नई दिल्ली 9 सितंबर, 2019। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को ग्रेटर नोएडा के एक्सपो मार्ट में चल रहे 12 दिवसीय कॉप -14 कॉन्फ्रेंस की बैठक संबोधित किया। पीएम मोदी ने कहा कि भारत में सदा से धरती को पवित्र स्थाेन दिया गया है। भारतीय संस्कृ ति में भूमि को माता माना गया है। भारत के लोग सुबह सोकर उठने के बाद धरती को नमन करके दिन की शुरुआत करते हैं। भारत के लोग प्रात:काल धरती पर पैर रखने से पहले ‘समुद्र वसने देवी पर्वतस्तीन मंडले, विष्णुर पत्नीध नमस्तुखभ्यबम्, पाद स्पकर्श क्षमस्वंमे’ की प्रार्थना करते हैं।
मोदी ने मरूस्थलीकरण से निपटने के लिए संयुक्त राष्ट्र के सम्मेलन (यूएनसीसीडी) के पक्षों की सभा के 14वें सत्र (कॉप 14) को संबोधित करते हुए कहा कि 2015 और 2017 के बीच भारत में पेड़ और जंगल के दायरे में आठ लाख हेक्टेयर की बढ़ोतरी हुई है। बता दें कि 2 सितंबर से शुरू हुए कॉप -14 का शुभारंभ केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने किया था। इसका आयोजन दुनिया को बढ़ते मरुस्थलीकरण से बचाने की मुहिम के तहत किया गया है। बता दें कि दुनिया के करीब 196 देशों के प्रतिनिधि इस सम्मेलन में भाग ले रहे हैं।
- प्रधानमंत्री ने कहा, ”मैं यह घोषणा करता चाहता हूं कि भारत अब से लेकर 2030 तक अपनी बंजर जमीन को उपजाऊ बनाने की महत्वाकांक्षा के तहत कुल रकबे को 2.1 करोड़ हेक्टेयर से बढ़ाकर 2.6 करोड़ हेक्टेयर करेगा।
- COP-14 में पीएम मोदी ने कहा कि अब सिंगल यूज प्लास्टिक को अलविदा कहने का वक्त आ गया है।
- पीएम मोदी ने कहा कि मैं आपका ध्यान ऐसे लैंड डीग्रेडेशन की ओर ले जाना चाहूंगा जो कभी रिवर्स नहीं किया जा सकता, प्लास्टिक के इस्तेमाल से प्रदूषित हुई भूमी के तरफ मैं आपका ध्यान ले जाना चाहूंगा।
- मोदी ने यह भी कहा कि भारत जलवायु परिवर्तन, जैव विविधता और भूमि क्षरण जैसे क्षेत्रों में व्यापक दक्षिण-दक्षिण सहयोग बढ़ाने के लिए उपायों का प्रस्ताव रख कर प्रसन्नता महसूस कर रहा है।
- COP14 में पीएम मोदी ने कहा कि जलवायु परिवर्तन का बायोडाइवर्सिटी और जमीन दोनों पर असर होता है। सब जानते हैं कि इसका दुनियाभर पर नकारात्मक प्रभाव हो रहा है।
- कॉप-14 अधिवेशन को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि मैं भारत में आप सभी का स्वागत करता हूं। उन्होंने कहा कि भारत दो साल के कार्यकाल के लिए सीओपी प्रेसीडेंसी को संभालने के लिए और एक प्रभावी योगदान देने के लिए भी तत्पर है।
- पीएम मोदी अपने संबोधन में जलवायु परिवर्तन, जैव विविधता और बढ़ते रेगिस्तान पर मंत्र दे सकते हैं।
चिल्ला से एक्सप्रेस वे तक सजाया गया बेशक प्रधानमंत्री का हवाई मार्ग के जरिए आने का कार्यक्रम है लेकिन सड़क के जरिए आने पर नोएडा को सुंदर दिखाने में प्राधिकरण ने कोई कसर नहीं छोड़ी है। इस रास्ते पर पड़ने वाले फ्लाईओवर व उसके निचले हिस्से में खूबसूरत कलाकृतियां बनाई गई हैं। घास कटिंग बेहतर तरीके से की गई है। पूरे रूट पर तिरंगे रंग की लाइटें लगाने का काम पूरा कर लिया गया है।
जलवायु परिवर्तन के गंभीर खतरे सामना कर रही दुनिया पीएम मोदी ने कहा कि पर्यावरण और जलवायु, जैव विविधता एवं धरती दोनों को ही प्रभावित करते हैं। यह व्या पक रूप से स्वी कार किया जाता है कि दुनिया जलवायु परिवर्तन के गंभीर दुष्प्रेभावों का सामना कर रही है। ये दुष्परिणाम भूमि के क्षरण के रूप में दिखाई दे रहा है। यही नहीं इससे जीवों की प्रजातियों पर भी संकट मंडराने लगा है। हम इन दुष्प रिणामों को धरती का तापमान बढ़ने, समुद्र का जलस्तरर बढ़ने और बाढ़, तूफान, भूस्खनलन जैसी घटनाओं के तौर पर देख रहे हैं। आपको जानकर हैरानी होगी की दुनिया के दो तिहाई देश मरूस्थेलीकरण जैसी गंभीर समस्याे का समाना कर रहे हैं।