कैसे होती है कोर्ट मैरिज, दुल्हा-दूल्हन से लेकर गवाही में खड़े होने वालों तक का लगता है फोटो, यहां पढ़िए पूरा प्रोसेस…

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11 अगस्त 2019 भिलाई। भारत में कोर्ट मैरिज परंपरागत शादियों से बहुत अलग होती है। कोर्ट मैरिज बिना किसी परंपरागत समारोह के कोर्ट में मैरिज ऑफिसर के सामने संपन्न होती है। सभी कोर्ट मैरिज विशेष विवाह अधिनियम के तहत संपन्न होती हैं। कोर्ट मैरिज किसी भी धर्म, संप्रदाय अथवा जाति के बालिग युवक-युवती के बीच हो सकती है। किसी विदेशी व भारतीय की भी कोर्ट मैरिज हो सकती है। कोर्ट मैरिज में किसी तरह की कोई धार्मिक पद्धति नहीं अपनाई जाती। इसके लिए दोनों पक्षों को सीधे ही मैरिज रजिस्ट्रार के समक्ष आवेदन करना होता है।

शादी रजिस्ट्रार के समक्ष तीन गवाहों की मौजूदगी में संपन्न होती है। कोर्ट मैरिज की शर्तें- शादी के लिए आवेदन करने वाले युवक-युवती में से किसी का भी पहले से कोई विवाह नहीं होना चाहिए। दूल्हे की उम्र 21 और दुल्हन की 18 साल से कम नहीं होनी चाहिए। दोनों में से किसी की भी मानसिक हालत ऐसी नहीं होनी चाहिए कि वह विवाह के लिए वैध सहमति देने में अक्षम हो।

कोर्ट मैरिज के लिए प्रक्रिया 

– कोर्ट मैरिज के लिए रजिस्ट्रार को लिखित में नोटिस भेजना होता है कि वे शादी करने का इरादा रखते हैं। 
– संबंधित रजिस्ट्रार इस नोटिस की एक कॉपी अपने कार्यालय के नोटिस बोर्ड पर लगाता है। 
– अगर संबंधित शादी पर किसी को आपत्ति है तो वह उक्त नोटिस के प्रकाशन के 30 दिन के भीतर रजिस्ट्रार के समक्ष आपत्ति कर सकता है। अगर रजिस्ट्रार को लगता है कि आपत्ति जायज है तो शादी की प्रक्रिया समाप्त कर सकता है। 
– अगर, वह आपत्ति गलत पाता है तो शादी की प्रक्रिया को आगे बढ़ाकर उसे रजिस्टर कर देता है। रजिस्ट्रार द्वारा आपत्ति को स्वीकार करने के खिलाफ जिला न्यायालय में अपील की जा सकती है। 
– कोर्ट मैरिज से पहले दूल्हा-दुल्हन और गवाहों को रजिस्ट्रार के समक्ष एक घोषणपत्र पर दस्तखत करने होते हैं कि ये शादी बिना किसी दबाव के उनकी अपनी मर्जी से हो रही है। 
– सेक्शन 12 के मुताबिक कोर्ट मैरिज रजिस्ट्रार के कार्यालय में या उसके निकट किसी स्थान पर हो सकती है। इसके लिए नियत फीस जमा करना भी जरूरी है। 
– एक बार कोर्ट मैरिज के नियमों के मुताबिक शादी संपन्न होने के बाद रजिस्ट्रार सभी डिटेल भरकर मैरिज सर्टीफिकेट जारी करता है। 
– यहां पर यह भी ध्यान रखना होता है कि अगर शादी के नाेटिस के प्रकाशन के तीन महीने के भीतर किसी वजह से विवाह नहीं हो पाता है तो बाद में शादी करने के लिए दोबारा से नोटिस देना होता है। 

ये दस्तावेज लगेंगे

– पूरी तरह से भरा हुआ आवेदन पत्र और जरूरी शुल्क। 
– दूल्हा-दुल्हन के पासपोर्ट साइज के चार-चार फोटो। 
– आवास व पहचान का प्रमाण पत्र। 
– उम्र के प्रमाण के तौर पर जन्म प्रमाण पत्र या दसवीं की मार्कशीट। 
– शपथपत्र कि दाेनों में कोई भी किसी अवैध रिश्ते में नहीं बंधा है। 
– तलाकशुदा के मामले में तलाक का आदेश और विधवा के मामले में पहले के जीवन साथी का मृत्यु प्रमाण पत्र लगाना होगा। 
– गवाहों की फोटो व पैन कार्ड। 
– पहचान के लिए ड्राइविंग लाइसेंस या आधार कार्ड जैसा दस्तावेज। 

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