कमलेश तिवारी हत्या मामले में पुलिस ने 24 घंटे के अंदर तीन आरोपियों को पकड़ा..

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19 अक्टूबर 2019 लखनऊ।  उत्तर प्रदेश पुलिस ने हिंदू महासभा के पूर्व अध्यक्ष कमलेश तिवारी की हत्या मामले को सुलझा लेने का दावा किया है।

पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ओपी सिंह ने इस संबंध में शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि पुलिस ने अपराध के 24 घंटे के अंदर केस को सुलझा लिया है। हत्या के सभी आरोपियों की पहचान कर ली गई है।

जांच में हत्या के तार गुजरात से जुड़े हुए पाए गए। डीजीपी ने कहा कि कमलेश तिवारी की निर्मम हत्या हुा है, अभी तक इसके पीछे किसी आतंकी संगठन की संलिप्तता अभी तक नहीं मिली है। उन्होंने बताया कि जांच में तीन लोगों को गुजरात पुलिस के साथ साझा अभियान में हिरासत में लिया गया है।

डीजीपी ने बताया कि इनमें से एक मोहसिन शेख सलीम है, जो सूरत का रहने वाला है और ये साड़ी की दुकान पर काम करता है। वहीं दूसरा फैजान है, जो सूरत में ही जिलानी अपार्टमेंट का रहने वाला है।ये 21 साल का है और जूते की दुकान पर काम करता है. डीजीपी के अनुसार मौका ए वारदात से बरामद मिठाई के डिब्बे की खरीद में फैजान लिप्त पाया गया है। वहीं तीसरा शख्स रशीद अहमद पठान हैं. ये 23 साल का है इसे कंप्यूटर चलाने की जानकारी भी है।उन्होंने कहा कि इसके अलावा दो अन्य संदिग्धों को भी हिरासत में लिया है। लेकिन उन्हें पूछताछ के बाद छोड़ दिया है. उन पर भी नजर रखी जा रही है।

मिली जानकरी के अनुसार हत्याकांड में बिजनौर के दौ मौलानाओं के खिलाफ नामजद मुकदमा भी दर्ज किया गया था. 2015 में दोनों मौलानाओं ने कमलेश के सिर पर इनाम रखा था। इनकी भी जांच की जा रही है।अभी शुरुआती जांच में इन मौलानाओं के ऐलान और सूरत में हिरासत में लिए गए 3 आरोपियों के बीच संबंध खंगाला जा रहा है।ऐसा लगा रहा है कि साम्प्रदायिक भावनाएं भड़काकर हत्याकांड करवाया गया है।
डीजीपी ने कहा कि कल महत्वपूर्ण सुराग मिले थे।हमने कई टीमों को यूपी और बाहर भेजा था। हमारी टीम गुजरात भेजी गई। मौके पर मिला मिठाई का डिब्बा और तकनीकी सबूत मिले।मैंने गुजरात के डीजीपी से तुरंत बात कर जानकारी दी। सीसीटीवी फुटेज का बारीकी से अध्ययन किया गया।हत्यारे एक विशेष पोशाक पहन कर आए हत्यकांड को अंजाम दिया।