मंत्री अनिला भेड़िया ने ली समीक्षा बैठक.. कोरोना महामारी के संक्रमण से निपटने के उपायों पर की चर्चा.. कृषि मंत्री ने जिले मे खाद-बीज के भण्डारण एवं उठाव की ली जानकारी…

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बेमेतरा 11 जून, 2020।  प्रदेश की महिला एवं बाल विकास, समाज कल्याण मंत्री एवं बेमेतरा जिले की प्रभारी मंत्री श्रीमती अनिला भेड़िया ने आज गुरुवार को जिला स्तरीय अधिकारियों की बैठक लेकर विभागीय योजनाओं एवं कार्यक्रमों के क्रियान्वयन की समीक्षा की। बैठक में कृषि, पशुपालन एवं जलसंसाधन मंत्री रविन्द्र चौबे, विधायक बेमेतरा आशीष कुमार छाबड़ा, नवागढ़ विधायक गुरूदयाल सिंह बंजारे, कलेक्टर शिव अनंत तायल, पुलिस अधीक्षक दिव्यांग कुमार पटेल, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी रीता यादव, अपर कलेक्टर संजय कुमार दीवान सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

  • महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेड़िया ने कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना वायरस कोविड-19 के संक्रमण के रोकथाम के लिए जिले मे किये जा रहे उपाय एवं प्रयास के संबंध मे जानकारी ली।
  • मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि बेमेतरा के लाइवली हुड कॉलेज मे 50 बिस्तर युक्त एवं शासकीय स्नातकोत्तर (पीजी) कॉलेज बेमेतरा मे 100 बिस्तर आइसोलेशन वार्ड तैयार किया गया है। बेमेतरा के एमसीएच मे 100 बिस्तर युक्त कोविड-19 अस्पताल तैयार किया गया है। ऑक्सीजन पाईप लाईन विस्तार कार्य जारी है।
  • प्रभारी मंत्री ने कहा कि इस महामारी से निपटने के लिए शासन-प्रशासन लगातार प्रयास कर रही है। जिले के अधिकारी भी टीम भावना से अच्छा कार्य कर रहे हैं। अन्य राज्यों के मुकाबले छ.ग. मे कोरोना का संक्रमण कम है। कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने जिले मे खाद, बीज के भण्डारण एवं उठाव की समीक्षा की।
  • उप संचालक कृषि ने बताया कि जिले मे धान बीज का लक्ष्य 22 हजार क्विंटल के विरुद्ध 23 हजार 904 क्विंटल भण्डारण कर 19 हजार 485 क्विंटल का वितरण किया जा चुका है। अरहर का लक्ष्य 235 क्विंटल के विरुद्ध 159 क्विंटल भण्डारण कर लिया गया है। किसानों द्वारा अपने जरुरत के मुताबिक उठाव किये जा रहे है।
  • खरीफ वर्ष 2020 के लिए युरिया, डीएपी, एनपीके, आदि उर्वरक का डबल एवं सिंगल लॉक एवं निजी भण्डारण का लक्ष्य 63200 मीट्रिक टन के विरुद्ध 45558 मीट्रिक टन भण्डारण किया गया है। किसानो द्वारा सिंगल लॉक 26715 मीट्रिक टन एवं निजि व्यवसायियों से 1701 मीट्रिक टन इस प्रकार कुल 28416 मीट्रिक टन उठाव कर लिया गया है। इस तरह जिले मे 61 प्रतिशत खाद का उठाव किया गया है। उप संचालक कृषि ने बताया कि निकट भविष्य मे रोपा एवं बियासी के समय खाद के उठाव मे तेजी आयेगी।
  • कलेक्टर तायल ने आश्वस्त किया कि जिले के सभी अधिकारी-कर्मचारी टीम भावना से कार्य करते हुए शासन की योजनाओें एवं कार्यक्रमों का बेहतर क्रियान्वयन करेंगें। राजीव गांधी किसान न्याय योजना के अंतर्गत बेमेतरा जिले मे लाभान्वित किसानों की संख्या एक लाख 10 हजार 935 है। किसानों को 94 करोड़ 60 लाख 56 हजार रु. उनके बैंक खाते मे ऑनलाइन भुगतान कर दिया गया है। 
  • प्रभारी मंत्री भेडिया ने स्पष्ट रूप से कहा कि पूरक पोषण आहार, रेडी टू ईट की गुणवत्ता एवं वितरण में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। शिकायत मिलने पर संबंधित अधिकारी कर्मचारी के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने गड़बड़ी करने वाले समूहों को तत्काल बर्खाश्त करने के निर्देश दिये।
  • विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि जिले मे 1079 आंगबाड़ी केन्द्र संचालित है। लॉकडाउन के दौरान आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा घर-घर जाकर रेडी-टू-ईट का वितरण किया गया। उन्होने बताया कि प्रवासी मजदूर जो क्वारेंटाइन सेन्टर मे रुके हैं, इनमे 311 गर्भवतियों को स्व-सहायता समूह के सहयोग से सु-पोषण किट का वितरण किया गया। इस कार्य कि प्रधानमंत्री कार्यालय एवं भारत सरकार के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा सराहना भी की गई।
  • कृषि मंत्री ने कहा कि पशुधन विकास विभाग, मछली पालन, कृषि उद्यानिकी विभाग के हितग्राहीमूलक योजनाओं का लाभ वास्तविक एवं जरुरतमंद लोगों को ही मिले अधिकारी इस बात का ध्यान अवश्य रखें। विधायक बेमेतरा आंनद छाबड़ा ने बेरला विकासखण्ड के कुछ गांवों मे ओलावृष्टि एवं अतिवृष्टि से हुए फसल के नुकसान का मुआवजा के वितरण की मांग रखी।
  • प्रभारी मंत्री अनिला भेड़िया ने पुलिस अधीक्षक से जिले मे अवैध शराब की बिक्री, जुआ सट्टा पर नियंत्रण के संबंध मे जानकारी ली। इसके अलावा उन्होने जिले मे पेयजल एवं निस्तारी जल के संबंध में जानकारी ली।
  • बैठक के दौरान विधायकों द्वारा इस बात का ध्यान आकृष्ट कराया गया है कि जिले के कुछ अधिकारी जनप्रतिनिधियों के मोबाईल फोन रिसीव नही करते और न ही बाद मे कॉल बेक किया जाता है, यह प्रवृत्ति उचित नही है। प्रभारीमंत्री एवं कृषिमंत्री ने कहा कि चुने हुए जनप्रतिनिधियों के फोन रिसीव नहीं करना एक गंभीर बात है एवं सामान्य शिष्टाचार के विपरीत भी है। अधिकारियों द्वारा शासन की योजनाओं एवं कार्यक्रमों के क्रियान्वयन की जानकारी क्षेत्र के विधायको दी जानी चाहिए।