आप भरते हैं IT रिटर्न्स तो ये खबर आपके लिए.. इस बार आयकर विभाग ने किए काफी बदलाव, जानिए इस बार करना क्या होगा…

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18 अप्रैल 2019 भिलाई। आप आयकरदाता है और इस वर्ष आप पर आयकर विवरणी (रिटर्न्स) भरने की जिम्मेदारी है तो इस वर्ष कई नए प्रावधान और बदलाव आयकर विभाग लाया है। जिसकी वजह से अब और विस्तृत जानकारी की मांग विभाग करने जा रहा है। यदि करदाता आयकर रिटर्न्स में गलत जानकारी देते हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई भी होगी। सीए ब्रांच ने गाइडलाइन जारी की। जिसके मुताबिक कई जरूरी बदलाव हुए हैं।

आईटी रिटर्न्स भरने में ये जरूरी बदलाव: व्यापारियों को अलग से देनी होगी प्रॉफिट-लास की जानकारी, स्टॉक भी बताएंगे

अलग देनी होगी प्रॉफिट-लॉस की जानकारी: ऐसे सभी करदाता जो रेगुलर बुक्स ऑफ़ एकाउंट्स बनाते हैं। उन्हें अब अपने आयकर रिटर्न्स में अपने मैन्युफैक्चरिंग, ट्रेडिंग और प्रॉफिट-लॉस अकाउंट की विस्तृत जानकारी अलग से प्रस्तुत करनी होगी। साथ ही स्टॉक की जानकारी भी देनी होगी। इसका मिलान बुक्स ऑफ़ एकाउंट्स एवं ऑडिट रिपोर्ट के साथ संलग्न खाता बही से होगा।

जीएसटी रिटर्न्स की जानकारी भी: जीएसटी रिटर्न्स और ईपीएफ/ईएसआईसी रिटर्न्स में और आयकर रिटर्न्स में दी गई जानकारी का भी विभाग अलग से मिलान करेगा। किसी भी प्रकार का अंतर पाए जाने पर जुर्माना लगाया जा सकेगा। (आईटीआर 3,5,6 में देना है)

बैंकिंग टर्नओवर अलग से: यदि करदाता रेगुलर बुक्स ऑफ़ एकाउंट्स नहीं बनाते तो बैंकिंग के माध्यम से कितना टर्नओवर हुआ और नकद कितना इसकी जानकारी अलग से देनी है।

खेती की जमीन कितनी है: उन सभी करदाताओ को जिनकी कृषि से आय 5 लाख से ज्यादा है। उनको खेती में इस्तेमाल जमीन की विस्तृत जानकारी जैसे किस जिले में है? पिन कोड, खसरा की जानकारी, कितना रकबा सिंचित है, मालिकाना हक है कि नहीं? साथ ही सैटेलाइट के माध्यम से कितनी फसल हुई? कौन सी फसल हुई आदि कई जानकारी विभिन्न स्रोत से इकट्टा कर रहा है। जिसका उपयोग करदाताओ द्वारा दी गयी जानकारी की सत्यापन

शेयर होल्डर्स की जानकारी: सभी अनलिस्टेड कंपनियों तथा स्टार्टअप को अपने शेयर होल्डर की विस्तृत जानकारी देनी होगी। साथ ही अपने समस्त एसेट और लायबिलिटी की विस्तृत जानकारी और उनका उद्देश्य भी बताना होगा।

कंपनियों के डायरेक्टर्स की डिटेल: साल में जितनी भी कंपनियों में डायरेक्टर के पद पर रहे ( किसी भी दिन, कितने भी दिन) उसके संदर्भ में जानकारी जैसे- कंपनी का नाम, पैन, आपका डीआईएन आदि। इसका मिलान आरओसी से प्राप्त जानकारी से किया जाएगा।(आईटीआर 2 व 3 में देना है)। ऐसे व्यक्ति आईटीआर 1 सहज या 4 सुगम नहीं भर पाएंगे।

नौकरीपेशा को भी बताना है: अब सैलरी की जानकारी भी फॉर्म-16 में जैसे दी जाती है, ग्रॉस सैलरी, टैक्सेबल अलाउंस, करमुक्त अलाउंस आदि को वैसे ही अलग-अलग आयकर रिटर्न्स में दर्शाना होगा।

जमीन बेचा है तो भी बताओ: यदि 50 लाख से ज्यादा में कोई जमीन आदि को बेचा है तो उसका पता, खरीददार का पेन/टेन भी रिटर्न्स में जानकारी देना है। अब ब्याज को अलग अलग दर्शाना है जैसे सेविंग अकाउंट से, डिपाजिट से, आयकर रिफंड से, अन्य से आदि।

सीनियर सिटीजंस मैनुअल भरेंगे: इस वर्ष से केवल 80 वर्ष से अधिक के करदाता जिन्हें आईटीआर 1 या 4 जमा करना है। आयकर रिटर्न्स जमा करना अनिवार्य है।

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