बैंक में जमा पैसों को आप सुरक्षित मानते हैं तो यह ग़लतफ़हमी है, जानिए कितना सेफ है आपका पैसा?

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नई दिल्ली, 15 दिसम्बर 2021। लोग सोचते हैं कि अपनी कमाई से हुई बचत को बैंक में बढ़िया से जमा कर देते हैं पैसा सेफ भी रहेगा और ब्याज भी मिलेगा, लेकिन बैंक में जमा पैसे की कोई गारंटी नहीं होती है। भले आपने अपने बैंक में 10 लाख रुपए जमा किए हों लेकिन जब बैंक डूबेगा तो बस सरकार की तरफ से आपको सिर्फ 5 लाख रुपए मिल जाएंगे। पहले ये डूबत रकम 1 लाख रुपए थी जिसे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12 दिसंबर को दिए अपने भाषण में 5 लाख कर देने की बात कही है।

दरअसल 12 दिसंबर को मोदी ने डिपॉजिटर्स फर्स्ट: गारंटीड टाइम-बाउंड डिपॉजिट इंश्योरेंस पेमेंट अप-टु ₹5 लाख’ कार्यक्रम में यह बात कही थी। यानी बैंक डूबने पर पहले आपको 1 लाख रुपये मिलते थे, अब 5 लाख रुपये तक की सरकारी गारंटी मिलेगी। सरकार इस बारे में पहले ही कानून बना चुकी है। 98% बैंक खाते तो गारंटी के दायरे में आते हैं लेकिन बैंकों में जमा करीब आधी रकम की कोई गारंटी नहीं रहती है।

अब आप ये सोच रहे होंगे की अगर आपका बैंक डूब गया तो क्या होगा, ये कैसे पता करें की कौन सा बैंक सेफ है या अनसेफ, दोनों बैंकों में 5-5 लाख से ज़्यादा रकम है और दोनों बैंक डूब गए तो क्या होगा। पैसा वापस कौन करेगा, तो इसके सरे जवाब आपको यहीं मिल जाएंगे लेकिन ये बात ज़रूर है कि आप को बैंक में जमा अपने पैसों की चिंता होने लगेगी।

सिर्फ 50.9% राशि सुरक्षित

बैंक आंकड़ों पर रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की एनुअल रिपोर्ट बताती है कि देश के सभी बैंकों में कुल 149.6 लाख करोड़ रुपये जमा हैं। डिपॉजिट इंश्योरेंस की सीमा 1 लाख से 5 लाख रुपये होने के बावजूद 76.21 लाख करोड़ रुपये की रकम ही सिक्योर हो पाई है, जो कुल जमा का 50.9 फीसदी है। यानी बैंकों में जमा 73.4 लाख करोड़ रुपये या कह लें कि 49.1 फीसदी रकम अब भी इस इंश्योरेंस के दायरे में नहीं आई है। यह स्थिति तब है, जब एक लाख की इंश्योर्ड सीमा बढ़ाकर 5 लाख रुपये की जा चुकी है। एक लाख का इंश्योरेंस 1993 से चला आ रहा था। उससे पहले 50 हजार और 30 हजार की रकम इंश्योर्ड हुआ करती थी। कुल 98.1 फीसदी बैंक खातों का कवरेज सुनने में अच्छा लग रहा है, लेकिन आंकड़ों को थोड़ा गहराई से देखें। देश में कुल 252.6 करोड़ बैंक खाते हैं। 247.8 करोड़ सिक्योर्ड हो गए हैं। यानी अब भी करीब 4.8 करोड़ खाते और उनमें रखे पैसे सिक्योर्ड नहीं हैं।

तो पैसा कौन देगा

डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) के जिम्मे बैंकों में जमा पांच लाख रुपये तक की रकम को इंश्योर करना है। यह RBI की सब्सिडियरी है यानी इस पर मालिकाना हक और कंट्रोल RBI का है। देश के हर बैंक का इसके तहत रजिस्टर्ड होना अनिवार्य है। 31 मार्च 2021 तक कुल इंश्योर्ड बैंकों की संख्या 2058 थी। इनमें 139 कमर्शियल बैंक और 1,919 कोऑपरेटिव बैंक थे। वे विदेशी बैंक जिनकी शाखाएं भारत में हैं, उनका डिपॉजिट भी इसके दायरे में है।