छत्तीसगढ़ में फिर बढ़ी सियासी हलचल, भूपेश बघेल के 15 ‘वफादार’ विधायक दिल्ली में कर रहे कैंप, ‘बाबा’ भी हुए मुखर

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रायपुर। पंजाब कांग्रेस में उठापठक अभी शांत भी नहीं हुई है कि अब छत्तीसगढ़ में भी कांग्रेस के अंदर हलचल मचने लगी है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और टीएस सिंहदेव के बीच जारी अंदरूनी लड़ाई अभी भी थमती नहीं दिख रही है। ढाई-ढाई साल वाले फॉर्म्युले पर रार थमने का नाम नहीं ले रहा है। सीएम भूपेश बघेल के खेमे के विधायक एक बार फिर से दिल्ली पहुंच गए हैं। बघेल खेमे के 15 विधायक दिल्ली में कैंप किए हुए हैं। वहीं, विधायकों ने मीडिया से बात करते हुए कहा है कि वह अपने क्षेत्र में राहुल गांधी के दौरे की मांग को लेकर मिलने आए हैं।

कांग्रेस विधायक बृहस्पत सिंह ने कहा है कि हम लोग 15-16 विधायक दिल्ली में हैं। यहां पर आलाकमान से मिलने आए हैं। उन्होंने साफ किया है कि भूपेश बघेल के नेतृत्व में सरकार अच्छी चल रही है। 60 विधायकों का शपथ पत्र है। हम लोग अपने क्षेत्र में दौरे को लेकर आलाकमान से मिलने आए हैं। बीजेपी के लोग छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार को अस्थिर करने की कोशिश कर रहे हैं। मगर शरगुजा महाराज बहुत समझदार हैं। वह कुछ ऐसा नहीं करेंगे।

बृहस्पत सिंह ने यह भी कहा है कि टीएस सिंह देव साफ कर दें कि राहुल गांधी ने हमें सीएम बनाने के लिए कहा है और हम इस तारीख शपथ ले रहे हैं। वह खुलकर बोल दें। साथ ही विधायकों को भी विश्वास में लें। मगर ये सारी बनावटी बातें हैं। हमलोग भूपेश बघेल के साथ खड़े हैं। वह अच्छा काम कर रहे हैं तो नेतृत्व परिवर्तन की बात ही नहीं है।

विधायकों के दिल्ली कैंप पर स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव ने भी जवाब दिया है। उन्होंने कहा है कि मुझे जानकारी है कि कुछ विधायक दिल्ली में कैंप किए हुए हैं। वह अपने क्षेत्र के दौरे के लिए आलाकमान से वक्त मांगने गए हैं। मगर प्रदेश का मुखिया तो सीएम होते हैं। वहीं, आलाकमान से वक्त मांग सकते हैं।

दरअसल, छत्तीसगढ़ में कांग्रेस का एक धड़ा नेतृत्व परिवर्तन की मांग कर रहा है। इसके मुखिया टीएस सिंह देव हैं। इनके खेमे के लोग अभी तक खुलकर सामने नहीं आए हैं, जबकि भूपेश खेमे के लोग खुलकर सामने आ गए हैं। पहली बार भी करीब 52 विधायक भूपेश बघेल के समर्थन में दिल्ली पहुंच गए थे। पंजाब की घटना के बाद दिल्ली में फिर से भूपेश समर्थक आलाकमान पर दबाव बनाने की कोशिश में जुटे हैं।