अब गन्ने से भी बनाया जाएगा इथेनॉल, एक साल के भीतर छत्तीसगढ़ में लगेंगे प्लांट….

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रायपुर. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि अब धान के साथ गन्ने से भी एथेनॉल बनाया जाएगा। प्रदेश की सरकार ने प्लांट लगाने के लिए 6 कंपनियों से एमओयू किया है। करीब एक साल के भीतर प्रदेश में प्लांट लग जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में धान का ज्यादा उत्पादन होता है। केंद्र ने शक्कर उत्पादन पर भी पाबंदी लगाई थी कि तय मात्रा से ज्यादा उत्पादन नहीं कर सकते, तो इस पाबंदी के बाद हम शक्कर से भी एथेनॉल बनाएंगे। सरकार इसे लेकर केंद्र सरकार के लगातार संपर्क में थी। अब एथेनॉल खरीदी का रेट 54 रुपए प्रति लीटर तय कर दिया गया है।

कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में संयुक्त पत्रकारवार्ता में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, मंत्री रविंद्र चौबे और खाद्यमंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार के अनुरोध पर धान से एथेनॉल बनाने की परियोजना को केंद्र सरकार ने मंज़ूरी दे दी है। धान से एथेनॉल बनाने की उनकी पहल को आखिरकार केंद्र सरकार ने सही मान लिया है और इस दिशा में संयंत्र लगाने के लिए राशि निवेश करने की बात कही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब छत्तीसगढ़ सरकार की कोशिश है कि सिर्फ एफसीआई से नहीं, बल्कि राज्य सरकार के पास जो सरप्लस चावल है, उससे भी एथेनॉल बनाने के लिए उपयोग करने के लिए केंद्र सरकार स्वीकृति दे। मुख्यमंत्री के सलाहकार प्रदीप शर्मा भी इस दौरान उपस्थित थे।
मॉडल लॉजिस्टिक पार्क
एथेनॉल ईको-फ्रैंडली फ्यूल

एथेनॉल को पेट्रोल में मिलाकर गाड़ियों में फ्यूल की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके इस्तेमाल से 35 फीसदी कम कार्बन मोनो ऑक्साइड का उत्सर्जन होता है। एथेनॉल में 35 फीसदी ऑक्सीजन होता है। एथेनॉल ईको-फ्रैंडली फ्यूल है और पर्यावरण को जीवाश्म ईंधन से होने वाले खतरों से सुरक्षित रखता है।

राज्य के साथ मिलकर केंद्र लगाए प्लांट

कृषिमंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि एफसीआई द्वारा छत्तीसगढ़ के खरीफ और रबी फसल को खरीदा जाए। धान का 2500 रुपए प्रति क्विंटल में खरीदकर भुगतान करे, वरना सिर्फ और सिर्फ ये बात कहने की रह जायेगी। छत्तीसगढ़ के किसानों को लाभ देने की बात केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री ने कही है, लेकिन जब उचित मूल्य पर खरीफ और रबी फसल की खरीदी के लिए मेकेनिज्म डेवलप करें, तभी किसनों को इसका लाभ मिल पायेगा। केंद्र सरकार से मांग करते हुए कहा कि राज्य सरकार के साथ मिलकर केंद्र सरकार वहां प्लांट लगाए जिन जिलों में उत्पादन ज्यादा होता है।
ये होगा फायदा

मुख्यमंत्री ने कहा कि एथेनाल उस धान से बनेगा जो सेंट्रल पूल और स्टेट पूल में खरीदी के बाद भी बच जाता है। इससे किसानों को धान बेचने के साथ अतिरिक्त आय होगी। जहां प्लांट लगेगा, वहां लोगों को रोजगार मिलेगा। किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।

बारदाने की कमी से छत्तीसगढ़ में धान खरीदी 1 दिसंबर से

छत्तीसगढ़ में इस साल न्यूनतम सर्मथन मूल्य (एमएसपी) पर धान खरीदी 1 दिसंबर से होगी। बताया गया है कि राज्य को इस साल केंद्र सरकार से धान खरीदी के लिए बारदाना (बोरा) नहीं मिल पाया है। यही कारण है कि धान खरीदी में पिछले वर्षों की अपेक्षा देर हो रही है। दूसरी ओर राज्य में इस साल अनुकूल बारिश होने से धान की बंपर फसल होने की संभावना है। माना जा रहा है कि इस साल सवा लाख करोड़ मीट्रिक टन धान की पैदावार हो सकती है।