जानिए भूपेश के करीबी अफसर, अगले मुख्य सचिव के बारे में भी पढ़ें और भूपेश सरकार पर मुहर.. वरिष्ठ पत्रकार शंकर पांडेय की लेख पढ़ें..

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वरिष्ठ पत्रकार शंकर पांडेय की लेख..

जब हौंसला बना लिया ऊंची उड़ान का….फिर देखना फिजूल है कद आसमान का….

छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव सुनील कुमार कुजूर को सेवा विस्तार मिलेगा ऐसा लगता नहीं है ऐसे में अक्टूबर में उनकी सेवानिवृत्ति पर नये मुख्य सचिव की तलाश शुरू हो चुकी है। हाल ही में मुख्य सचिव के दावेदार की मुख्यमंत्री के एक सलाहकार की सलाह पर पूर्व आईएएस अफसर से राजनेता बने पीएल पुनिया से मुलाकात (!) की भी जमकर चर्चा है हालांकि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की ये पसंद नहीं है…। छत्तीसगढ़ के मौजूदा मुख्य सचिव सुनील कुजूर अक्टूबर माह में सेवानिवृत्त होने वाले हैं। छत्तीसगढ़ के पहले आदिवासी मुख्य सचिव की सेवावृद्धि के लिए जुलाई में केंद्र सरकार को पत्र लिखा गया था। पर 2 माह होने को है और केंद्र से राज्य सरकार के प्रस्ताव पर कोई जवाब नहीं आया है। वैसे सेवावृद्धि बढ़ाने या नहीं बढ़ाने पर केंद्र से कोई जवाब नहीं आया है पर सूत्र बताते हैं कि केंद्र-राज्य के संबंधों के आधार पर यह माना जा रहा है मुख्यसचिव के 6 माह सेवावृद्धि का प्रस्ताव केंद्र सरकार स्वीकार करेगी ऐसा लगता नहीं है। हालांकि पड़ोसी राज्य में एक मुख्य सचिव की सेवावृद्धि पहले की गई थी पर उस समय केंद्र और राज्य में एक ही पार्टी की सरकार थी।

वैसे अगला मुख्य सचिव कौन होगा इसका फैसला मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को करना है। सूत्रों की मानें तो मुख्य सचिव बनने की योग्यता हासिल छत्तीसगढ़ राज्य में अजय सिंह (1983 बैच), एन बैजेन्द्र कुमार (85 बैच), डॉ. आलोक शुक्ला (86 बैच), आर.पी. मंडल (87बैच), सी.के. खेतान (87 बैच), बी.बी.आर. सुब्रमणयम (87 बैच), के.डी.पी. राव (88 बैच) तथा अमिताभ जैन (89 बैच) शामिल है। अजय सिंह सबसे वरिष्ठ आईएएस अफसर हैं उन्हें पूर्ववर्ती सरकार ने मुख्य सचिव बनाया था पर भूपेश बघेल की सरकार बनते ही उन्हें हटाकर राजस्व मंडल का अध्यक्ष बनाया गया है। उनकी वापसी संभव नहीं है। इन्हें फरवरी 2020 तक अभी कार्य करना है। दूसरे नंबर पर एन.बैजेन्द्र कुमार है। पूर्ववर्ती रमन सरकार के करीबी रहे ये अफसर अभी एन.एम.डी.सी. में अध्यक्ष और एमडी हैं। ये वापस आएंगे और इन्हें मुख्य सचिव बनाया जाएगा यह भी संभव नहीं लगता है। ये जुलाई 2020 तक सेवा में रहेंगे। तीसरे वरिष्ठ आईएएस अफसर डॉ. आलोक शुक्ला है। नान घोटाले में नाम आने के कारण ये मंत्रालय में अटैच है इन्हें कोई भी जिम्मेदारी नहीं दी गई है। ये तो मुख्य सचिव की दौड़ में शामिल ही नहीं है। जून 2020 में ये सेवानिवृत्त होंगे।अब मुख्य सचिव की दौड़ में शामिल 87 से 89 बैच के आईएएस अफसरों की चर्चा कर लें। ए.सी.एस के डीपी राव 88 बैच के अफसर हैं पर वे अक्टूबर 2019 में यानि अगले माह ही मुख्य सचिव सुनील कुमार के साथ सेवानिवृत्त हो जाएंगे तो वे दौड़ से बाहर हैं। 87 बैच के ही छत्तीसगढ़ कॉडर के आईएएस बी.बी.आर सुब्रमणयम वर्तमान में जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव के पद पर पदस्थ हैं। उनके छग लौटने की संभावना जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव के पहले नहीं के बराबर है। फिर वे केंद्र में रहेंगे या छग लौटेंगे यह अभी तय नहीं है।अब नये मुख्य सचिव के पद के लिए आर.पी. मंडल, सीके खेतान या इन लोगों के 2 बैच जूनियर अमिताभ जैन का नाम चर्चा में है। वैसे छत्तीसगढ़ में कार्य तथा बेदाग छवि के चलते आर.पी. मंडल अभी पहले नंबर पर चल रहे हैं। पंचायत तथा वन विभाग के एसीएस का पद सम्हाल रहे मंडल पर ही भूपेश बघेल की महत्वाकांक्षी योजना ‘नरूआ, गरूवा, घुरवा तथा बाड़ीÓ की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है। उन्हें पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी, डॉ. रमन सिंह के साथ महत्वपूर्ण विभागों में कार्य का अनुभव है। किसी से प्रभावित हुए बिना काम से काम रखने की उनकी नीति उन्हें मदद कर रही है। मंडल नवंबर 2020 तक छग सरकार को अपनी सेवाएं देंगे।87 बैच के ही सी.के. खेतान छत्तीसगढ़ में अपने कार्यकाल में चर्चित रहे हैं। अपनी नौकरी की शुरुवात में कांकेर में सहायक कलेक्टर बतौर कार्यरत मालिक मकबूजा प्रकरण में उनका नाम सीबीआई की चार्जशीट में शामिल था। जनसंपर्क विभाग में कार्य करने के दौरान संवाद का दफ्तर लाखों रुपये प्रति माह किराये पर लेने तथा अन्य चर्चा को लेकर वे जोगी शासन काल में विपक्ष के निशाने पर भी रहे। नगरीय प्रशासन विभाग की जिम्मेदारी सम्हालने के बाद सड़क सफाई के लिए कुछ नगर निगमों में लाखों की मशीन खरीदी के लिए भी वे चर्चा में रहे, वह मशीने बिना कार्य के कबाड़ में तब्दील हो गई…।

