13 जुलाई 2019 दुर्ग। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मोतीलाल वोरा के सुपुत्र और दुर्ग शहर विधायक अरूण वोरा के खिलाफ दुर्ग मेयर चंद्रिका चंद्राकर समेत भाजपा पार्षदों ने मोर्चा खोल दिया है। वोरा को घेरने के लिए रणनीति भी बना रहे हैं। मेयर समेत भाजपा पार्षदों ने वोरा के खिलाफ पहले ही निर्वाचन आयोग में शिकायत कर चुके हैं। अब ताजा मामला एमआईसी की बैठक में देखने को मिला।
जहां मेयर समेत एमआईसी मेंबर वोरा को टारगेट करते हुए अफसरों की क्लास ले ली। बैठक में मेयर चंद्रिका चंद्राकर ने सबसे पहले ईई मोहनपुरी गोस्वामी पर सबसे अधिक नाराजगी व्यक्त की। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मेयर ने कहा कि अधिकारी नेता की तरह बात करते हैं। मेरा फोन नहीं उठाते, फाइल में साइन नहीं करते। 15-15 दिनों तक फाइल रोक देते हैं। उन्हें तत्काल मेयर व पार्षद निधि के कार्यों की जिम्मेदारी से हटाया जाए। इस बीच महापौर परिषद की तरफ से बैठक में यहां तक कह दिया गया कि यदि नेतागिरी करनी है तो कांग्रेस का चम्मच बनकर करें, यहां ऐसा नहीं चलेगा।
– मेयर ने यह भी कहा कि पिछले 15 सालों में कभी भी कांग्रेस व भाजपा वार्ड सोचकर काम नहीं किया गया। अब क्यों ऐसा हो रहा है? क्या सड़क पर उतरकर हमें जनता के हितों के लिए काम करना होगा?
– उन्होंने हर बात पर विधायक अरुण वोरा की दखल पर भी नाराजगी व्यक्त की।
– बैठक में एमआईसी शिवेंद्र परिहार, दिनेश देवांगन, देवनारायण चंद्राकर, कविता तांडी, विजय जलकारे, गायत्री साहू सहित अन्य मौजूद थे।
– मेयर चंद्रिका ने कहा कि विधायक वोरा केवल बयानबाजी व श्रेय की राजनीतिक तक सीमित हैं। फूटी कौड़ी वे लेकर नहीं आ सके।
– पिछली सरकार के जिन कार्यों की स्वीकृति मिली उनमें भिलाई व राजनांदगांव शहर पूरी राशि लाने में सफल रहे, लेकिन हमें अब तक राशि नहीं मिल पाई।
– 5 करोड़ को सभी 60 वार्डों में बांट पाना संभव नहीं हो पा रहा। इसलिए हम पुन: मंत्री से मिलकर वस्तु स्थिति से अवगत कराएंगे।