‘मन की बात’ में PM मोदी बोले- युवा देश को तबाह न कर दें इसलिए ई-सिगरेट पर लगाया प्रतिबंध.. लता मंगेशकर को भी किया याद…

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज ‘मन की बात’ कार्यक्रम से देश को संबोधित किया। अमेरिका के दौरे से लौटने के बाद पीएम मोदी आज (रविवार) मन की बात के जरिये देश को संबोधित किया। यह कार्यक्रम रेडियो पर सुबह 11 बजे शुरू हुआ। यह पीएम मोदी के दूसरे कार्यकाल की चौथी मन की बात है। मन की बात में पीएम मोदी ने लता मंगेशकर को याद किया और कहा कि हमारे बीच भाई-बहन का रिश्ता है। उन्होंने कहा, ‘आज की मन की बात में देश की महान शख्सियत की बात करूंगा। हम सभी हिंदुस्तान वासियों को उनके प्रति बहुत सम्मान है और लगाव है। वो उम्र में हम सभी से बहुत बड़ी हैं, हम उन्हें लता दीदी कहते हैं। लता दीदी 28 सितंबर को 90 वर्ष की हो रही हैं।’

  • आज के इस कार्यक्रम में पीएम मोदी ने सिस्टर मरियम थ्रेसिया का जिक्र किया, और उनकी तारीफ की। सिस्टर मरियम थ्रेसिया भारत की महिला संत बनने वाली हैं।
  • आपको जानकर खुशी होगी कि भारत ने ट्रैवल एण्ड टूरिज्म कॉम्पटेटिव इनडेक्स में बहुत सुधार किया है. आज हमारी रैंक 34 है जो 5 साल पहले 65 थी।
  • अगर हमने और कोशिश की तो आजादी के 75 साल आते-आते हम टूरिज्म में दुनिया के प्रमुख स्थानों में अपनी जगह बन लेंगे।
  • 15 अगस्त को मैंने लाल किले से कहा था कि 2022 तक आप भारत के 15 स्थानों पर जाएं. कम से कम 15 स्थान और वो भी हो सके तो एक रात, दो रात रुकने का कार्यक्रम बनाएं. आप हिंदुस्तान को देखें, समझें, अनुभव करें।
  • आज जब हम गांधी की 150वीं जयंती मना रहे हैं, तो इसके साथ ही 130 करोड़ देशवासियों ने सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्त होने का संकल्प लिया है।
  • मुझे विश्वास है, आप सब 2 अक्टूबर को सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्ति के लिए होने वाले अभियान का हिस्सा बनने वाले ही होंगे।
  • युवा पीढ़ी देश का भविष्य है। ई सिगरेट पर प्रतिबंध लगाया गया है ताकि नशे का यह नया तरीका हमारे युवा देश को तबाह न कर दे।
  • हाल ही में भारत में ई सिगरेट पर प्रतिबंध लगाया गया। ई सिगरेट के बारे में गलत धारणा पैदा की गई है कि इससे कोई खतरा नहीं है। सामान्य सिगरेट से अलग ई सिगरेट में निकोटीन युक्त तरल पदार्थ को गर्म करने से एक प्रकार का केमिकल युक्त धुंआ बनता है।

13 अक्टूबर को मिलेगा उन्हें संत की उपाधि

‘मन की बात’ में पीएम ने सिस्टर मरियम के कार्यों का उल्लेख किया है. पोप फ्रांसिस ने वेटिकन सिटी में ये फैसला लिया है कि पोप आगामी 13 अक्टूबर को होने वाले उपाधि सम्मेलन में भारत में नन रहीं सिस्टर मरियम थ्रेसिया को संत की उपाधि औपचारिक तौर पर देंगे. केरल में सामाजिक उत्थान के कामों के लिए जीवन समर्पित करने वाली सिस्टर मरियम को क्यों मदर टेरेसा की तरह माना जाता है और कौन थीं सिस्टर मरियम? इन सवालों के जवाब में एक दिलचस्प कहानी जानें.

मदर टेरेसा के साथ उनमें कई समानताएं भी रहीं हैं

संत की उपाधि देने की घोषणा से पहले 1999 में सिस्टर मरियम को सम्माननीय एवं पूज्यनीय घोषित किया गया था और साल 2000 में उन्हें धन्य आत्मा भी कहा गया था. ये दोनों ही घोषणाएं पोप जॉन पॉल द्वितीय ने की थीं. केरल में जन्मीं सिस्टर मरियम को मृत्योपरांत संत घोषित किया जाएगा और यही एक बात है जो उन्हें मदर टेरेसा से अलग करती है. मदर टेरेसा के साथ उनमें कई समानताएं भी रहीं.