बहरहाल अजीत जोगी से उनकी नजदीकियां भी उनके लिए माइनस है। हाल ही में वन विभाग की जिम्मेदारी लेकर उन्हें गृह तथा जेल विभाग का एसीएस जरूर बनाया गया है पर परिवहन उनसे अलग कर एक आईएएस को दिया गया है। भूपेश सरकार का उनके प्रति नजरिया स्पष्ट करता है। इन्हें जुलाई 2021 तक सेवा करना है। यदि किसी कारणवश मंडल- खेतान की प्रतिस्पर्धा या दबाव का दौर चला तो इनसे 2 साल जूनियर छत्तीसगढ़ में ही पले बढ़े अमिताभ जैन का नंबर आ सकता है। भूपेश सरकार के बाद पूर्ववर्ती सरकार के समय बेतहाशा खर्च, नई सरकार द्वारा किसानों की कर्जमुक्ति सहित कुछ बड़ी आर्थिक योजनाएं शुरू करने के कारण प्रदेश की चिंतनीय आर्थिक स्थिति के चलते अमिताभ जैन को एसीएस वित्त की जिम्मेदारी देना भी भूपेश सरकार का इनके प्रति साफ्ट कार्नर का परिचायक है। मुख्य सचिव बनने 30 साल की सेवा के साथ बेहतर सीआर भी इनके लिए सहायक है। बहरहाल सुनील कुजूर की सेवावृद्धि होने या नहीं होने की सूरत में अगला मुख्य सचिव कौन होगा इसका अंतिम फैसला तो मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को ही करना है पर मुख्य सचिव बनने एक एसीएस अपनी दबाव की रणनीति शुरू कर चुके हैं। हाल ही में मुख्यमंत्री के एक सलाहकार की सलाह पर पी.एल. पुनिया से मुलाकात कर अपने पक्ष में माहौल बनाना शुरू कर चुके हैं यही नहीं रमन सिंह सरकार में अपने भाजपा के बिहार कनेक्शन का भी वे उपयोग करते रहे हैं। वहीं एक मुख्य सचिव के दावेदार के खिलाफ भी गाहे बगाहे शिकायत करने में भी वे पीछे नहीं है…।

छग के मुख्य सचिव….

