खारून, शिवनाथ समेत छत्तीसगढ़ की पांच नदियों की स्थिति खराब, प्रदूषण का मुद्दा दिल्ली तक, सदन में रामविचार नेताम ने सरकार से किया सवाल, जवाब में केंद्रीय मंत्री ने कहा..

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नई दिल्ली 1 जुलाई, 2019। छत्तीसगढ़ से सांसद रामविचार नेताम ने राज्यसभा में प्रदेश की प्रदूषित नदियों के मुद्दें को प्रमुखता से उठाय़ा। नेताम ने प्रश्नकाल में केंद्रीय मंत्री से सवाल किया। नेताम ने पूछा कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट के अनुसार छत्तीसगढ़ के 5 प्रमुख नदिया महानदी, खारुन, हसदेव, केलो ओर शिवनाथ नदी को अत्यंत प्रदूषित घोषित किया गया है। सरकार द्वारा इन नदियों में प्रदूषण रोकने क्या उपयुक्त कदम उठाये जा रहे है। साथ ही इनकी साफ-सफाई के लिए क्या योजना बनाई गई है। और इसके लिए राज्य सरकार द्वारा अब तक कितनी धनराशि खर्च गई है।

  • सवाल के जवाब पर केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्यमंत्री बाबुल सुप्रियो ने जानकारी दी कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, राज्य प्रदूषण बोर्ड के सहयोग से नदियों के जल गुणवत्ता की नियमित आधार पर निगरानी कर रहा है।
  • और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट अनुसार हसवेद नदी(कोरबा से उर्ग), खारुन नदी(बुंदरी से रायपुर), महानदी(आरंग से शिहवा), शिवनाथ नदी(सिमगा से बेमटा) और केलो नदी(रायगढ़ से कनकटरोरा) के हिस्सों को जैव रसायन ऑक्सीजन डिमांड, जो जैव प्रदूषण का एक मुख्य संकेतक है, के आधार पर छत्तीसगढ़ के प्रदूषित भागो के रूप में अभिज्ञात किया गया है ।
  • उन्होंने ये भी कहा कि साथ ही मंत्रालय नदियों के साफ-सफाई, एवं उनके प्रदूषण स्तर के अनुसार के लिए स्वतंत्र संस्थाओं द्वारा मुल्यांकन करने योजना के अंतर्गत निधियों की उपलब्धता के अध्यधीन एनआरसीपी के अंतर्गत वितीय सहायता देने पर विचार कर रहे है।
  • लेकिन अब तक छत्तीसगढ़ सरकार से एनआरसीपी स्कीम के अंतर्गत निदियों में प्रदूषण उप मिशन कार्यो के लिए वित्तिय सहायता के लिए कोई प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुआ है।

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