26 अप्रैल 1876 को केरल के त्रिशूर जिले में हुआ था उनका जन्म

केरल के धार्मिक लोग सिस्टर मरियम को उनके सामाजिक कामों के लिए याद करते हैं और बताते हैं कि वो गरीब या दीन हीन तबके के लिए बेहद संवेदनशील थीं. इस दयाभाव के कारण उनकी तुलना मदर टेरेसा के साथ अक्सर की जाती है. 26 अप्रैल 1876 को केरल के त्रिशूर जिले में जन्मीं सिस्टर मरियम 50 साल की उम्र में 8 जून 1926 को दुनिया को छोड़ गई थीं लेकिन उनके किए काम आज भी याद किए जाते हैं और उनकी बनाई संस्था आज भी चल रही है।

 अमेरिका के दौरे से लौटने के बाद पीएम मोदी आज(रविवार) मन की बात के जरिये देश को संबोधित कर रहे हैं. यह कार्यक्रम रेडियो पर सुबह 11 बजे शुरू हुआ. यह पीएम मोदी के दूसरे कार्यकाल की चौथी मन की बात है. मन की बात में पीएम मोदी ने लता मंगेशकर को याद किया और कहा कि हमारे बीच भाई-बहन का रिश्ता है. उन्होंने कहा, ‘आज की मन की बात में देश की महान शख्सियत की बात करूंगा. हम सभी हिंदुस्तान वासियों को उनके प्रति बहुत सम्मान है और लगाव है. वो उम्र में हम सभी से बहुत बड़ी हैं, हम उन्हें लता दीदी कहते हैं. लता दीदी 28 सितंबर को 90 वर्ष की हो रही हैं.’

  • हमारे यहां शास्त्रों में कहा गया है. विद्या विनय उपेता हरति..न चेतांसी कस्य मनुज्स्य..मणि कांचन संयोग:..जनयति लोकस्य लोचन आनन्दम. यानी, जब किसी व्यक्ति में योग्यता और विनम्रता एक साथ समाहित हो जाए, तो वो फिर किसका दिल जीत सकता है.
  • देश के सारे विद्यार्थियों, टीचर और परिजनों से मेरा आग्रह है कि आप स्ट्रेस फ्री एग्जाम से जुड़े पहलुओं को लेकर के अपने अनुभव मुझे बताइए, सुझाव बताइए. उस पर मैं सोचूंगा और उसमें से जो मुझे ठीक लगेगा उसको मैं मेरे अपने शब्दों में लिखने का प्रयास करूंगा.
  • हम बेटियों की उपलब्धियों के बारे में सोशल मीडिया में अधिक से अधिक शेयर करें और हैशटैग यूज करें.
  • हमारे बीच कई ऐसी बेटियां होंगी जो अपनी मेहनत और लगन से, टैलेंट से परिवार, समाज और देश का नाम रोशन कर रही होंगी. क्या इस दिवाली पर भारत की इस लक्ष्मी के सम्मान के कार्यक्रम हम कर सकते हैं?
  • दीपावली में सौभाग्य और समृद्धि के रूप में, लक्ष्मी का घर-घर आगमन होता है. हमारी संस्कृति में बेटियों को लक्ष्मी माना गया है, क्योंकि बेटी सौभाग्य और समृद्धि लाती हैं. क्या इस बार हम अपने समाज, गांव, शहरों में बेटियों के सम्मान के कार्यक्रम रख सकते हैं?
  • क्या इस बार, त्योहारों के इस सीजन में, पूरी जागरूकता और संकल्प के साथ इस चिराग तले अंधेरे को मिटा सकते हैं. कई गरीब परिवारों के चेहरे पर आई मुस्कान, त्यौहार पर आपकी खुशियां दो-गुना कर देगी, आपकी दिवाली और रोशन हो जायेगी.
  • – त्यौहारों का असली आनंद तभी है, जब यह अंधेरा छठे, उजियारा फैले. हम वहां की खुशियां बांटे जहां अभाव है और ये हमारा स्वभाव भी हो. कम से कम हमारे घरों में जो अधिकता में है, ऐसी चीजों को जरूरत मंदों को जरूर दें.
  • एक तरफ कुछ घर रोशनी से जगमगाते हैं, वहीं दूसरी तरफ, उसी के सामने कुछ लोगों के घरों में अंधेरा छाया होता है. कुछ घरों में मिठाइयां खराब हो रही होती हैं तो कुछ घरों में बच्चे मिठाई को तरसते हैं.
  • त्यौहारों में घर खुशियों से भरे होंगे, लेकिन आपने देखा होगा कि हमारे आस-पास भी बहुत सारे ऐसे लोग हैं जो इन त्यौहारों की खुशियों से वंचित रह जाते हैं और इसी को तो कहते हैं – ‘चिराग तले अंधेरा’. ये कहावत एक शब्द नहीं है, हम लोगों के लिए एक आदेश है, एक दर्शन.
  • हम सभी नवरात्रि महोत्सव, गरबा, दुर्गापूजा, दशहरा, दीवाली, भैया-दूज, छठ पूजा, अनगिनत त्यौहार मनाएंगे. आप सभी को आने वाले त्यौहारों की ढेर सारी शुभकानाएं.
  • लता दीदी आपको जन्मदिन की बहुत-बहुत शुभकामनाएं, अग्रिम बधाई दे दूं. आपका स्वास्थ्य अच्छा रहे आपका आशीर्वाद हम सभी पर बना रहे, बस यही प्रार्थना और आपको प्रणाम करने के लिए मैंने अमेरिका जाने से पहले ही आपको फोन किया.

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  • मन की बात में पीएम मोदी ने लता मंगेशकर को याद किया और कहा कि हमारे बीच भाई-बहन का रिश्ता है.
  • आज की मन की बात में देश की महान शख्सियत की बात करूंगा. हम सभी हिंदुस्तान वासियों को उनके प्रति बहुत सम्मान है और लगाव है. वो उम्र में हम सभी से बहुत बड़ी हैं, हम उन्हें लता दीदी कहते हैं. लता दीदी 28 सितंबर को 90 वर्ष की हो रही हैं.