भूलने वाले को फिर याद दिलाने आये.. आये हमदर्द मगर दर्द बढ़ाने आये…

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वरिष्ठ पत्रकार शंकर पांडेय

एक युवक ने मुख्यमंत्री निवास के सामने आत्मदाह का प्रयास किया और उसी दिन ही प्रदेश के स्वास्थ्य, पंचायत मंत्री तथा कांग्रेस के जन घोषणा पत्र बनाने में अहम भूमिका निभाने वाले टीएस सिंहदेव ने किसी व्यक्ति द्वारा ट्विटर हेण्डल में पूछे गये सवाल के जवाब में लिख दिया… ‘सभी बेरोजगार, शिक्षाकर्मियों, विद्या मितान, प्रेरकों और अन्य युवाओं की पीड़ा से बहुत दुखी और शर्मिंदा हूं। जनघोषणा पत्र के माध्यम से जो वायदा किया था, मैं उस पर अटल हूं यही विश्वास दिला रहा हूं कि सरकार प्रयास कर रही है, हमआपके साथ हैं और साथ रहेंगे’ इसी के साथ ही एक चैनल में नेता प्रतिपक्ष के साथ परिचर्चा में भाग लेते हुए टीएस सिंहदेव ने कहा कि यदि अगली फसल के पहले यदि किसानों को 2500 की राशि का पूरा भुगतान नहीं हुआ तो वे इस्तीफा दे देंगे और यदि भुगतान हो गया तो क्या नेता प्रतिपक्ष अपने पद से इस्तीफा देंगे?

बस भाजपा नेताओं को मौका मिल गया कि भूपेश सरकार के मंत्रिमंडल में सब कुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है, टीएस सिंहदेव अपनी ही सरकार से नाराज है। प्रदेश में ढाई ढाई साल के नेतृत्व के कांग्रेस हाई कमान के करार के अनुसार अब टीएस सिंहदेव अपनी पारी आने के पहले ही विरोध का स्वर मुखर कर रहे हैं…। ज्ञात रहे कि पहले ही भाजपा की नेत्री सुश्री सरोज पांडे इस सरकार के स्थायित्व पर भी सवाल उठा चुकी है…। बहरहाल भाजपा को भूपेश सरकार को निशाने पर लेने का मौका मिल गया…। भूपेश सरकार की अस्थिरता तथा मंत्रिमंडल के सदस्यों के बीच ठीक-ठाक नहीं चलने का आरोप भाजपा नेता डॉ. रमन सिंह ने भी लगा दिया।
दरअसल मुख्यमंत्री निवास पर एक युवक के आत्मदाह के प्रयास तथा टीएस सिंहदेव के ट्वीट के बीच कोई संबंध ही नहीं था। किसी के ट्वीटर पर सवाल उठाने पर सिंहदेव ने वह जवाब दिया था। वैसे भी अफसर (मुख्य सचिव म.प्र.) पिता तथा (म.प्र. सरकार की मंत्री) मां के पुत्र टीएस सिंहदेव एक भावुक राजनेता हैं तथा अपनी साफगोई के लिए चर्चा में है। वे स्पष्ट कर चुके हैं कि उनका आशय घोषणा पत्र पूरा करने की कटिबद्धता के प्रति था। फिर घोषणा पत्र समिति के वे केवल अकेले सदस्य नहीं थे। प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद जो स्थितियां लगातार बनती जा रही है, प्रदेश की आर्थिक स्थिति को देखकर कुछ जनपत्र के वादों को पूरा करने में समय लगेगा। उनका यह भी आशय था कि बेरोजगार, शिक्षाकर्मी, विद्या मितान, प्रेरकों को थोड़ा सब्र करना चाहिए।

