17 मई 2019, कसडोल। प्रदेश के कसडोल का एक इंजीनियर जेसीबी मशीन पर सवार होकर दुल्हन के घर पहुंचा। उसने जेसीबी के फ्रंट लोडर पर अपनी डिग्री वाला बैनर लगाया। उसने बताया कि मैं अपनी शादी को यादगार बनाना चाहता था। इसी सोच के साथ मैंने घोड़ी की जगह जेसीबी से जाने का फैसला किया।
- अमीश कुमार डहरिया कसडोल गांव से इकलौते इंजीनियर हैं।
- उन्होंने बताया कि मैंने पहले अपने फैसले के बारे में परिवार वालों को बताया, लेकिन वे इसके लिए तैयार नहीं हुए।
- मैं भी अपनी जिद पर अड़ा रहा।
- आखिर में वे मान गए।
- अमीश के पिता कसडोल के आश्रम शाला में प्रधान पाठक हैं।
सामान खरीदकर दुल्हन के परिवार को दिया:
- अमीश ने अपनी शादी में दहेज नहीं लिया।
- रस्में पूरी हों, इसके लिए पहले जरूरी सामान खरीदे, फिर उन्हें लड़की वालों को दे दिया।
- लड़की बैंक में असिस्टेंट मैनेजर है।