अब फाइल में नहीं उलझेगी कोई योजना, बुनियादी ढांचे के विकास को मिलेगी रफ्तार, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज ‘गति शक्ति योजना’ का करेंगे शुभारंभ….

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नई दिल्ली, 13 अक्टूबर 2021 । देश में बुनियादी ढांचे के विकास को रफ्तार देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को मल्टी मॉडल कनेक्टिविटी के लिए राष्ट्रीय मास्टर प्लान ‘पीएम गति शक्ति योजना’ की शुरुआत करेंगे।

इस मौके पर प्रधानमंत्री प्रगति मैदान में नए प्रदर्शनी परिसर हॉल दो से पांच को भी देश को समर्पित करेंगे। इस योजना के अंतर्गत किसी भी योजना के निर्माण, डिजाइन में भारतमाला, सागरमाला, अंतरदेशीय जलमार्ग, शुष्क भूमि, बंदरगाह, उड़ान जैसे विभिन्न मंत्रालयों और राज्य सरकार की ढांचागत परियोजनाओं को शामिल किया जाएगा।

पीएम गति शक्ति’ योजना से परियोजनाओं की लागत और रखरखाव पर आने वाले खर्च में कमी आएगी, वहीं रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। यह रेल और सड़क सहित 16 मंत्रालयों को जोड़ने वाला एक डिजिटल मंच है, जिसके द्वारा करीब 100 लाख करोड़ रुपये की बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के विकास को रफ्तार मिलेगी। 15 अगस्त को पीएम मोदी ने लाल किले की प्राचीर से इसकी घोषणा की थी।

फाइल में नहीं उलझेगी कोई योजना

देश में ये आम बात है कि कहीं सड़क बनी और थोड़े दिन बाद ही केबल बिछाने के लिए नई सड़क को खोद दिया जाता है। इसी तरह से सैंकड़ों करोड़ रुपये खर्च होने के बाद कई प्रोजेक्ट रुके मिलते हैं क्योंकि वन और पर्यावरण मंत्रालय से मंजूरी नहीं मिल पाती है। ‘पीएम गति शक्ति योजना’ से ऐसी समस्याओं को सुलझाने में मदद मिलेगी। इसके लिए 16 मंत्रालयों का एक ग्रुप बनाया गया है, जो मुख्यतः आधारभूत संरचनाओं से संबंधित है। इसमें रेलवे, सड़क परिवहन, पोत, आईटी, टेक्सटाइल, पेट्रोलियम, ऊर्जा, उड्डयन जैसे मंत्रालय शामिल हैं। इन मंत्रालयों के जो प्रोजेक्ट चल रहे हैं या 2024-25 तक जिन योजनाओं को पूरा करना है, उन सबको ‘गति शक्ति योजना’ के अंतर्गत डाल दिया जाएगा।

सैटेलाइट से होगी मॉनिटरिंग

उन सभी योजनाओं को एक नेशनल मास्टर प्लान के अंदर रखा जायेगा। इसमे सभी 16 मंत्रालयों के ज्वाइंट सेक्रेटरी लेवल के अधिकारी और विशेषज्ञ होंगे। ये लोग सैटेलाइट से लिए गए 3 डी इमेज के जरिये उन योजनाओं का मूल्यांकन करेंगे और अपनी राय उन योजनाओं को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए देंगे।

विभागों के बीच बढ़ेगा तालमेल

ऐसा नहीं कि प्रधानमंत्री मोदी के दिमाग में सबको एक प्लेटफॉर्म पर लाने का आइडिया अभी आया है, बल्कि 2014 में सत्ता में आने के बाद ही वे इस विजन को मूर्त रूप देने में लग गये थे। इसके लिए पहले उन्होंने ग्रुप ऑफ मिनिस्टर का गठन किया था, जो इस तरह के प्रोजेक्ट पर राय बनाए। लेकिन शायद वो वित्तीय और कानूनी मामलों पर ही फोकस कर पाया। उन्होंने सचिवों की समिति भी बनाई थी जो हर महीने अलग-अलग विभागों की योजनाओं की समीक्षा के लिए बैठकें भी करते रहते हैं।