विधायक व मेयर देवेंद्र यादव की पहल से टीबी जैसे खतरनाक बीमारी से लड़ रही मासूम बच्ची का होगा इलाज, ऑपरेशन के लिए मेयर ने सीएम से स्वीकृत कराये 5 लाख की राशि..

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06 जुलाई 2019, भिलाई। डेढ़ साल की नन्ही सी जान समृद्धि जन्म के बाद से ही टीबी जैसे खतरनाक बीमारी से लड़ रही है। यही नहीं डॉक्टरों ने बताया कि समृद्धि की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो गई। इसके लिए उसका देश के बड़े अस्पताल में ऑपरेशन करना होगा। बोन का ट्रांसप्लाट किया जाना है। यदि यह ऑपरेशन नहीं हुआ तो समृद्धि की जान को खतरा है। मासूम बच्ची की जान बचाने का ऑपरेशन ही एक मात्र जरीया है।

ऐसे में जब इस बात की जानकारी भिलाई नगर विधायक व मेयर देवेंद्र यादव को मिली। तब मेयर व विधायक यादव ने मासूम बच्ची की जान बचाने और उसका पूरा इलाज कराने का सरहानीय कदम उठाया और उन्होंने सीएम भूपेश से बच्ची के इलाज के लिए मदद मांगी। सीएम बघेल की मदद से मुख्यमंत्री सहायता योजना मासूम समृद्धि की इलाज कराने के लिए 5 लाख रुपए की राशि स्वीकृत की गई है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के स्वेच्छानुदान मद से समृद्धि के पिता लोकेश सिन्हा के नाम से 5 लाख रुपए की स्वीकृति छत्तीसगढ़ शासन सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा किया गया है। अब समृद्धि के इलाज में कोई दिक्कत नहीं होगी और बच्ची का पूरा इलाज हो पाएगा। मेयर व विधायक देवेंद्र यादव की इस पहल से सिन्हा परिवार में हर्ष का माहौल है। सिन्हा परिवार मेयर व विधायक देवेंद्र यादव को दिल से धन्यवाद और आभार दे रहे हैं। अब उन्हें पूरी उम्मीद है कि उनकी बेटी को अब कुछ नहीं होगा और उसका पूरा इलाज हो जाएगा।

गौरतलब है कि लक्ष्मीनगर दुर्गापारा वार्ड 5 निवासी राधेलाल सिन्हा ने बताया कि उनकी पोती समृद्धि को जन्म के कुछ दिनों बाद से ही टीबी हो गया था। परिजनों ने समृद्धि का इलाज जिला टीबी अस्पताल में कराया। लेकिन करीब 6 माह का टीबी का कोर्स पूरा कराने के बाद भी टीबी की बीमारी ठीक नहीं हुआ। इसके बाद डॉक्टरों ने 1 साल का कोर्स शुरू किया है। करीब 9 से 10 माह का टीबी का कोर्स पूरा हो गया है। लेकिन अब भी उसकी स्थिति में संतोषजनक सुधार नहीं हो पाया है। परिजनों ने बताया कि समृद्धि की तबियत खराब होने पर जल्दी ठीक नहीं होती। इसे देखते हुए डॉक्टरों ने एम्स रायपुर इलाज कराने रिफर किया था। जहां के डॉक्टरों ने समृद्धि का फिर से पूरा चेकअप किया। तब पता चला कि समृद्धि की बीमारी इस लिए ठीक नहीं होती। क्योंकि उसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो गई है। इस रोगप्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए वेलूर या दिल्ली या चंडीगढ़ के बड़े अस्पताल में समृद्धि बोन का ट्रांसप्लांट कराना होगा। इसका इलाज छत्तीसगढ़ में नहीं हो पाएगा और इसके लिए बड़ी रकम की जरूरत थी। ऐसे में मासूम समृद्धि के पिता लोकेश सिन्हा और इनके पिता राधेलाल समृद्धि के इलाज केलिए मदद की गुहार लगा रहे थे। परिजनों और मोहल्ले में मदद मांगने के बाद कुछ हजार रुपए ही जमा कर पाएं थे। जिसे लेकर वे चंडीगढ़ के अस्पताल में चेकअप कराने लिए गए है। जहां चेकअप चल रहा है।

यही नहीं एम्स के डॉ. तुषार ने भी सिन्हा परिवार की काफी मदद की। डॉ. तुषार ने चंडीगढ़ के एक बड़े अस्पताल में चेकअप कराने के लिए भेजा है। जहां जाने के लिए सिन्हा परिवार के पास पर्याप्त रूपए नहीं थे। इसलिए डॉ. तुषार ने अपने पैसे से ट्रेन टिकट कर जाने की व्यवस्था बनाई साथ ही वहां के अपने डॉक्टर मित्र से कह कर मदद करने के लिए भी कहा है।

मजदूर पिता के पास नहीं है ऑपरेशन के लिए रुपए

समृद्धि के दादा राधेलाल सन्हिा ने बताया कि वह टेलर हैं और उसका बेटा मजदूरी काम में जाता है। परिवार में इनके अलावा कमाने वाला और कोई नहीं है। उनके पास इतनी संपत्ति भी नहीं है जिसे बेच कर वे अपनी बच्ची का ऑपरेशन करा सकें। ऐसे में अब पूरे परिवार के पास सबसे बड़ी चिंता खड़ी हो गई है कि वे अपने बच्ची का ऑपरेशन कैसे कराएं। ऐसे में परिजन अब रश्तिेदारों और अन्य लोगों से मदद की फरियाद कर रहे हैं।

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