29 जनवरी 2019, नई दिल्ली। देश के पूर्व रक्षामंत्री जॉर्ज फर्नांडिस का 88 साल की उम्र में निधन हो गया है। जॉर्ज फर्नांडिस लंबे समय से बीमार चल रहे थे। दिल्ली के मैक्स अस्पताल में मंगलवार सुबह सात बजे जॉर्ज फर्नांडिस ने आखिरी सांस ली। फर्नांडिस अल्जाइमर नाम की बीमारी से परेशान थे। वाजपेयी सरकार के दौरान जॉर्ज फर्नांडिस देश के रक्षामंत्री थे। उनके निधन पर कई नेताओं ने शोक व्यक्त किया है। पीएम मोदी ने भी उनके निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है।
दिल्ली के अस्पताल में ली आखिरी सांस, पीएम मोदी ने जताया शोक
- फर्नांडिस की तबीयत काफी समय से खराब थी।
- जॉर्ज फर्नांडिस का जन्म 3 जून 1930 को मैंगलोर में हुआ था। उन्होंने अटल सरकार में रहते हुए साल 2001 से 2004 तक रक्षा मंत्रालय की अहम विभाग की जिम्मेदारी संभाली थी।
- जॉर्ज फर्नांडिस के निधन पर राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने शोक व्यक्त किया है।
- पीएम मोदी ने भी जॉर्ज फर्नांडिस ने निधन पर शोक व्यक्त किया।
- पीएम मोदी ने ट्वीट किया, ‘जॉर्ज साहब ने देश के राजनीतिक नेतृत्व का सर्वश्रेष्ठ प्रतिनिधित्व किया। वे निडर, बेबाक और दूरदर्शी नेता थे, उन्होंने हमारे देश के लिए अहम योगदान दिया है। वह गरीबों और हाशिए पर रहे लोगों के अधिकारों के लिए सबसे प्रभावी आवाजों में से एक थे। उनके निधन की खबर सुनकर बहुत दुख हुआ।’
मुजफ्फरपुर से चार बार सांसद चुने गए थे जार्ज फर्नांडिस
- जनता पार्टी की सरकार में वे उद्योग मंत्री बनाए गए थे। बाद में जनता पार्टी के टूटने के बाद उन्होंने समता पार्टी का गठन कर बीजेपी को समर्थन दिया था।
- राजनीति में सक्रिय रहने के दौरान जॉर्ज फर्नांडिस बिहार के मुजफ्फरपुर से भी सांसद चुने गए थे।
- जॉर्ज फर्नांडिस साल 1977 में हुए लोकसभा चुनाव में मुजफ्फरपुर से जीते थे।
- उन्होंने वीपी सिंह सरकार में कुछ सालों के लिए रेलवे मंत्री का कार्यभार भी संभाला था।जॉर्ज फर्नांडिस ने 1967 से 2004 तक 9 लोकसभा चुनावों में जीत दर्ज किया।
इमर्जेंसी लगाए जाने का खुलकर विरोध किया था
- जॉर्ज फर्नांडिस ने इमर्जेंसी के दौरान गिरफ्तारी से बचने के लिए पगड़ी और दाढ़ी रखकर सिख का भेष धारण कर लिया था।
- उनको जब गिरफ्तार किया था, तब तिहाड़ जेल में वे कैदियों को गीता के श्लोक सुनाया करते थे।
- जार्ज फर्नांडिस साल 1974 की रेल हड़ताल के बाद एक कद्दावर नेता के तौर पर उभर कर आए और उन्होंने इमर्जेंसी लगाए जाने का खुलकर विरोध किया।