अक्षय तृतीया पर स्पेशल लेख: कोरोना की शादी.. निकले हनीमून मनाने.. भारत में बिदाई..

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बालोद से संजय दास मानिकपुरी की लेख

जीवन मे एक अटूट संबंध बंधन का होता है। जो हर परिस्थिति में एक साथ चलने का। वो बंधन चीन नामक लड़का और कोरोना नाम की लड़की है। जो एक-दूसरे की बंधन में बंधते है। और निकलते विश्व भर बड़े देश में हनीमून मनाने के लिये। हनीमून के पहले दोनों एक द सीज़न “संक्रमण” नामक फ़िल्म बनाते है। चाइना में ग्रैंड लांचिंग के बाद निकलते अन्य देश में। 

हर किसी पहली प्राथमिकता एक नामी देश मे पहुचने धूमने का शौक होता है. चीन और कोरोना पहुँचता है अमेरिका में और वहाँ कोरोना पिक्चर में 19.3% लोगो को फैन बना लेती। फिर बढ़ती स्पेन की तरफ. जब अमेरिका छोड़ के जाती कोरोना अपने प्यार में पागल लोगो को बेवफाई कर एक तिहाई लोगो को मौत घाट उतार दी। क्रमशः स्पेन में 18.2%, इटली 13.2%, जापान 8.8%, जर्मनी 7.7%, ब्राजील 6.4% इतने बड़े संख्या में लोगो को अपने अंदर तक प्रभावित करना कम मेहनत का काम नही था. शुरुआत में कई जगह अपना नाम बनाने लोगो को पहले मदहोश किया। फिर अन्ततः मे अपने फ़िल्म  द सीज़न “संक्रमण” को भारत मे लांच करती है। और प्रेम से बनी फ़िल्म का द सीज़न “संक्रमण” भारत विवाह का प्रमोशन का शुरुआत ही हुआ था।

अब भारत के लिये बड़ी बात है यहां के युवा तो प्रेम में कम देशप्रेम के बंधन ज्यादा बंधे है। इसलियें देश के बहुमत के आधार पर भारत प्रधानमंत्री ने राज्य के मुख्यमंत्री को स्पष्ट किया इसका न भारत मे कोई प्रमोशन होगा और कहीं भीड़ लगाके इसका समर्थन करेंगे। और भारत में जैसे पता है प्रेम तो देश से तो इसलिये रामायण और महाभारत की शुरुआत हुई। दोनों कथा की कहानी ने अंततः भारत के आम नागरिकों के बुद्धिमानी ने फ़िल्म का हनीमून को ब्रेक कर वापस चीन का रास्ता दिखा ही दिया। बात अगर विवाह-प्रेम की रही तो देश अपने संस्कृति अक्षय तृतीया का आनंद ले रहे ।