हाई पावर स्कूटनी कमेटी के निर्णय के क्रियान्वन पर HC ने लगाई रोक.. राज्य सरकार से भी मांगा जवाब..

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30 अक्टूबर 2019 बिलासपुर। जस्टिस गौतम भादुड़ि की एकल खंडपीठ ने उच्च स्तरीय जाती छानबीन समिति द्वारा महारा जाती के जाती प्रमाण पत्र को निरस्त किये जाने एवं उसके फलस्वरुप बर्खास्तगी किये जाने पर रोक लगा दी है।
यचिकाकर्ता सुखदास नाग ने हाई कोर्ट अधिवक्ता रोहित शर्मा के माध्यम से जाती प्रमाण पत्र को निरस्त किये जाने के निर्णय को चुनौती दी है ।

यचिकाकर्ता बस्तर का मूल निवासी होने के साथ ही महारा जाती के अन्तर्गत अनुसूचित जाति में आते है । वे बस्तर क्षेत्र में वन क्षेत्रपाल के पद पर पदस्थ हैं। ध्वनत्मक विभेद होने से उच्चारण विभेद के कारण महार मेहर महरा महारा जाती सभी को अनुसूचित जाति का लाभ नहि मिल पा रहा था, जिस पर संज्ञान लेते हुए राज्य शासन द्वारा 2017 मे अधिसूचना/आदेश जारी कर इन उच्चारण विभेद को मान्य करते हुए सभी को जाती का लाभ प्रदान किया गया था। परंतु शासन के निर्देश के विपरित हाई पॉवर स्क्रूटनी कमिटी ने जाती प्रमाण पत्र को निरस्त कर दिया। यचिकाकर्ता के अधिवक्ता रोहित शर्मा ने तर्क देते हुए कहा की एक ही राज्य मे एक ही विभाग मे एक ही जाती के कर्मचारियो मे से किसी की जाती प्रमाण पत्र को उच्चारण विभेद का हित लाभ प्रदान करना वा यचिकाकर्ता के विषय मे विरोधात्मक निर्णय लेना संविधान के अनुच्छेद 14 वा नैसर्गिक न्याय के सिद्धांतो का खुला उल्लंघन है ।
उक्त तर्को को संज्ञान मे लेते हुए न्यायमूर्ति श्री गौतम भादुड़ी ने अगली तिथी तक हाई पॉवर स्क्रूटनी कमिटी के निर्णय के क्रियान्वन पर रोक लगा दी है, एवं शासन से जवाब तलब किया है।
यचिकाकर्ता वर्तमान मे वन विभाग में बस्तर मे कार्यरत है ।