उपभोक्ता फोरम ने रेलवे डीआरएम पर लगाया जुर्माना.. रेलवे ने आरक्षित कोच के टॉयलेट में नहीं दी पानी की सुविधा..

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दुर्ग 26 दिसंबर, 2019। ए.सी. 2 के आरक्षित कोच के टॉयलेट में पानी की सुविधा प्रदान नहीं किए जाने को सेवा में निम्नता मानते हुए जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष लवकेश प्रताप सिंह बघेल व सदस्य राजेन्द्र पाध्ये ने डीआरएम रायपुर पर 6000 रुपये हर्जाना लगाया।

परिवादी की शिकायत

सुभाष नगर दुर्ग निवासी जसवंत सिंह ने सुरेमनपुर से दुर्ग वापसी हेतु अपना एवं अपनी पत्नी का रिजर्वेशन ट्रेन क्रमांक 15159 की ए.सी. 2 श्रेणी में कोच संख्या एच.ए.1 में कराया, कोच में परिवादी को सीट क्रमांक 7 और 8 आवंटित की गई। परिवादी ने सही ढंग से सुविधा पाने, असुविधा से बचने व यात्रा को सुगम बनाने के लिए अतिरिक्त चार्ज भुगतान करते हुए वातानुकूलित श्रेणी में यात्रा के लिए रिजर्वेशन करवाया था। यात्रा प्रारंभ करने के बाद परिवादी ने ट्रेन के टॉयलेट में पानी होना सोचकर टॉयलेट का उपयोग किया परंतु उसमें पानी नहीं आ रहा था, जिसके कारण परिवादी को असुविधा का सामना करना पड़ा, इसकी शिकायत परिवादी द्वारा अडियार स्टेशन तथा बलिया स्टेशन में की गई जिस पर कोच अटेंडेंट एवं टीटीई ने समस्या हल करने का आश्वासन देते हुए दूसरे कोच का टॉयलेट यूज करने को कहा। परिवादी द्वारा इलाहाबाद स्टेशन में भी शिकायत की परंतु कोई समाधान नहीं हुआ इसके अलावा परिवादी ने मोबाइल पर एसएमएस से भी शिकायत की जिसके जवाब में रेलवे द्वारा एक अन्य नंबर दिया गया। ट्रेन के टॉयलेट में पानी की सप्लाई नहीं होने के कारण परिवादी को 30 घंटे की कष्टप्रद यात्रा करनी पड़ी। अनावेदक रेलवे के अधीनस्थ कर्मचारियों को बार-बार समस्या से अवगत कराने के बाद भी परिवादी की समस्या का निराकरण नहीं किया गया।

रेलवे का जवाब

ट्रेन रवानगी के पूर्व पानी आदि की जांच की जाती है तथा टॉयलेट व बेसिन में पानी सप्लाई की कोई समस्या या शिकायत नहीं थी। परिवादी ने उक्त ट्रेन के कोच में पानी ना होने की शिकायत कर लालचपूर्ण आशय से रेल प्रशासन से क्षतिपूर्ति प्राप्त करने हेतु झूठा परिवाद पेश किया है। परिवादी के अलावा किसी अन्य व्यक्ति ने कोई शिकायत नहीं की है।

फोरम का फैसला

प्रकरण में विचारण पश्चात जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष लवकेश प्रताप सिंह बघेल व सदस्य राजेन्द्र पाध्ये ने यह प्रमाणित पाया कि परिवादी ने कोच में पानी नहीं होने के संबंध में शिकायत दर्ज कराई थी। अनावेदक ने यह स्पष्ट नहीं किया कि जिस बोगी में परिवादी यात्रा कर रहा था उसमें बिलासपुर से पहले पानी उपलब्ध था। फोरम ने यह भी कहा कि किसी अन्य व्यक्ति के शिकायत न करने से अनावेदक अपने दायित्व से नहीं बच सकता है। चाहे सामान्य बोगी हो, आरक्षित बोगी हो या वातानुकूलित बोगी हो सभी बोगियों में यात्रा के दौरान वॉशरूम में पानी एवं अन्य आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी अनावेदक रेलवे की है और यदि वह सुविधाओं को उपलब्ध नहीं करा पाता है, जिसके कारण यात्रियों को यात्रा के दौरान असुविधा का सामना करना पड़े, तो ऐसी असुविधा के लिए अनावेदक जिम्मेदार है।

जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष लवकेश प्रताप सिंह बघेल व सदस्य राजेन्द्र पाध्ये ने रेलवे डीआरएम रायपुर को सेवा में निम्नता का जिम्मेदार मानते हुए 6000 रुपये हर्जाना लगाया जिसके तहत मानसिक पीड़ा की क्षतिपूर्ति स्वरूप 5000 रुपये तथा वाद व्यय के लिये 1000 रुपये रेलवे द्वारा परिवादी को भुगतान करना होगा।