पाकिस्तान में बनेगा पहला हिंदु मंदिर.. 10 करोड़ रुपए खर्च करेंगी इमरान सरकार..

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इस्लामाबाद। पाकिस्‍तान के इस्‍लामाबाद शहर में आज पहले हिंदू मंदिर की आधारशिला रखी गई है। बताया जा रहा है कि इस मंदिर को बनाने में 10 करोड़ पाकिस्‍तानी रुपये का खर्च आएगा। भगवान कृष्‍ण के इस मंदिर को इस्‍लामाबाद के H-9 इलाके में 20 हजार वर्गफुट के इलाके में बनाया जा रहा है। मंगलवार को पाकिस्‍तान के मानवाधिकारों के संसदीय सचिव लाल चंद्र माल्‍ही ने इस मंदिर की आधारशिला रखी।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस्लामाबाद में तैयार हो रहे मंदिर में भगवान कृष्ण की मूर्ति स्थापित की जाएगी। मानवाधिकारों के संसदीय सचिव लाल चंद्र माल्‍ही ने बताया कि इमरान खान सरकार से मंदिर के निर्माण के लिए विशेष आर्थिक मदद की अपील की गई है।

रखी गई मंदिर की नींव

मंगलवार को मंदिर के भूमि पूजन समारोह के लिए मानवाधिकारों के संसदीय सचिव लाल चंद्र माल्‍ही पहुंचे जहां उन्होंने धर्मिक स्थल की नींव रखी। वहां मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, आजादी से पहले इस्लामाबाद और आस-पास के क्षेत्र में कई मंदिर थे जिनमें से एक सैदपुर गांव और एक कोरंग नदी के पास मौजूद है, हालांकि अब उनका इस्तेमाल नहीं किया जाता। उन्‍हें उनके हाल पर छोड़ दिया गया है।

पूरा खर्च पाकिस्तान सरकार वहन करेगी

पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक पिछले कई दशकों से इस्लामाबाद में हिंदुओं की आबादी में इजाफा हुआ है, इसलिए यहां मंदिर की आवश्यकता महसूस हो रही थी। इस बीच लाल चंद्र माल्‍ही ने पाकिस्तान सरकार से अल्पसंख्यकों के लिए इस्लामाबाद में श्मशान की कमी को लेकर भी अपील की है। बता दें कि इस्लामबाद में बनाए जा रहे कृष्ण मंदिर का पूरा खर्च पाकिस्तान सरकार वहन करेगी, रिपोर्ट के मुताबिक धार्मिक मामलों के मंत्री पीर नूरुल हक कादरी ने इस बात की जानकारी मीडिया को दी है।

श्री कृष्ण मंदिर होगा नाम

मंत्रालय के अधिकारी ने बताया कि मंत्री पीर नूरुल हक पहले ही मंदिर निर्माण के लिए विशेष अनुदान का मामला प्रधानमंत्री इमरान खान के सामने उठा चुके हैं। मंदिर निर्माण में करीब 10 करोड़ रुपए का लागत आएगी। मिली जानकारी के मुताबिक इस्लामाबाद हिंदू पंचायत ने मंदिर का नाम श्री कृष्ण मंदिर रखा है। इस मंदिर के लिए वर्ष 2017 में जमीन दी गई थी। मंदिर परिसर 20 हजार वर्ग फुट में फैला होगा, इसमें एक श्मशान घाट और अन्य धार्मिक कार्यक्रमों के लिए अलग-अलग स्थल बनाए जाएंगे।