ट्रेन हाइजेक मामले में हाईकोर्ट ने उपेन्द्र कबरा को थोड़ी राहत.. हाईकोर्ट ने इस प्रकरण से किया बरी.. लेकिन इन मामलों में काटनी होगी सजा..

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भिलाई। दुर्ग में जनशताब्दी एक्सप्रेस हाइजेक कांड में नया मोड़ आ गया है। इस मामले में उपेंद्र सिंह सहित 10 अन्य आरोपी थे। उन्हें रेलवे एक्ट 150 (1) बी में सेशन कोर्ट से उम्र कैद की सजा सुनाई गई। आरोपी पक्ष मामले को लेकर हाईकोर्ट गया। जहां से बुधवार को उक्त धारा के तहत दिए गए उम्रकैद से हाईकोर्ट की बैंच ने उन्हें बरी कर दिया।

न्यायाधीश मणिंद्र मोहन श्रीवास्तव व रजनी दुबे की बैंच ने यह फैसला सुनाया। कोर्ट ने माना कि रेलवे एक्ट 150 (1)ब का अपराध नहीं बनता। आरोपी पक्ष के वकील बीपी सिंह ने तर्क रखा कि यह धारा रेलवे संपत्ति को नुकसान पहुंचाए जाने की दशा में लगती है। जबकि आरोपियों के तरफ से किसी प्रकार से संपत्ति को नुकसान नहीं पहुंचाया गया। 

इस मामले में तीन अलग-अलग मामले बनाए गए। पहला मामला कार मालिक केशवर राव की शिकायत पर, जिसकी कार छीनकर आरोपी भागे थे। दूसरा मामला आरक्षक सचित कुमार की शिकायत पर और तीसरा रेलवे में ड्रायवर दीपक ठाकुर की शिकायत पर दर्ज किया गया। मामले में दुर्ग के एडीडे मंसूर अहमद के न्यायालय में सुनवाई हुई। आरोपियों पर दोष सिद्ध पाया गया। 

उपेंद्र उर्फ कबरा जयचंद वैद्य अपहरण कांड का मुख्य आरोपी है। तत्कालीन एडीजे हेमंत अग्रवाल के न्यायालय में विचाराधीन मामले में उसे सुनवाई के लिए दुर्ग लाया गया था। शाम करीब 5.10 बजे वह बिलासपुर जेल जाने के लिए जनशताब्दी एक्सप्रेस ट्रेन में आरक्षक सचित शर्मा, बीरेंद्र सिंह व सदाराम के सुरक्षा घेरे के बीच ट्रेन में चढ़ा। इस बीच जैसे ही ट्रेन कैवल्यधाम पहुंची, चैन पुलिंग कर दी गई। इस बीच उपेंद्र का पुत्र प्रीतम सिंह, दोस्त अनिल सिंह, शंकर राव, बिल्लू सहित अन्य मौके पर पहुंचे। उन्होंने सचित व बीरेंद्र पर मिर्ची पाउडर फेंका और कट्टे के बट से वार कर आरक्षकों को घायल कर दिया। 

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