मार्च 2021 में शुरू होगी केंद्र सरकार की सबसे महत्वाकांक्षी यह योजना, डाटाबेस जानकारी डालने की प्रक्रिया शुरू

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नई दिल्ली : One Nation One Ration Card केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना वन नेशन वन राशन कार्ड (ओएनओआरसी) मार्च 2021 से पूरे देश में लागू किया जाएगा। सरकार ने कहा कि यह टॉप प्राथमिकताओं में से एक है। इसके लिए तेजी से प्रयास किए जा रहे हैं। वन नेशन वन राशन कार्ड एनएफएसए के अंतर्गत शामिल सभी पात्र राशन कार्ड धारकों या लाभार्थियों को देश के किसी भी हिस्‍से में अपनी पात्रता तक पहुंच बनाने का विकल्प प्रदान करता है। इस योजना के तहत एफपीएस में ईपीओएस उपकरणों की स्थापना द्वारा आईटी-संचालित प्रणाली के कार्यान्वयन, राशन कार्डों के साथ लाभार्थियों की आधार संख्या को सेवा के डेटाबेस में डालने और राज्य या संघ शासित प्रदेशों में बायोमीट्रिक रूप से प्रमाणित ईपीओएस लेनदेन के जरिए अत्यधिक रियायती खाद्यान्नों का वितरण राशन कार्डों की देशव्यापी पोर्टेबिलिटी के संचालन से संभव बनाया जाता है।

राष्ट्रीय पोर्टेबिलिटी 24 राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों में की गई चालू
वर्तमान में में वन नेशन वन राशन कार्ड योजना के तहत राशन कार्ड की राष्ट्रीय पोर्टेबिलिटी की सुविधा 1 अगस्त, 2020 से 24 राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों के एकीकृत क्लस्टर में बिना रुकावट के चालू हो चुकी है। इसमें इन राज्यों और संघ शासित प्रदेशों-आंध्र प्रदेश, बिहार, दादरा और नगर हवेली, दमन और दीव, गोवा, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मिजोरम, ओडिशा, पंजाब, सिक्किम, राजस्थान, तेलंगाना, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश, जम्‍मू और कश्‍मीर, मणिपुर, नागालैंड और उत्तराखंडके 65 करोड़ लाभार्थियों (कुल एनएफएसए आबादी का 80 %) को शामिल किया गया है। इसका मतलब यह है कि पूरी राशन पोर्टेबिलिटी के साथ-साथ राशन कार्ड धारक की आंशिक रूप से निर्भरता के साथ प्रवासी श्रमिकों के समूह की आवाजाही संभव होगी।

खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग कर रही प्रयास
इसके अलावा, राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों की सरकारों की तैयारी के आधार पर, शेष 12 राज्यों और संघ शासित प्रदेशों (2 डीबीटी कैश ट्रांसफर यूटी समेत) में वन नेशन वन राशन कार्ड की सुविधा को चालू करने के लिए खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग द्वारा ठोस और नियमित प्रयास किए जा रहे हैं।

ईपीओएस आधारित वितरण को किया जायेगा चालू
राष्‍ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR)-दिल्ली: हाल ही में, दिल्ली सरकार ने अप्रैल 2018 में जीएनसीटीडी द्वारा निलंबित एफपीएस पर ईपीओएस आधारित वितरण को फिर से शुरू करने के लिए कार्य शुरू कर दिया है। इस संबंध में, वे सभी एफपीएस पर ईपीओएस उपकरण को फिर से स्‍थापित कर रहे हैं और यह अक्टूबर, 2020 तक तैयार हो जाएंगे। राज्‍य के महत्‍वपूर्ण अवस्‍था और समय सीमा का पालन करने की उम्‍मीद है।

कुछ प्रमुख मुद्दे जिन पर शेष 12 राज्य सरकारों और संघ राज्य क्षेत्र प्रशासनों के साथ बातचीत की जा रही है, निम्नलिखित हैं; और महत्‍वपूर्ण अवस्‍थाओं का संबंधित राज्यों / संघ राज्य क्षेत्रों द्वारा अनुपालन किया जाना है:-

छत्तीसगढ़: छत्‍तीसगढ़ पुराने टैबलेट को बदलकर उसके स्‍थान पर ईपीओएस उपकरणों की खरीद की प्रक्रिया में है और दिसंबर 2020 तक राष्ट्रीय पोर्टेबिलिटी को सक्षम करने की योजना बना रहा है।

अरुणाचल प्रदेश: प्रदेश ने हाल ही में एफपीएस पर ईपीओएस उपकरणों की स्थापना शुरू की है और उम्मीद है कि सभी जिलों में स्थापना अक्टूबर 2020 तक पूरी हो जाएगी।

असम: असम आईटी हार्डवेयर (ईपीओएस उपकरणों) की खरीद की प्रक्रिया में है और दिसंबर 2020 तक राष्ट्रीय पोर्टेबिलिटी को सक्षम करने की योजना बना रहा है।

