01 अगस्त 2019, नई दिल्ली। राज्यसभा में तीन दिन पहले मंगलवार को पास हुए तीन तलाक बिल को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की मंजूरी मिल गई है, जिसके बाद यह बिल कानून बन गया है और तत्काल प्रभाव से लागू हो चुका है।
मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) अधिनियम 2019 मंगलवार को राज्यसभा में पास हो गया था। इससे पहले लोकसभा में मुस्लिम महिलाओं से एक साथ तीन तलाक को अपराध करार दिया गया था। मुस्लिम महिला विवाह संरक्षण अधिनियम को 19 सितंबर, 2018 से लागू माना जाएगा। तीन तलाक बिल में आरोपी पति को 3 साल तक की जेल की सजा का प्रावधान है।
अध्यादेश का स्थान लेगा तीन तालक बिल
बुधवार 31 जुलाई की देर रात राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मंजूरी मिलने के साथ ही मुस्लिम महिला विवाह संरक्षण अधिनियम तीन तलाक को लेकर 21 फरवरी को जारी अध्यादेश की जगह ले ली है। मोदी सरकार ने पिछले कार्यकाल में लोकसभा से इसे पास करा लिया था, लेकिन राज्यसभा में बहुमत नहीं रहने के चलते यह बिल वहां लटक गया था। मंगलवार को राज्यसभा से भी इस बिल को पास कराने में सरकार कामयाब हो गई। राज्यसभा में बिल के पक्ष में 99 और विपक्ष में 84 वोट पड़े थे।