भोपाल। मध्यप्रदेश में पिछले बारह तेरह दिनों से चल रहे सियासी घटनाक्रमों के बीच सोमवार को शुरू हुए विधानसभा के बजट सत्र के पहले ही दिन हंगामा हुआ और इसके चलते कार्यवाही पहली बार लगभग पांच मिनट के लिए स्थगित कर दी गई। लगभग पांच मिनट बाद कार्यवाही फिर शुरू होने पर अध्यक्ष ने बोलना प्रारंभ किया। वहीं बीजेपी सदस्य भी एक साथ बोलने लगे। नेता प्रतिपक्ष भार्गव, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और अन्य भाजपा विधायक मौजूदा राजनीतिक स्थितियों पर ही बोल रहे थे। उधर, सत्तारूढ दल के सदस्य भी एक साथ बोलने लगे। शोरगुल के बीच अध्यक्ष प्रजापति ने देश में कोरोना के प्रकोप का जिक्र किया और इसके साथ ही सदन की कार्यवाही 26 मार्च को सुबह 11 बजे तक स्थगित कर दी गई। इससे पहले राज्यपाल लालजी टंडन के अभिभाषण के साथ शुरू हुआ था, लेकिन वे सिर्फ एक पैरा ही पढ़ सके और उन्होंने इसे सिर्फ लगभग डेढ़ मिनट में पूरा कर दिया। इसे राज्यपाल की नाराजगी के तौर पर देखा जा रहा है। राज्यपाल ने सभी सदस्यों को उनके दायित्व कर्तव्यों के निर्वहन की सलाह दी।
बीजेपी ने SC का खटखटाया दरवाजा
कोरोना वायरस के चलते मध्य प्रदेश विधानसभा की कार्यवाही 26 मार्च तक के लिए स्थगित होने के बाद बीजेपी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। अदालत में फ्लोर टेस्ट कराने की मांग करते हुए याचिका दाखिल की गई है।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री कमलनाथ ने देर रात को राज्यपाल लालजी टंडन से राजभवन में मुलाकात की थी। उसके बाद संवाददाताओं से चर्चा करते हुए कहा था कि विधानसभा में क्या होगा यह तो विधानसभा अध्यक्ष तय करेंगे। इस पर देर रात प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि विधानसभा में क्या होगा यह तो सरकार तय करती है और उस आधार पर संचालन विधानसभा अध्यक्ष द्वारा ही किया जाता है।