छत्तीसगढ़ में लंबे समय तक मुख्य सचिव रहने का रिकार्ड विवेक ढांड के नाम है। मार्च 2014 को मुख्य सचिव बनने वाले विवेक ढांड को 31 मार्च 18 तक का कार्यकाल था पर वे समय पूर्व ही रेरा के अध्यक्ष का पद सम्हाल कर अपने पद से हट गये और अजय सिंह मुख्य सचिव बने थे। पी. जॉय उम्मेन छत्तीसगढ़ में लगभग साढ़े 3 साल मुख्य सचिव रहे। यह बात और है कि सेवानिवृत्ति के पहले वे लंबे अवकाश पर चले गये और उनके स्थान पर सुनील कुमार की ताजपोशी की गई। सुनील कुमार करीब 2 साल मुख्य सचिव रहे, प्रदेश बनने के बाद पहले मुख्य सचिव अरूण कुमार 2 साल 3 माह, एस.के. मिश्रा डेढ़ साल, ए.के. विजय वर्गीय लगभग 16 माह, आर. पी. बगई लगभग 14 माह, शिवराज सिंह लगभग 18 माह, तक इस पद पर रहे। छत्तीसगढ़ में वरिष्ठता को ताक पर रखकर मुख्य सचिव बनाने की परिपाटी पुरानी है। वी.के.एस. के वरिष्ठ होने के बावजूद मुख्य सचिव नहीं बन सके तो नारायण सिंह का भी हाल कुछ ऐसे ही हुआ।

भूपेश के करीबी अफसर….।

छत्तीसगढ़ की पूर्ववर्ती डॉ. रमन सिंह सरकार में सबसे ताकतवर अफसर के रूप में अमन सिंह की चर्चा होती थी। कहा जाता था कि ‘अमन से है रमन का चैनÓ यानि अमन सिंह है तो रमन सिंह को कोई दिक्कत नहीं है। 1995 बैच के अमन सिंह भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) ने छग में प्रतिनियुक्ति नहीं बढऩे पर अखिल भारतीय सेवा की नौकरी छोड़कर अनुबंध के आधार पर प्रमुख सचिव के स्तर पर कार्य करते रहे। बहरहाल छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल सरकार बनने के बाद अब उनके विश्वसनीय अधिकारी कौन-कौन है इस पर भी चर्चा शुरु हो गई है। मंत्रालय सूत्रों की मानें तो भूपेश बघेल के अति विश्वसनीय अफसरों में मुख्य सचिव सुनील कुजूर के अलावा प्रमुख सचिव गौरव द्विवेदी, संचालक जनसंपर्क सह आयुक्त तारण प्रकाश सिन्हा, आर.पी. मंडल, अमिताभ जैन, रेणु पिल्ले, पुलिस अफसरों में डीजीपी दुर्गेश माधव अवस्थी, डीजी गुप्तवार्ता संजय पिल्ले, एडीजी प्रशासन अशोक जुनेजा आदि का नाम शामिल है। वैसे अविभाजित म.प्र. के मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के कुछ पसंदीदा अफसर भी छग में पदस्थ हैं और वे भी भूपेश बघेल की गुडबुक में है।

भूपेश सरकार पर मुहर 

छतीसगढ़ में दंतेवाड़ा विधानसभा उप चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार देवती महेंद्र कर्मा की जीत और भाजपा की ओजस्वी भीमा मंडावी की हार से भूपेश सरकार के 9महीनो के कार्यकाल को जनता की मुहर माना जा सकता है. इस परिणाम से भाजपा के प्रादेशिक नेतृत्व पर भी सवाल उठ गये हैं. कांग्रेस की सुनामी में भी यह सीट भाजपा के पाले में गई थी। अब बस्तर में भाजपा का सफाया हो गया है. कांग्रेस ने भाजपा से यह सीट छीन ली है. लोकसभा परिणाम से उत्साहित भाजपा में निराशा के बादल छा गये हैँ. 

और अब बस…

  • 0 राज्योत्सव के पहले एक बड़ा प्रशासनिक एवं पुलिस विभाग में फेरबदल की अटकलें तेज हैं।
  • 0 पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी- डॉ. रमन सिंह मौजूदा सरकार के मुखिया भूपेश बघेल पर बदलापुर की राजनीति चलाने का आरोप लगा रहे हैं। भूपेश कहते हैं कि किस बात का बदला ले रहा हूं यह तो स्पष्ट कर दें..।