किसान आंदोलन ने बढाई चिंता:प्रदेश भाजपा नेताओं से फोन पर फीडबैक ले रहे हैं केंद्रीय मंत्री, राजनाथ सिंह ने छत्तीसगढ़ में नेता प्रतिपक्ष को लगाया फोन….

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केंद्र सरकार के कृषि संबंधी तीन विवादित कानूनों के खिलाफ दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन के बढ़ते असर से भाजपा परेशान है। केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ नेता क्षेत्रीय नेताओं को फोन कर उनके क्षेत्र में किसानों की सोच का फीडबैक ले रहे हैं।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पिछले दिनों छत्तीसगढ़ विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक को फोन किया। बताया जा रहा है, इन दोनों नेताओं में किसान आंदोलन के प्रदेश में फैलने की आशंकाओं पर चर्चा हुई। राजनाथ सिंह ने केंद्रीय कृषि कानूनों को लेकर छत्तीसगढ़ के किसानों का रुख जानने की कोशिश की।

धरमलाल कौशिक ने राजनाथ सिंह को बताया है, यहां के किसानों में नये कानूनों को लेकर कोई नाराजगी नहीं है। कुछ संगठनों को छोड़कर बहुसंख्यक किसान किसी कानून विरोधी आंदोलन का हिस्सा नहीं है। वे अपने काम से काम रखे हुए हैं।

कौशिक ने कहा, यहां किसान राज्य की कांग्रेस सरकार की नीतियों की वजह से परेशान है। धान खरीदी में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इसके खिलाफ संगठन विधानसभा में और सड़कों पर लगातार आवाज उठा रही है। कौशिक ने केंद्रीय मंत्री को विधानसभा में आए स्थगन प्रस्तावों और किसान महापंचायतों की जानकारी दी।

भाजपा के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने बताया, केंद्रीय मंत्रियों के ऐसे फोन कुछ अन्य नेताओं के पास भी आए हैं। कुछ वरिष्ठ केंद्रीय पदाधिकारी प्रदेश पदाधिकारियों से बात कर प्रदेश की फीडबैक लेने की कोशिश कर रहे हैं।

कानून समझाने के लिए सभी मोर्चों पर तैयारी

बताया जा रहा है कि राजनाथ सिंह ने लोगों के बीच जाकर तीनों कृषि कानूनों से उनको होने वाले फायदे समझाने का निर्देश दिया है। इसके लिए किसान मोर्चा के अलावा दूसरे संगठनों और सोशल मीडिया सेल को भी लगाने का सुझाव है।

रणनीतिकारों का मानना है कि यह आंदोलन किसानों के साथ गरीब और मध्यम वर्ग के लाेगों को भी अपने प्रभाव में ले रहा है। अगर यह वर्ग मुखर हुआ तो पार्टी को दिक्कत हो सकती है।

प्रभारी महासचिव भी कर गई थीं बात

दिसम्बर की 7 और 8 तारीख को पहली बार छत्तीसगढ़ प्रवास पर आईं भाजपा की प्रदेश प्रभारी डी. पुरंदेश्वरी भी किसान आंदोलन पर चर्चा कर चुकी हैं। वरिष्ठ नेताओं के साथ व्यक्तिगत और कोर ग्रुप की बैठक में उन्होंने यह जानने की कोशिश की थी, यहां किसानों का रुख क्या है। कहा जा रहा है, उनके दौरे के बाद ही प्रदेश भाजपा किसान महापंचायत और धान खरीदी में दिक्कतों पर सक्रिय हुई।