RBI Monetary Policy: रेपो रेट में नहीं किया कोई बदलाव, जानिए क्या होगा आम आदमी पर असर

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नेशनल। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति की बैठक आज यानी 7 अप्रैल 2021 को खत्‍म हो गई। इसके साथ ही भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज मौद्रिक नीति की घोषणा कर दी है। आरबीआई ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है। रेपो रेट 4 फीसदी और रिवर्स रेपो रेट 3।35 फीसदी पर बरकरार है। आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी घोषणा। MPC की तीन दिन की बैठक 5 अप्रैल से 7 अप्रैल तक चली। आरबीआई ने नीतिगत दरों पर लगातार पांचवीं बार यथास्थिति बरकरार रखी।

रेपो रेट में नहीं किया कोई बदलाव

5 अप्रैल से शुरू हुई इस बैठक पर आज RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने फाइनल घोषणा कर दी है। आरबीआई ने मौद्रिक नीति पाॅलिसी में कोई बदलाव नहीं करने का फैसला किया है। RBI ने रेपो रेट को स्टेबल रखा है। बता दें कि वर्तमान में RBI का रेपो रेट 4% है जबकि रिवर्स रेपो रेट 3.5% है।

जानिए क्या है मौद्रिक नीति?

आपको बता दें कि मौद्रिक नीति के आधार पर बाजार में मुद्रा की आपूर्ति को नियंत्रित किया जाता है। मौद्रिक नीति तय करती है कि रिजर्व बैंक किस दर पर बैंकों को कर्ज देगा और किस दर पर उन बैंकों से वापस पैसा लेगा। मौद्रिक नीति को भारतीय रिजर्व बैंक अपने केन्द्रीय बोर्ड की सिफारिशों के आधार पर तय करता है। इस बोर्ड में जानेमाने अर्थशास्त्री, उद्योगपति और नीति निर्माता शामिल होते हैं।

क्या है रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट

आपको बता दें कि रेपो रेट वह ब्याज दर है जिस पर रिजर्व बैंक SBI समेत दूसरे बैंकों को कम समय के लिए कर्ज देता है। अगर इसमें कटौती होती है तो बैंकों को RBI को कम ब्‍याज देना होता है। इसका असर आपकी EMI पर भी पड़ता है। अगर रिजर्व बैंक रेपो रेट बढ़ाता है तो बैंकों के लिए उसे कर्ज लेना महंगा हो जाता है। इससे होम लोन कार लोन समेत अन्य लोन की ब्‍याज दरें बढ़ जाती हैं। वहीं, वर्तमान में RBI का रेपो रेट 4% है जबकि रिवर्स रेपो रेट 3.5% है। रिवर्स रेपो रेट वह दर है जो RBI बैंकों को ब्‍याज के तौर पर देता है।