ITR, TDS में सामान्य गलतियों पर नहीं होगी बड़ी कार्रवाई, वित्त मंत्रालय ने नियमों में दी ढील – सीए पियूष जैन

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17 सितंबर 2019 ,भिलाई नगर। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड द्वारा 25 लाख रूपये तक टीडीएस यानि आदमनी के स्त्रोत पर टैक्स कटौती को सरकारी खजाने में जमा कराने में अगर आप से 60 दिन तक की देरी होती है तो सामान्य परिस्थितयों में आपको दंडित नहीं किया जाएगा। हालांकि यदि आप यह जानबूझकर कर रहे हैं तो विभाग आप पर जरूर कार्रवाई कर सकता है।

लेकिन इसके लिए भी दो चीफ कमिश्नरों या इनकम टैक्स की डीजी की मंजूरी जरूरी होगी। सीबीडीटी बोर्ड द्वारा आईटीआर और टीडीएस के सामान्य नियमों को लेकर थोड़ी राहत दी गई है। शहर के वरिष्ठ सीए पियूष जैन ने बताया कि टैक्स चुकाने से जानबूझकर बचने और टैक्स रिटर्न नहीं भरने के ज्यादातर मामलों को अपराध नहीं माना जाएगा। यानी, ऐसा करने वालों पर आपराधिक धाराओं के तहत कार्रवाई नहीं होगी।

सीए जैन ने बताया कि वित्त मंत्री ने पिछले महीने ट्वीट किया था कि मैंने रेवेन्यू सेक्रटरी को निर्देश दिया है कि वो यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाएं कि ईमानदार करदाताओं को परेशान न किया जाए और जिन्होंने मामूली या प्रक्रियात्मक उल्लंघन किया है उन पर गंभीर ऐक्शन न लिया जाए। हालांकि इससे पहले एक मामले में मई में बॉलिवुड प्रड्यूसर फिरोज नाडियावाला सुर्खियों में थे।

दरअसल 8.56 लाख रुपये टीडीएस देने में देरी की वजह से मुंबई मैजिस्ट्रेटकोर्ट ने उन्हें 3 महीने के कठोर कारावास की सजा सुनाई थी। ऐसा इसलिए क्योंकि टीडीएस की सही धनराशि अगर सही समय पर जमा नहीं कराई जाती है तो इनकम टैक्स ऐक्ट के सेक्शन 276बी के तहत 3 महीने से लेकर 7 साल की सजा का प्रावधान है। देश में ऐसी अधिकतर सजा मैजिस्ट्रेट कोर्ट द्वारा दी जाती है।

कम्पाउंडंग ऐप्लिकेशन फाइलिंग में 12 महीने की राहत सीए पियूष जैन ने बताया कि सीबीडीटी ने आईटी रिटर्न में इनकम छुपाने से जुड़े अपराध पर भी अभियोजन मानदंडों में छूट दी है। अगर 25 लाख या उससे कम इनकम की राशि को छिपाया गया है तो तब तक ऐसे मामलों को नहीं उठाया जाएगा जब तक कॉलेजियम की मंजूरी नहीं मिल जाती।

आईटी ऐक्ट ने आईटी रिटर्न फाइल न करने पर मुकदमा चलाने के लिए 10 हजार रुपये की सीमा निर्धारित की थी। साथ ही नॉन फाइलिंग पर सश्रम 7 साल जेल की सजा हो सकती है। पिछले दिनों जारी एक दूसरे नोटिफिकेशन में सीबीडीटी ने कम्पाउंडिंग ऐप्लिकेशन फाइल करने के लिए 12 महीने की राहत दी है। यह एक बार का उपाय है और कम्पाउंडिंग अथॉरिटी के साथ दिसंबर के आखिर से पहले इसे फाइल करना जरूरी है।