नई दिल्ली। राजस्थान में कांग्रेस की सरकार में उप-मुख्यमंत्री सचिन पायलट के बगावती तेवरों के बीच अशोक गहलोत की सरकार पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। खबरें हैं कि पायलट गहलोत की सरकार को गिराकर खुद सीएम बनना चाहते हैं। प्रदेश में कांग्रेस की सत्ता आने के वक्त ही यह मांग उठी थी कि पायलट को सीएम बनाया जाए। लेकिन गहलोत सीएम बने थे। कांग्रेस के सूत्रों के हवाले से खबर है कि इस साल मार्च महीने से अब तक पायलट की यह तीसरी कोशिश है, जब वो सरकार गिराकर खुद मुख्यमंत्री बनने की कोशिश कर रहे हैं।
कांग्रेस नेता संजय झा ने इस पूरे घटनाक्रम के बीच सचिन पायलट को अपना समर्थन दिया है। यहां यह बता दें कि झा को अभी पिछले महीने ही ‘पार्टी के खिलाफ’ के एक लेख लिखने पर प्रवक्ता पद से हटा दिया गया था। उन्होंने सोमवार को एक ट्वीट में सचिन पायलट की ‘मांग’ को जायज़ ठहराया और अपना समर्थन दिया। उन्होंने पायलट की योग्यता साबित करने के लिए कुछ आंकड़े भी पेश किए।
झा ने अपने ट्वीट में लिखा, ‘मैं सचिन पायलट का पूरी तरह समर्थन करता हूं। ज़रा आंकड़ों पर नजर डालिए-
बता दें कि सचिन पायलट इस बार पूरी तरह से आर-पार की लड़ाई में दिख रहे हैं। वो रविवार को दिल्ली आए थे, जिसके बाद खबरें आई थीं कि उनके पास कुछ विधायकों का समर्थन है और वो बीजेपी नेताओं के संपर्क में हैं। इसके बाद राजस्ठान में हलचल तेज हो गई। पार्टी ने रविवार और सोमवार की दरम्यानी रात में ढाई बजे एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा है कि उसके पास 109 विधायकों का समर्थन है। वहीं सोमवार की सुबह में पायलट की ओर से कहा गया है कि वो बीजेपी में शामिल नहीं हो रहे हैं।
वहीं, संजय झा को पिछले महीने 18 जून को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के आदेश के बाद संजय झा को पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता के पद से हटा दिया गया था। दरअसल, उन्होंने एक लेख में पार्टी की कार्यशेली सवाल उठाए थे। उन्होंने यह भी कहा था कि पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र का अभाव है।