गुना में जाकर डॉक्टर से जांच कराएंगे। इसके बाद हम घर चले गए। नरेंद्र ने बताया कि हमारे परिवार में एक कार्यक्रम था तो मैं वहां चला गया। वहां से लौटने के बाद मैं और मेरी पत्नी पूजा अपने कमरे में सोने चले गए। रात 3ः30 बजे जब मेरी नींद खुली तो पूजा साड़ी के फंदे पर लटकी हुई थी, जिसकी सूचना मैंने परिजनों को दी।

मृतिका पूजा के मामा शाढ़ौरा निवासी रविंद्र ने कहा कि हमारे पिताजी को फोन पर पूजा की मौत की सूचना दी गई। जब हम अशोकनगर पहुंचे और घर गए तो वहां पूरा सामान बिखरा पड़ा था। पुलिस जांच कर रही थी।

महिला के शव का पंचनामा बनाने के बाद जब महिला के शव को जिला अस्पताल के पोस्टमार्टम कक्ष तक लाने के लिए शव वाहन की सुविधा नहीं मिली तब नगर पालिका की कचरा ले जाने वाली ट्राली में शव को रखकर जिला अस्पताल लेकर निकले, लेकिन जब ट्राली ब्रिज से गुजर रही थी तभी उसका एक पहिया निकल गया। इसके बाद महिला के शव को दूसरे कचरा वाहन में रखा गया। इसके बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल लाया गया।

जिला प्रशासन के प्रयासों से पूर्व कलेक्टर के आदेश पर जिला अस्पताल में दो शव वाहन तैयार कराए गए थे। इन शव वाहनों के रख-रखाव और ड्राइवर की जिम्मेदारी नगरपालिका को दी गई थी। कुछ दिन यह वाहन ठीक चले, लेकिन अब इन वाहनों का लाभ लोगों को नहीं मिल पा रहा है।

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