श्रमिकों के चेहरे में झलकी जन्मभूमि में वापसी की खुशी.. प्रवासी श्रमिकों ने शासन और प्रशासन को मदद के लिए दिया धन्यवाद.. अब तक जिले में 486 प्रवासी श्रमिक लौटे…

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अम्बिकापुर- कहा गया है कि जननी और जन्मभूमि स्वर्ग से भी बढ़कर होता है। इसी बात का स्मरण करते हुए आज तेलंगाना से श्रमिक स्पेशल ट्रेन से वापस आए सीतापुर जनपद के ग्राम रायकेरा निवासी श्री कृष्ण कुमार, कुमारी प्रभा तथा ग्राम ढेलसरा निवासी कुमारी इलिसबा मिंज ने कहा कि बाहर-बाहर ही होता है सब कुछ मिलने के बाद भी अपनेपन की कमी जरूर महसूस होती है। अपने जन्मभूमि पहुंचने पर लग रहा है कि हम सुरक्षित स्थान पर पहुंच गए हैं। उन्होंने राज्य शासन एवं जिला प्रशासन द्वारा अन्य राज्यों से वापस लाने की पहल एवं तैयारियों को बेहतर बताते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया।
श्री कृष्ण कुमार ने बताया कि जशपुर जिले से होटल मैनेजमेंट का कोर्स करने के बाद करीब दो वर्ष से हैदराबाद के एक होटल में प्लेसमेंट के तहत काम कर रहे थे। होटल में काम करते हुए किसी प्रकार की समस्या नहीं थी। होटल में ही रहने और खाने की व्यवस्था थी। लॉकडाउन में होटल बंद हो जाने के बाद भी होटल संचालक द्वारा सैलरी एवं रहने खाने की व्यवस्था किया गया। उन्होंने बताया कि हैदराबाद में कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण से घबरा गए थे और बारबार घर की याद आती थी। किसी भी तरह घर पहुंचने की ठान लिए थे लेकिन इसी बीच छत्तीसगढ़ शासन द्वारा अपने राज्य के श्रमिकों वापस लाने स्पेशल ट्रेन के बारे में जानकारी मिलने पर रजिस्ट्रेशन कराया और समय पर ट्रेन वापस अपने जन्मभूमि पहुंच गए। लखनपुर निवासी श्री संतोष कुमार ने बताया कि वह 6 महीने पहले हैदराबाद गया था और वहां घरों में सीट लगाने की मजदूरी का कार्य करते थे।
राज्य शासन के पहल पर लॉकडाउन में फंसे प्रवासी श्रमिकों के श्रमिक स्पेशल ट्रेन से वापस आने का सिलसिला प्रारंभ हो गया है। इसी क्रम में आज तेलंगान से श्रमिक स्पेशल ट्रेन के द्वारा बिलासपुर पहुंचे सरगुजा जिले के चार श्रमिको को जिला प्रशासन द्वारा बिशुनपुर स्थित पिक-अप प्वांइट में लाया गया। यहां चारों श्रमिकों का मेडिकल टीम द्वारा थर्मल स्क्रीनिंग जांच किया गए तथा कोविड-19 रैपिड किट टेस्ट किया गया जिसमें कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट आया। तपश्चात सीतापुर ब्लाक के श्री कृष्ण कुमार, कुमारी प्रभा, कुमारी इलिक्षवा तथा लखनपुर जनपद के श्री संतोष कुमार को अपने-अपने जनपद में बनाए गए क्वारेंटाइन सेन्टर में 14 दिन तक रहने के लिए भेजा गया। अब तक 486 प्रवासी मजदूरों को अपने-अपने जनपदों में 14 दिनों की क्वारेंटाइन में रखा गया है। अम्बिकापुर जनपद में 57, बतौली में 45, सीतापुर में 60, लुण्ड्रा 76, मैनपाट 88, उदयपुर 82 तथा लखनपुर जनपद में 78 प्रवासी श्रमिक क्वारेंटाइन में हैं।
कलेक्टर डॉ. सारांश मित्तर के मार्गदर्शन में 5 हजार प्रवासी श्रमिकों के वापस आने के संभावना को देखते हुए 14 दिन के लिए क्वारेंटाइन रखने हेतु जिले के सातों जनपदों में 435 क्वारेंटाइन सेन्टर बनाए गए हैं। क्वारेंटाइन सेन्टर में भोजन, विश्राम, सुरक्षा एवं स्वास्थ्य जांच की पुख्ता व्यवस्था किया गया है। क्वारेंटाइन सेन्टर में बाहरी व्यक्ति के प्रवेश पर पूर्णतः प्रतिबंधित है। 16 मई तक श्रमिक स्पेशल ट्रेन से विभिन्न राज्यों से जिले के श्रमिक वापस लौटन वाले हैं।