प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता आरपी सिंह ने मोदी सरकार द्वारा घोषित 20 लाख करोड़ रुपए के कोरोना पैकेज पर कसा तंज, कहा – कोरोना पैकेज की पहली बरसी पर मेरी भावपूर्ण श्रद्धांजलि…

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रायपुर। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता आरपी सिंह ने पिछले वर्ष कोरोना संक्रमण से लड़ने के लिए मोदी सरकार द्वारा घोषित किए गए तथाकथित झूठे 20 लाख करोड़ रुपए के पैकेज की पहली बरसी पर अपनी भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की है। आरपी सिंह ने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह से यह जानना चाहा है कि देश की जनता की आंखों में भारतीय जनता पार्टी और कब तक धूल झोंकेगी? एक तरफ जब देश संक्रमण के इस बुरे दौर से गुजर रहा है वहीं दूसरी तरफ देश से कोविड-19 वैक्सीन ही गायब है। पिछले 30 दिनों में वैक्सीन की कमी के चलते राष्ट्रीय स्तर पर वैक्सीनेशन के कार्य में 82% तक की कमी आई है। इसके लिए जिम्मेदार कौन है ?

पीएम मोदी और भाजपा के इस पाकिस्तान प्रेम को मैं क्या नाम दूं?

जब कोरोनावायरस की दूसरी लहर नहीं आई थी तब मोदी जी ने अपनी ब्रांडिंग और प्रचार के लिए विदेशों को 6.30 करोड़ वैक्सीन भेजी थी जिसकी कोई आवश्यकता नहीं थी। दुनिया के सभी समझदार और विकसित देशों ने पहले अपने नागरिकों का वैक्सीनेशन किया और उसके बाद उपलब्धता के आधार पर दूसरे देशों को वैक्सीन देने या न देने का फैसला लिया। लेकिन मोदी सरकार उल्टी ही चाल चलती रही नतीजा आज देश एक गंभीर संकट के मुहाने पर आकर खड़ा हो चुका है। हद तो तब हो गई कि जब पाकिस्तान जैसे दुश्मन मुल्क को मोदी सरकार ने वैक्सीन देना मुनासिब समझा लेकिन अपने ही देश के नागरिकों को इससे वंचित रखा। मोदी जी और भाजपा के इस पाकिस्तान प्रेम को मैं क्या नाम दूं?

भाजपा शासित राज्यों की तुलना में छत्तीसगढ़ में अधिक हो रही टेस्टिंग

आरपी सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य की भूपेश बघेल सरकार अपने संसाधनों से ही कोरोना की लड़ाई इतने बेहतरीन तरीके से लड़ रही है कि मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों की तुलना में कोविड की टेस्टिंग लगभग 4 गुना ज्यादा हो रही है। संक्रमण की रफ्तार नियंत्रण में है और ठीक होने की दर लगभग 85% है जो कि राष्ट्रीय औसत से भी ज्यादा है। कांग्रेस प्रवक्ता ने पूछा है कि जिस 20 लाख करोड़ के पैकेज का जोर-शोर से प्रचार किया गया था वो 20 लाख करोड़ कहां गए ? इतने पैसे का मतलब है 100 करोड़ आदमी के खाते में 20-20 हजार रुपये,135 करोड़ के हिस्से में बांटे तो 15-15 हजार रुपये आने चाहिए, लेकिन यह पैसा गया कहां ? क्या पीएम केयर्स फंड की तरह यह पैसा भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया या फिर नागपुर में संतरे वाले बाबा के पास पहुंच गया या फिर पूंजीपति मित्रों के ऊपर न्योछावर कर दिया गया। मोदी जी ना सही कम से कम डॉ रमन सिंह को इन प्रश्नों के जवाब जरूर देना चाहिए ताकि प्रदेश की जनता सच्चाई से अवगत हो सकें।