रायगढ़ सीट पर गोमती साय की ऐतिहासिक जीत, रंग लाई प्रबल प्रताप सिंह जूदेव की मेहनत

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रायगढ़ 23 मई, 2019। आखिरकार रायगढ़ लोकसभा सीट पर हुए प्रतिष्ठापूर्ण चुनाव में जिला पंचायत अध्यक्ष गोमती साय और बीजेपी ने अपना परचम लहरा दिया है लेकिन इस पूरे चुनाव के दौरान जो चेहरा लगातार पीछे रहकर गोमती साय को आगे करने में जुटा रहा.. वह है स्वर्गीय दिलीप सिंह जूदेव के लाडले प्रबल प्रताप सिंह जूदेव का.. जो वर्तमान में उसी जिला पंचायत के उपाध्यक्ष हैं जहां गोमती साय अध्यक्ष.. जशपुर जिला पंचायत के अध्यक्ष सीट की तरह ही रायगढ़ लोकसभा सीट भी आरक्षित सीट है जिसे देखते हुए प्रबल प्रताप सिंह जुदेव और पैलेस ने अपनी पसंद के तौर पर पार्टी के सामने गोमती साय का नाम प्रस्तावित किया था और चुनाव से पहले ही उनके पसंद के उम्मीदवार को टिकट मिलने पर भारी मतों से जिताने की जिम्मेदारी भी ले ली थी।

पार्टी ने भी क्षेत्र में उनके जनाधार को ध्यान में रखते हुए उनकी पसंद के प्रत्याशी गोमती साय को रायगढ़ लोकसभा सीट से उम्मीदवार घोषित किया और उसके बाद प्रबल प्रताप सिंह जूदेव जुट गए अपने मिशन में.. स्वर्गीय दिलीप सिंह जूदेव के जाने के बाद घर वापसी अभियान के जरिए लोगों के दिलों में घर कर चुके प्रबल प्रताप ने रायगढ़ और जशपुर क्षेत्र में प्रचार के लिए पूरा रोडमैप तैयार किया और पूरी तरह अपने काम मे जुट गए जिसका परिणाम आज गोमती साय के जीत के तौर पर मिला है ।

कैबिनेट मंत्री उमेश पटेल से थी सीधी टक्कर

रायगढ़ लोकसभा सीट पर सबकी नजरें इसलिए भी लगी हुई थी क्योंकि कांग्रेस ने जिसे उम्मीदवार बनाया था वह महज 4 महीने पहले ही चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंच चुके हैं और लोकसभा उम्मीदवार विधायक लालजीत सिंह राठिया के साथ लगातार खड़े नजर आ रहे थे स्वर्गीय नंदकुमार पटेल के सुपुत्र और वर्तमान में कैबिनेट मिनिस्टर उमेश पटेल.. प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल ने इस प्रतिष्ठापूर्ण चुनाव के लिए रायगढ़ लोकसभा सीट को जिताने की जिम्मेदारी कैबिनेट मिनिस्टर उमेश पटेल को सौंपी थी जिसके बाद यह चुनाव अत्यंत रोचक हो चुका था और इसे सीधे तौर पर उमेश पटेल और प्रबल प्रताप सिंह जूदेव के बीच ही देखा जा रहा था.. दोनों ही युवा नेताओं के बीच अप्रत्यक्ष रूप से हो रहे इस चुनाव पर पूरे प्रदेश की नजरें लगी हुई थी ।

जहां एक तरफ प्रबल प्रताप सिंह जूदेव जशपुर क्षेत्र के है वही उमेश पटेल रायगढ़ के, जहां कुछ समय पहले ही कांग्रेस ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी वही विधानसभा चुनाव में जूदेव परिवार की पसंद के विपरीत जाकर दूसरे खेमे के पसंदीदा उम्मीदवारों को टिकट बांटा गया था जिसका परिणाम यह रहा की जशपुर विधानसभा की तीनों सीट भाजपा हार गई थी । लेकिन इस बार भाजपा ने यह गलती नहीं दोहराई और फिर से एक बार जूदेव परिवार की पसंद को तरजीह देते हुए सीधे गोमती साय को टिकट दे दिया गया और इसके बाद जूदेव परिवार ने एक बार फिर इतिहास रचते हुए यह बता दिया है कि जशपुर और आसपास के क्षेत्रों में उनके परिवार का जनाधार कितना बड़ा और कितना गहरा है ।

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