लद्दाख: संघ शासित प्रदेश ने पहले ही राष्ट्रीय पोर्टेबिलिटी लेनदेन का परीक्षण शुरू कर दिया है और वह सितम्‍बर 2020 से इसे चालू करने की योजना बना रहा है। हालांकि कुछ हिस्‍सों में सम्‍पर्क का मुद्दा चुनौती खड़ी कर सकता है, लेकिन इसका प्रभाव महत्वपूर्ण नहीं होगा।

लक्षद्वीप: संघ शासित प्रदेश जल्द ही राष्ट्रीय पोर्टेबिलिटी लेनदेन का परीक्षण शुरू कर देगा और उम्मीद है कि यूटी सितंबर 2020 तक राष्ट्रीय पोर्टेबिलिटी को चालू कर सकता है। हालांकि सम्‍पर्क के मुद्दे कुछ द्वीपों में चुनौतियां खड़ी कर सकते हैं, लेकिन इसका प्रभाव महत्वपूर्ण नहीं होगा।

मेघालय: राज्य में ईपीओएस उपकरणों की स्थापना हाल ही में चरणबद्ध तरीके से शुरू हुई है, और अक्टूबर 2020 तक पूरी हो सकती है। दिसंबर 2020 तक राज्य के राष्ट्रीय पोर्टेबिलिटी को शुरू करने की उम्मीद है।

तमिलनाडु: सभी एफपीएस में ईपीओएस उपकरणों के साथ बायोमीट्रिक स्कैनर की स्थापना हाल ही में शुरू की गई है और तीन जिलों में परीक्षण शुरू कर दिया गया है। राज्य सरकार ने सितंबर 2020 के अंत तक पूर्ण ईपीओएस लगाने की प्रतिबद्धता व्‍यक्‍त की है। राज्य के अक्टूबर 2020 तक राष्ट्रीय पोर्टेबिलिटी शुरू करने की उम्मीद है।

पश्चिम बंगाल: राज्य सरकार ने खाद्यान्न वितरण के लिए बायोमीट्रिक रूप से प्रमाणित लेनदेन अभी तक शुरू नहीं किया है। इस संबंध में, राज्य सरकार ने मार्च, 2021 के लक्ष्य का संकेत दिया है। राज्य से उम्मीद की जाती है कि वह महत्‍वपूर्ण अवस्‍था और समय सीमा का पालन करे।

अंडमान और निकोबार: लाभार्थियों के बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण को सक्षम करने के लिए, यूटी प्रशासन सभी ईपीएस में ईपीओएस उपकरणों का स्‍थान ले रहा है। यूटी जल्द ही या तो उपकरणों को बदलकर अथवा मोबाइल एप्लिकेशन आदि जैसे वैकल्पिक साधनों का उपयोग कर इस सुविधा को शुरू करने की योजना बना रहा है। अक्टूबर 2020 तक इसके शुरू होने की उम्मीद है।

चंडीगढ़: एक एसओपी निर्धारित किया गया है और डीबीटी (नकद) यूटी को लागू करते हुए अन्य राज्यों और संघ शासित प्रदेशों के लाभार्थियों को डीबीटी नकद हस्‍तांतरण मोड के माध्यम से राष्ट्रीय पोर्टेबिलिटी को सक्षम करने के लिए एक सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन विकसित करने की सहमति दी है, और नवंबर 2020 तक शुरू होने की उम्मीद है।

पुदुचेरी: राष्ट्रीय पोर्टेबिलिटी के कार्यान्वयन के लिए एक एसओपी को इस डीबीटी (कैश) यूटी के साथ साझा किया गया है। यूटी स्तर पर विचार-विमर्श चल रहा है और कार्यान्वयन के लिए समय सीमा जनवरी 2021 है।

खाद्य सचिवों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए वितरण मंत्री करेंगे समीक्षा

उपभोक्ता कार्य, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री रामविलास पासवान समय-समय पर राज्यों के खाद्य मंत्रियों और राज्य खाद्य सचिवों के साथ बैठकों और वीडियो कॉन्फ्रेंसों के माध्यम से इस योजना के कार्यान्वयन की प्रगति की नियमित रूप से समीक्षा करते हैं। पिछले कुछ महीनों के दौरान, मंत्री ने ऐसी कई वीडियो कॉन्‍फ्रेंस आयोजित की हैं। इसके अलावा, सचिव (डीएफपीडी)और संयुक्त सचिव (पीडी)ने भी अनेक वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से सभी राज्यों या संघ शासित प्रदेशों के साथ कार्यान्वयन प्रगति की बहुत बारीकी से समीक्षा की है और किसी भी मुद्दे और चुनौतियों के समयबद्ध समाधान के लिए सभी तकनीकी और प्रशासनिक सहायता राज्यों या संघ राज्य क्षेत्रों को दी गई है। सभी राज्यों या संघ शासित प्रदेशों ने ओएनओआरसी के तहत राष्ट्रीय पोर्टेबिलिटी को शुरू करने की अपनी इच्छा दिखाई है और करीब सभी ने इस विभाग के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं।