बस्तर में बैंक ने बिना जांचे डेढ़ लाख के नकली नोट किए जमा.. और अगले दिन आदिवासियों को कर दिया पेमेंट.. नकली नोट की शिकायत मिली तो पुलिस ने 2 लोगों को किया गिरफ्तार..

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सुकमा 30 जनवरी, 2020। बस्तर डिवीजन में बड़े पैमाने पर नकली नोट खपाने का मामला सामने आया है। इसका शिकार वो आदिवासी हो रहे है, जो कम पढ़े लिखे है। हालाँकि हूबहू असली जैसे नोट नज़र आने कारण कई सामान्य और पढ़े लिखे लोग भी नकली नोट को लेकर मुसीबत में है। हाठ बाजारों में सबसे ख़राब हालत है। यहाँ धड़ल्ले से लोगो की जेब कट रही है। 50-100-200 और 500 के नकली नोटों से बाजार पट गया है। एक बार नकली नोट हाथ में आने और उसकी पहचान जाहिर होने के बाद कई लोग उसे नष्ट कर रहे है। लेकिन ऐसे भी लोगो की कोई कमी नहीं है, जो नुकसान से बचने के लिए उन नोटों को किसी भी छोटी – बड़ी दुकान में खपा दे रहे है। गंभीर बात यह है कि शहरी इलाको से लेकर जंगल के भीतर स्थित गांव में बसे आदिवासियों को रोजाना सैकड़ों का चूना लग रहा है। बस्तर के सुकमा, दंतेवाड़ा, बीजापुर, कोंडागांव और जगदलपुर के कई व्यापारी और ग्राहक दोनों नकली नोटों के चलन में आने से दो – चार हो रहे है। हालाँकि कोंटा क्षेत्र में नकली नोट चला रहे 2 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।

इन युवकों के पास से 20 हजार के 500 -500 के 40 नकली नोट बरामद किए गए है। पुलिस की पूछताछ में आरोपियों में 25 परसेंट कमीशन पर जाली नोट मार्केट में खपाने की बात कबूल की है| इस कारोबार में बड़े गिरोह के शामिल होने की आशंका हैं। बताया जाता है कि लंबे समय से कोंटा इलाके में पांच सौ के नकली नोट मार्केट और बैंक में खपाये जा रहे थे। इसका शिकार आम आदमी ही नहीं बल्कि पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा बलों के जवान भी हुए है। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार 23 जनवरी को कोंटा स्थित एसबीआई बैंक में 500 -500 के एक लाख 50 हजार जमा हुए थे। अगले दिन बैंक के द्वारा कुछ लोगों को पेमेंट किया गया। जिसमें कुछ लोगों ने बैंक से ही पैसें प्राप्त करने के कुछ देर बाद वापस बैंक आकर नोट नकली होने की शिकायत की। नकली नोटों की पुष्टि के बाद बैंक मैनेजर सुलभ गढ़ेवाल ने कोंटा थाने में इसकी लिखित शिकायत की थी। मुखबीर और सीसीटीवी फुटेज से एसबीआई बैंक में जमा किये गए नकली नोटों की पड़ताल की गई। इस दौरान संदेहियों को चिन्हांकित कर जाली नोट चलाने वाले सुरोजित मंडल को गिरफ्तार किया गया है।