मनरेगा अपडेट: लॉकडाउन में सुकमा में 16 हजार लोगों को रोजगार.. जल संरक्षण, जल संचय और प्राकृतिक संसाधनों को सहेजने के साथ ग्रामीणों को मिला बड़ी संख्या में काम

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रायपुर 21 अप्रैल, 2020। मनरेगा के अंतर्गत इन दिनों प्रदेश की ग्राम पंचायतों में व्यापक स्तर पर काम शुरू किए गए हैं। लॉक-डाउन अवधि में इन कार्यों से ग्रामीणों को गांव में ही रोजगार मिलने के साथ जल संरक्षण, जल संचय और प्राकृतिक संसाधनों को सहेजने के काम हो रहे हैं। शासन के दिशा-निर्देशों के मुताबिक सभी कार्यस्थलों में कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने के उपाय किए गए हैं। इन उपायों के अंतर्गत मास्क या कपड़े से मुंह ढंककर रखने, साबुन से हाथ धुलाई और एक-दूसरे से शारीरिक दूरी बनाकर रखने के निर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया जा रहा है।

मनरेगा के तहत सुकमा जिले की 137 ग्राम पंचायतों में अभी 530 कार्य चल रहे हैं। इन कार्यों से 16 हजार से अधिक मजदूरों को उनके गांव में ही रोजगार मिला हुआ है। कोरोना संकट की वजह से लॉक-डाउन अवधि में स्थानीय स्तर पर काम मिलने से ग्रामीण काफी राहत महसूस कर रहे हैं। इसने उन्हें घर चलाने की चिंता से मुक्त कर दिया है। श्रमिकों को मजदूरी भुगतान के बाद ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी गति मिल रही है। पिछले एक महीने में सुकमा जिले में करीब नौ करोड़ रूपए का मजदूरी भुगतान किया गया है।

जिला प्रशासन, जिला पंचायत, जनपद पंचायतों और ग्राम पंचायतों के बीच बेहतर समन्वय बनाकर अधिक से अधिक कार्य शुरू किए जा रहे हैं। सुकमा के तीनों विकासखंडों कोंटा, सुकमा और छिंदगढ़ में कुल चार हजार नरवा उपचार, दो हजार भूमि समतलीकरण, 1100 निजी डबरी, 380 तालाब, 80 गौठान, 700 नाडेप, 350 बाड़ी, 240 कुआं, 400 पशु-शेड और 280 आंगनबाड़ी सहित साढ़े नौ हजार से अधिक कार्यों की योजना बनाई गई है। मनरेगा कार्यों से जहां जरूरतमंदों को अच्छी मजदूरी मिल रही है, वही गांवों में बड़ी संख्या में परिसंपत्तियों, मूलभूत सुविधाओं, सिंचाई विस्तार, जल संरक्षण और जल संचय के लिए संरचनाओं का निर्माण भी हो रहा है।