अन्य राज्यों में फंसे छत्तीसगढ़ के 32 हजार श्रमिकों की हुई घर वापसी.. 21 और ट्रेनों का इंतजाम.. मुख्यमंत्री की पहल पर 3 लाख से अधिक श्रमिकों को पहुंचाई गई राहत… पढ़ें और भी अपडेट..

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रायपुर 12 मई 2020। लॉकडाउन से उत्पन्न परिस्थितियों के कारण राज्य एवं राज्य से बाहर फंसे हुए 3 लाख से अधिक जरूरतमंद श्रमिकों को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और श्रम मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया के निर्देश पर तत्काल राहत पहुंचाई गई है। उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण से बचाव के लिए देश भर में किये गये लॉकडाउन के दौरान श्रम मंत्री डॉ. डहरिया के निर्देश पर श्रम विभाग द्वारा स्थापित हेल्पलाईन सहित अन्य स्त्रोतों से मिली सूचना के आधार पर राज्य में तथा राज्य के बाहर 12 मई की स्थिति में करीब 3 लाख जरूरतमंद श्रमिकों की समस्याओं का त्वरित समाधान किया गया है।

श्रम विभाग के अधिकारियों ने आज यहां बताया कि लॉकडाउन से उत्पन्न परिस्थितियों के कारण देश के अन्य राज्यों में फंसे छत्तीसगढ़ के 2 लाख 20 हजार 197 श्रमिक वापस अपने गृहग्राम आना चाहते हैं। जिसमें उत्तरप्रदेश में फंसे 38 हजार 966 श्रमिक, महाराष्ट्र से 35 हजार 385, तेलंगाना से 34 हजार 520, जम्मू-कश्मीर से 23 हजार 311 एवं गुजरात से 28 हजार 344 श्रमिक सहित अन्य राज्यों में फंसे श्रमिक एवं अन्य लोग शामिल है।

अधिकारियों ने बताया कि राज्य शासन द्वारा अन्य राज्यों में फंसे श्रमिकों को वापस लाने के लिए ऑॅनलाइन लिंक जारी किया गया है। ऑनलाइन पंजीयन व्यवस्था के तहत अब तक 2 लाख 6 हजार 730 लोगों ने पंजीयन करवाया है, इनमें एक लाख 88 हजार 445 श्रमिक तथा शेष छात्र, तीर्थ-यात्री, पर्यटक एवं अन्य लोग शामिल है। शासन द्वारा अन्य प्रदेशों में छत्तीसगढ़ के संकटापन्न प्रवासी श्रमिकों को वापस लाने के लिए 12 मई से 17 मई तक 21 ट्रेनें चलायी जा रही है। अब तक वाहन एवं अन्य माध्यमों से अन्य राज्यों में फंसे श्रमिकों को गृहग्राम वापस लाया जा चुका है। छत्तीसगढ़ में अन्य राज्यों के फंसे हुए लगभग 30 हजार 422 श्रमिकों को उनके गृह राज्य भेजा गया है। इसके अतिरिक्त छत्तीसगढ़ के भीतर ही लगभग 5 हजार 692 श्रमिकों को एक जिले से अपने गृह जिला तक पहुंचाया गया है।

छत्तीसगढ़ के 2 लाख 20 हजार 197 प्रवासी श्रमिक तथा छात्र, तीर्थ यात्री, पर्यटक एवं अन्य लोगों को जो देश के राज्यों में होने की सूचना मिलने पर उनके द्वारा बताई गई समस्याओं का त्वरित निदान करते हुए उनके लिए भोजन, राशन, नगद, नियोजकों से वेतन तथा रहने एवं चिकित्सा आदि की व्यवस्था उपलब्ध कराई गई है। इसके साथ ही श्रम विभाग के अधिकारियों का दल गठित कर विभिन्न औद्योगिक संस्थाओं, नियोजकों एवं प्रबंधकों से समन्वय कर (राशन एवं नगद) आदि की व्यवस्था भी की जा रही है। इनमें 26 हजार 102 श्रमिकों को 34 करोड़ 61 लाख 51 हजार 267 रूपए बकाया वेतन का भुगतान कराया गया है। लॉकडाउन के द्वितीय चरण में 21 अप्रैल से शासन द्वारा छूट प्रदत्त गतिविधियों एवं औद्योगिक क्षेत्रों में लगभग 94 हजार 15 श्रमिकों को पुनः रोजगार उपलब्ध कराया गया है। वहीं छोटे-बड़े 1234 कारखानों में पुनः कार्य प्रारंभ हो गया है।

श्रम विभाग के सचिव एवं नोडल अधिकारी सोनमणि बोरा के मार्गदर्शन में राज्य एवं राज्य के बाहर फंसे जरूरत मंद श्रमिकों को श्रम विभाग के अधिकारियों एवं जिला प्रशासन द्वारा अन्य राज्यों के प्रशासनिक अधिकारियों, नियोक्ताओं, प्रबंधकों एवं संबंधित श्रमिकों से समन्वय कर भोजन, रहने-खाने, चिकित्सा सहित अन्य आवश्यकताओं और समस्याओं का निराकरण किया जा रहा है। साथ ही श्रमिकों एवं अन्य लोगों की आग्रह पर छत्तीसगढ़ से बाहर फंसे लोगों को छत्तीसगढ़ लाने की कार्यवाही की जा रही है। वहीं छत्तीसगढ़ में फंसे अन्य राज्यों के श्रमिकों तथा अन्य लोगों को उनके गृह राज्य भी भेजा रहा है। कर्मचारी राज्य बीमा (ईएसआई) के माध्यम से अब तक प्रदेश में 42 क्लीनिक संचालित है। जिसमें 49 हजार 899 श्रमिकों का उपचार कर दवा आदि का वितरण किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि राज्य स्तर पर 24ग्7 हेल्पलाईन (0771-2443809), (91098-49992), (75878-22800) स्थापित किया गया है। इसी प्रकार समस्त 27 जिलों में भी हेल्पलाईन नम्बर स्थापित किये गये है।