28 जुलाई 2019, नई दिल्ली। पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को 8 अगस्त को भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से नवाजा जाएगा। सूत्रों के मुताबिक राष्ट्रपति के हाथों प्रणब मुखर्जी को 8 अगस्त को भारत रत्न सम्मान दिया जाएगा। इस साल राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के अलावा समाजसेवी नानाजी देशमुख और मशहूर संगीतकार और गायक भूपेन हज़ारिका को भारत रत्न देने का ऐलान किया था। प्रणब मुखर्जी जुलाई 2012 से जुलाई 2017 तक देश के राष्ट्रपति रहे। इसके पहले उन्होंने वित्त, रक्षा और विदेश जैसे अहम मंत्रालयों की जिम्मेदारी भी संभाली थी। साल 2004 से 2012 तक केंद्र में कांग्रेस की अगुवाई वाली यूपीए सरकार में उन्हें प्रमुख ‘संकटमोचक’ माना जाता था।
कांग्रेस ने प्रणब मुखर्जी को भारत रत्न देने का स्वागत किया था
कांग्रेस नेताओं ने प्रणब मुखर्जी को भारत रत्न दिए जाने के फैसले का स्वागत किया था। भारत रत्न मिलने के ऐलान के बाद प्रणब मुखर्जी ने अपने संदेश में कहा था कि, “मैं भारत के लोगों के प्रति पूरी विनम्रता और कृतज्ञता की भावना के साथ इस महान सम्मान भारत रत्न को स्वीकार करता हूं। मैंने हमेशा कहा है और मैं दोहराता हूं कि मुझे अपने महान देश के लोगों से उससे कही अधिक मिला है जितना मैंने उन्हें दिया है।”
मुखर्जी 47 वर्ष की उम्र में देश के सबसे कम उम्र के वित्त मंत्री बने
मुखर्जी 1982 में 47 वर्ष की उम्र में देश के सबसे कम उम्र के वित्त मंत्री बने थे। वर्ष 2004 से उन्होंने तीन महत्वपूर्ण मंत्रालयों विदेश मंत्रालय, रक्षा और वित्त मंत्रालय का कामकाज संभाला था। ‘प्रणब दा’ के नाम से मशहूर मुखर्जी 2012 से 2017 तक देश के राष्ट्रपति रहे थे। पिछले वर्ष नागपुर में आरएसएस के एक कार्यक्रम में शामिल होने पर मुखर्जी को कुछ लोगों से आलोचना का सामना करना पड़ा था।