सूरजपुर पुलिस का अमानवीय चेहरा… पीड़िता को इलाज के लिए अंबिकापुर जाने से रोका… इलाज के आभाव में मौत…

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बलरामपुर। जिले के वाड्रफनगर विकास खंड के ग्राम पंचायत गैना निवासी का तबीयत खराब होने के कारण परिजनों द्वारा बेहतर इलाज हेतु उसे अंबिकापुर निजी वाहन से ले जाया जा रहा था। इसी बीच प्रदेश में लाकडाउन लागू होने के कारण जिले की सीमाओं पर पुलिस की शक्ति देखी जा रही है। आपको बता दें कि बलरामपुर व सूरजपुर जिले जिले से होकर ही अंबिकापुर पहुंचा जा सकता है।

ग्राम गैना निवासी मृतिका बिहानिदेवी पति रामाधार उम्र 45 वर्ष जाति पनिका जो बुखार से पीड़ित थी महिला व उसके परिजन जब अंबिकापुर इलाज हेतु जा रहे थे। इसी दौरान सूरजपुर पुलिस ने उन्हें रोक दिया जबकि उनके पास हॉस्पिटल में इलाज का पर्ची था।वही रेवती पुलिस चेक पोस्ट ने उनसे कहा कि आप हमें आने-जाने का पास दो अन्यथा हम आपको नहीं जाने देंगे परिजन काफी परेशान है घंटों इंतजार करने के बाद पुलिस द्वारा उन्हें वापस कर दिया गया।

इलाज के अभाव में पीड़ित व उसके परिजन वापस होने लगे तब तक पीड़िता की मौत हो चुकी थी जिसके बाद वाहन मालिक भी उन्हें आधे रास्ते में उतार दिया और भाग निकला। आपको बता दें जिले की सीमाओं पर सूरजपुर पुलिस की शिकायतें आम हैं राहगीरों से पास नही होने के बाद उनसे पैसे की मांग कर जिले में प्रवेश दिया जाता है। ऐसी कई शिकायतें हैं जो सूरजपुर पुलिस के नाम है और आज मानवीय चेहरा सूरजपुर पुलिस का सामने आ गया जिसके कारण इलाज के अभाव में एक महिला की मौत हो गई।

इस संबंध में बलरामपुर जिले के पुलिस अधीक्षक रामकृष्ण साहू से बात की गई तो उन्होंने बताया कि इसकी शिकायत मुझे मिली है। अगर पीड़िता की स्थिति नाजुक थी तो उसे सूरजपुर पुलिस द्वारा नहीं रोका जाना चाहिए जिस निजी वाहन से उसे अंबिकापुर ले जाया जा रहा था सूचना मिली है कि चालक द्वारा उसे रास्ते में ही उतार दिया गया था उसके खिलाफ भी हमने संबंधित थानेदार को कार्यवाही हेतु कहा है। और तत्काल पीड़ित परिवार के पास हमने शासकीय वाहन भेज कर लाश को घर तक पहुचाने की भी व्यवस्था करवाई गई है।