संसदीय सचिव के साथ निगम मंडलों में…

छत्तीसगढ़ सरकार हाल ही में कुछ प्रमुख नेताओं विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत, भूपेश बघेल, टीएस सिंहदेव (फोन से) ताम्रध्वज साहू, रविन्द्र चौबे, मो. अकबर आदि सहित प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम की उपस्थिति में आयोजित बैठक में निगम, मंडल प्राधिकरण सहित संसदीय सचिव बनाने पर आम सहमति बनने की खबर है। सूची को अंतिम रूप देकर कांग्रेस हाईकमान की औपचारिक सहमति लेकर घोषित करने का निर्णय हो गया है। भाजपा शासनकाल में संसदीय सचिवों की नियुक्ति के विरोध में हाईकोर्ट, सुप्रीमकोर्ट जाने वाले कांग्रेसी अब विधायकों को संतुष्ट करने 12 संसदीय सचिव बनाने का भी निर्णय ले चुके हैं। सूत्रों की मानें तो विकास उपाध्याय, देवेन्द्र यादव, शैलेश पांडे, रश्मि आशीष सिंह, अनित योगेन्द्र शर्मा, शकुंतला साहू, चिंतामणी महाराज, शिशुपाल शोरी, रेखचंद जैन आदि को संसदीय सचिव बनाकर किसी मंत्री के साथ अटैच कर दिया जाएगा वहीं धनेन्द्र साहू, अरूण वोरा, रामपुकार सिंह, रामगोपाल अग्रवाल, गिरीश देवांगन, कुलदीप जुनेजा, रामसुंदर दास, किरण मई नायक, ज्ञानेश शर्मा, करूणा शुक्ला, अटल श्रीवास्तव, रमेश वल्यानी आदि को निगम मंडल या प्राधिकरण में समायोजित कर दिया जाएगा। सत्यनारायण शर्मा तथा अमितेष शुक्ला पूर्व में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं, उनके निगम अध्यक्ष बनने से मना करने पर उनके पुत्र को समायोजित किया जा सकता है। बहरहाल सभी को निगम, मंडल, प्राधिकरण की नियुक्ति सूची का इंतजार है।

नक्सलियों का शहरी नेटवर्क से लोन बर्राटू…

प्रदेश के वरिष्ठ आईपीएस अफसर तथा अपनी नौकरी का अधिकांश समय छत्तीसगढ़ में ही गुजारने वाले, अभी तक किसी भी विवाद से दूर एडीजी अशोक जुनेजा के नक्सल मामले के प्रभारी बनने के बाद कांकेर पुलिस ने नक्सलियों के शहरी नेटवर्क का पर्दाफाश किया है तो दंतेवाड़ा पुलिस लोन बर्राटू अभियान शुरू कर चुकी है और इसका कुछ लाभ भी दिखाई दे रहा है। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित जिले कांकेर के पुलिस कप्तान एमआर अहीरे के नेतृत्व में नक्सलियों को सामानों की आपूर्ति करने वाले कुछ लोगों को पकड़ा है और नक्सलियों के अर्बन कनेक्शन का पर्दाफाश हुआ है। इसमें प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क निर्माण योजना के तहत अंदरूनी क्षेत्रों में काम करने वाले ठेकेदारों एवं अन्य जिसमें छग सहित म.प्र. तथा उत्तरप्रदेश के लोग शामिल हैं। पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर एक डस्टर कार, एक हुंडई कार तथा 10 मोबाईल फोन भी जब्त किया है। पुलिस को चैकिंग के दौरान बोलेरो गाडी से नक्सली वर्दी, ब्रांडेड जूते, वाकी-टाकी और अन्य सामग्री राजनांदगांव निवासी दयाशंकर मिश्रा से मिली और उसके बाद राजनांदगांव के अजय जैन, कोमल वर्मा, कोयलीबेड़ा के रोहित नाग, मेरठ (उ.प्र.) के सुशील शर्मा और बालाघाट (एमपी) के सुरेश शरणागत को गिरफ्तार किया है वहीं बिलासपुर के लेण्डमार्क इंजीनियरिंग कंपनी के इंजीनियर निशांत जैन, राजनांदगांव के वरूण जैन के नाम सड़क निर्माण का ठेका था और अजय जैन, कोमल वर्मा अधिकार पत्र लेकर काम कर रहे थे।

