शिक्षा विभाग में दो दर्जन से ज्यादा अफसरों का हो सकता है तबादला, इनके अलावा प्राचार्य व्याख्याता और सहायक प्राध्यापकों का भी होगा ट्रांसफर…

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28 मई 2019, रायपुर। लोकसभा चुनाव की आदर्श आचार संहिता हटते ही रायपुर स्थित विभिन्न प्रमुख शिक्षा दफ्तरों में दो दर्जन से अधिक अधिकारियों पर तबादले की तलवार लटक रही है। सालों से रायपुर में जमे अफसरों को हटाकर मैदानी इलाकों में भेजने के लिए प्रक्रिया शुरू हो गई है। स्कूल शिक्षा विभाग के सूत्रों की मानें तो राजधानी के जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय, समग्र शिक्षा अभियान, राज्य ओपन स्कूल, छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल, जिला साक्षरता दफ्तर समेत रायपुर के कई विकासखंडों के शिक्षा अफसरों की सर्जरी होगी।

इसके अलावा कई स्कूलों के प्राचार्य, व्याख्याता और खासकर एससीईआरटी व अन्य दफ्तरों में भी सालों से जमें सहायक प्राध्यापकों को इधर से उधर किया जाएगा। यह पहली दफा होगा जब रायपुर में बैठे सबसे अधिक अफसरों को इधर से उधर करने की तैयारी है।

मापदंड नहीं सहूलियत के आधार पर तबादले

सूत्रों की मानें तो राज्य ओपन स्कूल में तीन अफसरों को हटाकर बाहर से अधिकारियों को लाने की प्रक्रिया चल रही है। इसमें दो व्याख्याता हैं और एक प्राचार्य स्तर के अफसर हैं। इसी तरह से माशिमं में सालों से विद्योचित में जमें सहायक प्राध्यापक और उपसचिव का भी तबादला हो सकता है।

बताया जाता है कि पिछली सरकार में जिन अफसरों को यहां लाया गया था उनका तीन साल कार्यकाल भले ही पूरा नहीं हुआ है, फिर भी वर्तमान सरकार अपनी सहूलियत के आधार पर उन्हें हटा सकती है। हालांकि नियमानुसार किसी अधिकारी को तीन साल से पहले बिना किसी कारण के हटाना ठीक नहीं माना जाता है।

तो क्या परफार्मेंस आएगा काम ….?

रायपुर के चार विकासखंडों में सभी विकासखंड अधिकारियों के नाम की अटकलें लगाई जा रही है लेकिन हाल ही में एक विकासखंड शिक्षा अधिकारी ने कोर्ट से स्टे लेने के बाद अपनी कुर्सी बचा ली है। बहरहाल देखना होगा कि शिक्षा अफसर इस तरह प्रदेश में अन्य जगहों पर कोर्ट जाने वाले अधिकारियों को कहां पदस्थ करती है ?

वहीं कुछ सूत्रों का कहना है कि अफसरों के तबादले से पहले उनका परफार्मेंस भी देखा जा रहा है। अब देखना यह है कि क्या परफार्मेंस के आधार पर अफसर तबादला रोक पाएंगे। स्कूल शिक्षा विभाग प्रदेश स्तर पर एक बार फिर विकासखंड स्तर पर अधिकारियों के तबादले की सूची तैयार कर रहा है। बताया जाता है कि नई सरकार आने के बाद कई नये प्राचार्य भी बीईओ बनने के लिए एड़ी-चोटी का बल लगा रहे हैं और मंत्रियों के बंगले से लेकर मंत्रालय तक अपनी काबिलियत का हिसाब दे रहे हैं।

कई जिलों में बदलेंगे डीईओ

चुनाव से पहले राज्य सरकार ने कई जिलों के प्रभार को बदला था। अब एक बार फिर नए सत्र के हिसाब से जिला शिक्षा अधिकारियों (डीईओ) का तबादला करने की तैयारी है। लोकसभा चुनाव से पहले राज्य सरकार ने पिछली सरकार के कार्यकाल में पांच महीने पहले ही पदस्थ किये गये शिक्षा अफसरों को हटाया था ।

तर्क था कि प्रभारियों को हटाया जा रहा है, लेकिन बाद में दुर्ग में प्रभारी डीईओ बनाने के बाद मामला विवाद में भी पड़ गया था। लिहाजा कई जिला शिक्षा अधिकारियों ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था । कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद शिक्षा विभाग को आखिरकार इन अफसरों की नये सिरे से पदस्थापना करनी पड़ी थी।

एक कुर्सी में बैठा दिया दो प्राचार्य, गड़बड़ी भी नहीं सुधारी

चुनाव से पहले स्कूल शिक्षा विभाग ने तबादला करते समय बड़ी गड़बड़ी की थी, जिसमें अभी तक सुधार नहीं हो पाया है। दरअसल, डाइट रायपुर में उपसंचालक स्तर के अधिकारी के. खटकर को प्राचार्य बनाया गया है, लेकिन इस पद पर पहले से बैठे उप संचालक स्तर के अधिकारी व प्राचार्य आरके वर्मा को कहां पदस्थ किया जाना है, सूची में कहीं जिक्र नहीं था। यानी एक ही कुर्सी पर दो-दो प्राचार्य पदस्थ कर दिए गए हैं। इस घोर लापरवाही पर स्कूल शिक्षा विभाग ने अभी तक चुप्पी साध रखी है।

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