ट्रांसफर के बावजूद चौकी प्रभारी नें नहीं माना आदेश, अब रिपोर्ट लिखने के नाम पर मांगे 50 हज़ार रुपये, अपहृत बच्ची के परिजनों से 42 हज़ार रुपये लेने का आरोप, पत्नी के गहने बेच कर दिए पैसे लेकिन अब भी हाथ खाली…

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अम्बिकापुर@उपेंद्र गुप्ता 15 मई, 2020। उत्तरप्रदेश के जालौन जिले से अम्बिकापुर शहर के बिलासपुर चौक के पास डेरे में रहकर जड़ीबूटी का काम करने वाले परिवार की 12 वर्ष की बालिका को उनके पहचान का एक युवक अपहरण कर अपने साथ ले गया।परिजनों नें अपने स्तर पर बालिका की खोजबीन की लेकिन उसका कुछ पता नहीं चला। तब वे बालिका के अपहरण की रिपोर्ट दर्ज कराने मणिपुर चौकी पहुँचे।यहाँ चौकी प्रभारी प्रमोद यादव नें उनसे रिपोर्ट लिखने के एवज में 50 हज़ार रुपये की मांग की।बालिका के पिता नें अपनी पत्नी के जेवर बेच कर 30 हज़ार रुपये चौकी प्रभारी को दे दिए।इसके बाद भी चौकी प्रभारी नें तलाशी के नाम पर और 12 हज़ार रुपये उनसे ले लिये।पुलिस आज दिन तक परिजनों को बालिका की तलाश के नाम पर परिजनों को घुमाती रही और उनकी बालिका और उसे अपहरण कर लेजाने वाले युवक का अबतक कोई पता नहीं लगा पाई है।

जानकारी के अनुसार छोटे सिंह पिता सुजानी सिंह यूपी के जोलपुर का रहने वाला है। यह अपने परिवार के साथ जड़ी-बूटी बेचने का काम करता है। कुछ माह पूर्व ही वह जड़ी-बूटी बेचने अंबिकापुर आया है।उसके साथ उसकी 12 वर्ष की पुत्री भी थी। परिवार के सभी लोग टेंट लगाकर लक्ष्मीपुर में रहते हैं। 1 मार्च की रात को लडक़ी के परिचित द्वारा उसे बहला-फुसला कर अपने साथ ले जाया गया।

लडक़ी के पिता ने आरोप लगाया है कि घटना के बाद जब इसकी रिपोर्ट दर्ज कराने मणिपुर चौकी पहुंचे तो प्रभारी द्वारा रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई। तीन दिन तक घूमाने के बाद रिपोर्ट दर्ज करने के लिए 50 हजार रुपए की मांग की गई। इसके बाद रिपोर्ट दर्ज कर कार्रवाई करने की बात कही।

परेशान पिता ने अपनी पत्नी के सोने के जेवर शहर के कन्हैया अलंकार मंदिर में बेच कर 30 हजार रुपए चौकी प्रभारी को देने आरोप लगाया है। वहीं पिता ने आरोप लगाया है कि आरोपी का मोबाइल नंबर जांच के नाम पर 2 हजार रुपए लिया गया।इसके बाद चौकी प्रभारी ने परिजन को बताया कि उसका लोकेशन रायपुर बता रहा है। रायपुर जाने के नाम पर 10 हजार रुपए और लेने का आरोप लगाया है। इसके बावजूद भी लडक़ी की तलाश नहीं की गई।

लडक़ी के पिता ने अपनी बेटी के अपहरण व मणिपुर चौकी प्रभारी द्वारा रुपए की अवैध वसूली करने की शिकायत आईजी से की है। 23 मार्च को आईजी से गुहार लगाने के बाद भी अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। इधर लडक़ी के माता-पिता काफी परेशान हैं। उनका कहना है कि जेवर भी चला गया और पुत्री भी वापस नहीं लौटी।

जिस चौकी प्रभारी पर परिजनों नें अवैध वसूली का आरोप लगाया है,वह शासन के आदेश की अनदेखी तक करने से नहीं कतराता।शासन नें उसका स्थानांतरण कर दिया है उसके बाद भी वह चौकी प्रभारी के पद पर बना हुआ है।आईजी और एसपी भी उसपर मेहरबान हैं और अक्सर उसके खिलाफ आने वाली शिकायतों की अनदेखी करते रहते हैं।