आतंकी हमले में शहीद की बहन की शादी में CRPF के जवानों ने निभाया भाई का फर्ज, देखें भावुक कर देने वाली तस्वीरे….

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रायबरेली, 15 दिसम्बर 2021। यूपी के रायबरेली में एक शहीद जवान की बहन की शादी में CRPF के जवानों ने अचानक पहुंचकर भाई का फर्ज निभाया। इन्होंने शहीद शैलेंद्र प्रताप सिंह की बहन की शादी में भाई की तरह रस्में निभाईं। जवानों ने शैलेंद्र की बहन को आशीर्वाद दिया, उपहार दिए और फूलों की चादर के साथ उसे स्टेज तक लेकर गए।

यूपी के रायबरेली के रहने वाले शैलेंद्र प्रताप सिंह CRPF की 110वीं बटालियन में तैनात थे। उनकी बटालियन जम्मू-कश्मीर के सोपोर में अपनी सेवा दे रही थी। 5 अक्टूबर 2020 को दक्षिण कश्मीर के पुलवामा के लेथपुरा इलाके में आतंकियों से मोर्चा लेते हुए शैलेंद्र शहीद हो गए थे।

आजतक की रिपोर्टर कमलजीत संधू के मुताबिक सोमवार 13 दिसंबर को रायबरेली में CRPF के जवान शैलेंद्र प्रताप सिंह की बहन ज्योति सिंह की शादी थी। देर शाम को अचानक सीआरपीएफ के कुछ जवान शादी में पहुंच गए। शैलेंद्र के न होने के बाद भी सेना के करीब डेढ़ दर्जन जवानों को वहां देखकर आस-पड़ोस के लोग हैरान थे। जब शादी की रस्में शुरू हुईं तो इन सभी जवानों ने भाई की भूमिका निभाई। ये देखकर वहां मौजूद कई लोग भावुक हो गए।

आजतक के मुताबिक बेटी की शादी में जवानों के आने को लेकर शैलेंद्र के पिता ने कहा,

“मेरा बेटा अब इस दुनिया में नहीं है, लेकिन सीआरपीएफ ने इन सैनिकों के रूप में मुझे कई बेटे मिल गए हैं, ये सभी सुख और दुख दोनों में हमारे परिवार के साथ खड़े मिलते हैं।”

नवभारत टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक शैलेंद्र के परिवार में उनके पिता नरेंद्र बहादुर सिंह, मां सिया दुलारी सिंह और पत्नी चांदनी के अलावा तीन बहनें हैं। शैलेंद्र का एक 09 साल का बेटा भी है। दो बहनों की शादी पहले ही हो चुकी है। 13 दिसंबर को सबसे छोटी बहन की शादी थी।

अपने जवानों के शादी में पहुंचने की सीआरपीएफ ने भी तारीफ की है। सीआरपीएफ ने अपने आधिकारिक ट्विटर एकाउंट से एक ट्वीट कर इन जवानों को शैलेंद्र की बहन का ‘ ब्रदर्स  फॉर लाइफ’ बताया है। इस ट्वीट में लिखा है,

“ब्रदर्स फॉर लाइफ: शहीद जवान शैलेंद्र प्रताप सिंह की बहन के विवाह समारोह में सीआरपीएफ के जवान बड़े भाई के तौर पर शामिल हुए। CRPF की 110 बटालियन में तैनात शैलेंद्र प्रताप सिंह, 05 अक्टूबर 2020 को पुलवामा में एक आतंकवादी हमले के दौरान बहादुरी से जवाबी कार्रवाई करते हुए शहीद हो गए थे।”