नई दिल्ली : नियाभर की सरकारें अपने नागरिकों को तेज गति से कोरोना टेस्ट करवा रही है इसके लिए नई-नई आधुनिक तकनीकों का भी इस्तेमाल किया जाने लगा है।
भारत में भी अलग-अलग राज्य की सरकारें अपने-अपने तरीके से कोरोना के जांच कर रही है। इसी कड़ी में महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में अब कोरोना की जांच एक नई तकनीक के जरिए की जाएगी और वह नई तकनीक है आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस। इसका आसान भाषा में मतलब है कि अब आपकी आवाज बता देगी की आप कोरोना पॉजिटिव हैं कि नहीं। बताया जाता है कि 1 सितंबर से मुंबई में आवाज के जरिए कोरोना का टेस्ट किया जाएगा।
पिछले हफ्ते ही ये रिपोर्ट आई थी कि बीएमसी अपने पायलट प्रोजेक्ट के तहत अगले सप्ताह से गोरेगांव के नेस्को ग्राउंड में 1000 मरीजों की वाइस एनालिसिस कर उनके कोविड 19 पॉजिटिव होने का पता लगाएगी। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इस तरह के वॉइस एप और टूल्स दुनियाभर में इस्तेमाल किए जा रहे हैं।
आदित्य ठाकरे ने दी थी जानकारी
पिछले सप्ताह ही आदित्य ठाकरे ने इस बारे में ट्वीट कर जानकारी दी थी। उन्होंने कहा था कि बीएमसी आवाज के नमूने का उपयोग करके AI- आधारित COVID-19 का पता लगाने के परीक्षण की शुरुआत करेगा। बेशक, इसके अलावा नियमित आरटी-पीसीआर परीक्षण का पालन होगा, लेकिन विश्व स्तर पर परीक्षण की गई तकनीक साबित करती है कि महामारी ने हमें हमारे स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे में तकनीक के उपयोग से चीजों को अलग तरह से देखने और विकसित करने में मदद की है।
इस तरह करेगा काम
संदिग्ध मरीज को किसी कंप्यूटर स्क्रीन के सामने या फिर किसी सेलफोन के सामने बोलने को कहा जाएगा जिसपर वह एप इन्स्टॉल होगा। एप मरीज की आवाज का एनालिसिस करेगी। ये एप आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस तकनीक पर आधारित है। इस वॉइस सैंपल की दूसरे अन्य स्वस्थ व्यक्ति के वॉइस सैंपल से तुलना की जाएगी।
बताया जाता है कि इस एप में हजारों वॉइस पैटर्न अपलोड किए गए हैं। वॉइस टेस्ट के जरिए मरीजों को कोविड 19 टेस्ट रिपोर्ट 30 सेकेंड के अंदर आ जाएगी। इसका लाभ ये है कि मरीज अगर खांसी जुकाम से भी पीड़िता है या फिर किसी तरह से उसकी आवाज खराब आ रही है तो भी एआई बेस्ड यह एप उसकी जांच कर लेगा।