आजादी के सात दशक बाद भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है छत्तीसगढ़ की कोरकू जनजाति

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बलरामपुर। देश भले ही वैश्विक स्तर पर सफलताओं के नए आयाम और कीर्तिमान स्थापित कर रहा हो मगर ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी लोगों की दशा दयनीय है। सरकारें भले ही विकासशील होने का दावा मंच से करती हो मगर जमीनी हकीकत यह है कि ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी आजादी के 70 वर्ष बीत जाने के बाद भी मूलभूत सुविधाओं के नाम पर केवल तमगा दिया गया है। महानगर भले ही चांद पर पहुंच गए हों, मगर छत्तीसगढ़ के बलरामपुर में निवासरत कोरकू जनजाति आज भी बिजली, पानी और सड़क जैसी मूलभूत सुविधा को तरस रही है।

जिले के वाड्रफनगर का एक ऐसा गांव है जहां के लोग आज भी ग्राम मूलभूत सुविधा सड़क बिजली पानी के लिए तरस रहे हैं। आलम यह है कि यहां पर निवासरत ग्रामीणों की सुध लेने तक कोई नही पहुँचता।

दयनीय दशा
आजादी के 70 साल बीत जाने के बाद भी मूलभूत सुविधाओं और शासन प्रशासन की लापरवाही का दंश झेलते कोरकू जनजाति के लोग। बलरामपुर जिले के वाड्रफनगर विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत सुरसा के टोलकु पारा में बड़ी संख्या में कोरकू जनजाति के लोग निवास करते हैं। यहां इनके लिए बिजली सड़क, पेयजल,पुलिया आदि जैसी मूलभूत सुविधा आज तक उपलब्ध नहीं है। यही कारण है कि नदी नालों का पानी इन्हें पीना पड़ रहा है। कई बार लोग गन्दा पानी के पीने की वजह से गंभीर बीमारी से ग्रसित होते हैं और अपनी जान तक गंवा बैठते हैं।इतना ही नही कभी गर्भवती महिलाओं को अगर हॉस्पिटल ले जाना हो तो इनके घर तक एंबुलेंस भी नहीं पहुंच पाती है। कहने को तो प्रदेश सरकार व केंद्र सरकार विकास की धारा बहाने का बात करते हैं।लेकिन नजारा देखना हो तो ग्राम पंचायत सुरसा में एक बार जाकर सच्चाई जरूर देख सकते हैं।यहाँ निवास कर रहे लोगो को अगर घर जाना हो तो छोटी बड़ी कुल तीन नदी को पर कर लोग अपने घर पहुचते है जिसमे एक भी नदी में पुलिया नही बन सका है।

निस्तारी का साधन केवल बरसाती नाला
यहाँ रहने वाली पूजा बताती है कि निस्तारी का साधन बरसती नाला है जहाँ पर नाले के पानी से नहाना धोना,बर्तन माजना,बच्चों को नहलाना सभी काम इसी नाले से किया जाता है।और गर्मी के दिनों में पीने के पानी की काफी दिक्कत होती है अभी बरसात है तो नाले के पानी से काम चल जाता है। इनका मानना या है कि अब तक हर किसी के द्वारा कोई चर्चा नहीं की जाती है नहीं कोई समाधान निकलता है तो हम जाएं तो जाएं कहां इसलिए हम मजबूर होकर इस तरह से जी रहे हैं।

प्रशासन के यह बोल
इस संबंध में वाड्रफनगर के एसडीएम विशाल महाराणा से बात की गई तो उन्होंने बताया कि अभी तक ग्राम पंचायत सुरसा से ऐसी समस्या नहीं मिली है। अगर ऐसी समस्या है तो मैं तत्काल संबंधित विभाग से बात कर वहां रह रहे लोगों के लिए पेयजल की व्यवस्था कर आऊंगा क्योंकि अभी बारिश का मौसम है सड़क भी नहीं है और नल खनन हेतु वाहन जाने में दिक्कत होगी बारिश कम होने पर तत्काल जिनके लिए पेयजल की व्यवस्था कराई जाएगी।