अग्रसेन महाविद्यालय में देशभक्ति का जज्बा और ‘हाइफा दिवस’ के शौर्य की लहर..

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रायपुर। पुरानी बस्ती स्थित अग्रसेन महाविद्यालय में हाइफा दिवस संबंधी अनसुने देश की गौरवगाथा को  राष्ट्रीय सुरक्षा जागरण मंच (FANS)रायपुर ने साझा किया। इजराइल जैसे बाहरी देश की रक्षा में हमारे भारतीय सैनिकों की शहादत को नमन करते हुए, उसके ऐतिहासिक एवं तकनीकी सामरिक पहलू पर आयोजन हुआ।

मंच पर विशिष्ट वक्ता के रूप में जे.एस.एस.कक्कड़ जी – रिटायर्ड कर्नल, डॉ वर्णिका शर्मा( कार्यकारी अध्यक्ष-राष्ट्रीय सुरक्षा जागरण मंच) विध्यमान हुये वहीं तौकीर रज़ा-वर्तमान सदस्य  राष्ट्रीय(FANS),संजीव पोद्दार सचिव(FANS रायपुर चैप्टर) अनिल डागा-संरक्षक-भिलाई चैप्टर,

के.एस. चौबे-पूर्व प्राचार्य, प्रगति कालेज, निर्देशक-डॉ व्ही के अग्रवाल, प्राचार्य- डॉ यूलेन्द्र कुमार राजपूत, उपस्थित थे। स्वागत भाषण डा व्ही के अग्रवाल जी ने दिया।

  • हाइफा विजय नाम सुनकर आरंभ में सबने अनभिज्ञता जाहिर की परन्तु विषय प्रवेश के साथ देशभक्ति भावनाओं से ओतप्रोत हो सभा में युवाओं और बुद्धिजीवी वर्ग में जोश जुनून भरने वाली बात से कहा कि शंखनाद कर आत्मसात करना होगा।
  • एक महत्वपूर्ण बात यह भी जानने मिली कि इजराइल के पाठ्यक्रम में हाइफा विजय दिवस में भारतीय सेना की शहादत और शौर्य को विशेष रूप से स्थान दिया गया है।
  • 23 सितंबर 1918 का इतिहास जिससे हम सब अनभिज्ञ थे,यानी ‘हाइफा दिवस’ इस विषय पर प्रकाश डाला सैन्य मनोविज्ञान विशेषज्ञ डॉ वर्णिका शर्मा ने और कहा- इजराइल में ‘हाइफा’ एक स्थान का नाम है,जहां युद्ध हुआ जहां भारतीय सेना ने इजराइल की रक्षा करते हुए उसे उसे  ऑटोमन आतंक से मुक्त विजयश्री को प्राप्त किया।
  • विषय प्रवेश के अंतिम चरण में वर्णिका जी ने कहा ” बरछी कृपाण और तलवार जैसे सामरिक शस्त्रास्त्रों से  युद्ध विजय करने वाले भारतीय सेना के हथियार के पीछे हौसला ही था,जो फतेह का कारण थी।
  • सभा में उपस्थित विद्यार्थियों, शिक्षकों और प्रबुद्धजनों को विशिष्ट वक्ता- रिटायर्ड कर्नल कक्कड़ सर ने हाइफा दिवस की जानकारी से विस्तारपूर्वक  अवगत करवाया।
  • ऐतिहासिक पृष्ठभूमि, सामरिक दशा, टेक्निकल वार की पहलूओं पर,युद्ध की दुर्लभ तस्वीरों को प्रेजेंटेशन के द्वारा Fans और अग्रसेन महाविद्यालय को बताया। 
  • कर्नल कक्कड़ जी ने वक्तव्य में बताया कि – 1918 में ब्रिटिश ने भले भारतीय सेना इजराइल भेजी हो लेकिन वो जज्बा वो जुनून भारतीय ही थी,जिसने दूसरे सरजमीं की रक्षा की।
  • राष्ट्रीय सुरक्षा जागरण मंच के सदस्य तौकीर रज़ा ने इस पर संक्षेपण करते हुए कहा- हमें बलिदान को योगदान को कभी नहीं भूलना चाहिए ,फिर भी ये दुर्भाग्य की बात है कि देश के नागरिक हाइफा संबंधी बात से अनजान हैं।
  • वक्तव्य के अंत में अहम जानकारी भी दी कि दिल्ली के प्रसिद्ध त्रिमूर्ति चौक को सरकार ने कुछ वर्ष पूर्व ही”त्रिमूर्ति हाइफा चौक” नाम दिया, जो समस्त देशवासियों के लिए गर्व की बात है क्योंकि हमारी सेना की शहादत ही है जिसके कारण हम सांस ले पा रहे हैं।
  • डॉ. शर्मा ने कहा कि गत के वर्षों में ये FANS के अनवरत परिश्रम का परिणाम है।और यही वजह है कि FANS द्वारा समय समय संगोष्ठियों के आयोजन द्वारा ऐसे गुढ़ विषयों पर जागरूकता का प्रसार किया जाता है।