रामलीला मैदान पर पहली बार नजर आए सोनिया, राहुल और प्रियंका गांधी.. मोदी सरकार पर जमकर बोला हमला.. राहुल बोले- मेरा नाम राहुल सावरकर नहीं राहुल गांधी है…

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नई दिल्ली। दिल्ली के रामलीला मैदान में शनिवार को आयोजित रैली में पहली बार सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी एक साथ नजर आए। तीनों ही नेताओं के संबोधन में निशाने पर केंद्र में सत्तासीन मोदी सरकार रही। आइये जानते हैं राहुल गांधी और सोनिया गांधी के संबोधन के अहम बातें।

मेरा नाम राहुल सावरकर नहीं, राहुल गांधी है

भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर हमलावर रहने वाले राहुल गांधी ने रामलीला मैदान में अपने संबोधन के दौरान कहा कि वह दुष्कर्म वाले बयान को लेकर माफी नहीं मांगेंगे। उन्होंने कहा कि मेरे भाषण को लेकर माफी मांगने की मांग की जा रही है। सही बात बोलने के लिए माफी नहीं मांगूंगा। मेरा नाम राहुल सावरकर नहीं है, राहुल गांधी है। माफी मोदी को माननी है। देश से वे माफी मांगें। उनके अस्सिटेंट अमित शाह को माफी मांगनी है।

छीना जा रहा है आपका पैसा

टीवी पर कोई 30 सेकेंड का एडवरटीजमेंट आता है। वह लाखों का आता है। नरेंद्र मोदी टीवी पर दिनभर दिखते हैं रोज। इसका पैसा कौन दे रहा है? इसका पैसा वो लोग दे रहे हैं, जिनको नरेंद्र मोदी आपका पैसा छीनकर दे रहे हैं। 

सब जगह एक सा हाल

देश की स्थित आज हर कोई जान रहा है। वे ऐसा काम कर रहे हैं, जिससे लोग बंटें, धर्म के आधार। असम जाइए, मिजोरम, मणिपुर, नगालैंड या फिर अरुणाचल प्रदेश। सब जगह एक सा हाल।

मोदी सरकार के खिलाफ आंदोलन की जरूरत

वहीं, सोनिया गांधी ने भी अपने पूरे संबोधन के दौरान मोदी सरकार को ही निशाने पर रखा। उन्होंने कहा कि देश की हालत बहुत गंभीर हो गई है। इसके खिलाफ आंदोलन की जरूरत है। इस पार या उस पर पार का फैसला लेने का वक़्त हैं।

नागरिकता संशोधन कानून पर बोला हमला

संबोधन में सोनिया गांधी ने मोदी सरकार को नागरिकता संशोधन कानून को लेकर कहा कि यह बिल भारत की आत्मा को तार-तार कर देगा। यह भारत की आत्मा पर चोट है। हम आखिरी सांस तक देश की रक्षा करेंगे। साथ ही सोनिया ने कहा- ‘मैं देश की जनता से कहना चाहती हूं कि हम लोकतंत्र बचाने के लिए कोई भी कुर्बानी देने को तैयार हैं।’

अंधेर नगरी चौपट राजा

मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि आज देश में अंधेर नगरी चौपट राजा जैसा माहौल है। आज हमारा पैसा बैंकों में भी सुरक्षित नहीं है, घरों में सुरक्षित नहीं हैं।  उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि कहां है, सबका साथ सबका विकास? अर्थव्यवस्था तबाह हो गई है और कालाधन कहां गया। साथ ही उन्होंने सवाल उठाया कि इसके लिए कानून बनाया लेकिन कालाधन कहां है? इस बात की जांच होनी चाहिए कि नहीं।