इधर दंतेवाड़ा पुलिस ने भाजपा के एक उपाध्यक्ष जगत पुजारी तथा रमेश उसेण्डी को 10 सालों से नक्सली को सामान आपूर्ति तथा नक्सलियों के पैसों से ट्रैक्टर खरीदकर ले जाते गिरफ्तार किया है वहीं दंतेवाड़ा पुलिस के कप्तान पल्लव द्वारा लोन बर्राटू (गोडी का शब्द- गांव लौट आओ) को भी सफलता मिल रही है। पोस्टर अभियान के बाद कुछ नक्सली आत्मसमपर्ण भी कर चुके हैं। पल्लव पहले भी दंतेवाड़ा में एडीशनल एसपी के बतौर काम कर चुके हैं। नक्सली जिस गांव, थाना क्षेत्र के मूल निवासी है वहां पोस्टर लगातार उनकी वापसी की अपील की जा रही है।

शैलेश की योग्यता और कोरोना का खतरा…?

करीब 16 साल से छत्तीसगढ़ कांग्रेस कमेटी के मीडिया विभाग का कामकाज सम्हालने वाले शैलेश नितिन त्रिवेदी कभी रायपुर इंजीनियरिंग कालेज के छात्रसंघ अध्यक्ष रह चुके हैं वे छात्रनेता बालकृष्ण अग्रवाल के काफी करीबी रहे हैं तो नया छत्तीसगढ़ बनने के बाद पहले मुख्यमंत्री स्व. अजीत जोगी के साथ रहे हालांकि उनके मुख्यमंत्री रहते हुए ही कुछ दूरियां भी बढ़ी थी पर बाद में वे भूपेश बघेल के झंडाबरदार हो गये और जोगी के कांग्रेस में रहते ही उनसे दूरियां भी बढ़ा ली थी, उन्हें भाजपा से लडऩे का अनुभव है, हर बार वे बलौदाबाजार विधानसभा के स्वाभाविक दावेदार हो जाते हैं यह बात और है कि उन्हें टिकट मिलती नहीं है.. .इस बार भी उन्हें निगम/मंडल में लाने की तैयारी है पर सवाल उठ रहा है कि उनके जितना योग्य मीडिया विभाग का अध्यक्ष कहां मिलेगा? बहरहाल हाल ही में मुख्यमंत्री निवास पर करीब 100 पत्रकारों को कोरोना काल में बुलवाकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मुलाकात कराना भी उनका दु:साहस माना जा रहा है। वहां उपस्थित एक इलेक्ट्रानिक मीडिया के प्रमुख के परिजन जबकि कोराइटाईन में है कोरोना की पुष्टि हो चुकी है। वह तो भला हो कि एक चैनल के प्रमुख उस कार्यक्रम में सीएम हाउस में किन्ही कारणों से नहीं पहुंचे… बाद में उनके कोरोना प्रभावित होने की भी पुष्टि हो चुकी है।

और अब बस…

  • म.प्र. में शिवराज मंत्रिमंडल के विस्तार के बाद 33 मंत्रियों में 14 तो अभी विधायक भी नहीं है। इसमें ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक 11 तथा 3 कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल लोग शामिल हैं।
  • जुलाई 1967 में राजमाता विजयाराजे सिंधिया ने संविद सरकार का गठन किया था और जुलाई में ही उनके पोते के प्रयास से कांग्रेस छोड़कर आये लगों यानि मिलाजुला मंत्रिमंडल बना है। यह बात और है कि संविद सरकार लंबी नहीं चली थी।
  • रायगढ़ में कैश वेन के ड्राईवर तथा कंडेक्टरों को गोली मारकर 14 लाख से अधिक राशि लूटने वालों को पुलिस ने रकम के साथ कुछ ही घंटो में गिरफ्तार कर लिया। पुलिस कप्तान संतोष सिंह बधाई के पात्र तो हैं।
  • राजधानी रायपुर के एसएसपी अजय यादव बन गये हैं। उनके परिजन मूलत: बस्तर के अब निवासी बन चुके हैं। वे बिलासपुर, जगदलपुर, दुर्ग, के बाद रायपुर राजधानी के वरिष्ठ पुलिस कप्तान बने हैं। वे प्रदेश के वरिष्ठ डीआईजी हैं तथा पूर्व एसपी आरिफ शेख से एक बैच वरिष्ठ आईपीएस अफसर हैं।