ऐन परीक्षा के बीच आंदोलन से भड़का प्राथमिक शिक्षक फेडरेशन, प्रदेशाध्यक्ष जाकेश साहू ने आंदोलनकारियों पर सख्त कार्रवाई के लिए प्रदेश सरकार को लिखा खुला लेटर..

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रायपुर। 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा के वक्त आंदोलन के ऐलान से बवाल मच गया है। 16 मार्च को विधानसभा घेराव व काली पट्टी लगाकर स्कूलों में ड्यूटी करने के छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक फेडरेशन की घोषणा को छत्तीसगढ़ प्राथमिक शिक्षक फेडरेशन ने अनुचित व गलत बताते हुए आंदोलनकारियों पर सख्त कानूनी व अनुशासनात्मक कार्यवाही की मांग की है। संघ के प्रदेशाध्यक्ष जाकेश साहू ने इसके लिए प्रदेश के राज्यपाल, मुख्यमंत्री व राज्य सरकार को खुला पत्र लिखकर आंदोलनकारी शिक्षक नेताओं एवं आंदोलन में शामिल शिक्षकों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।

देखिए पत्र में क्या लिखा गया है..

प्रति,

01) माननीय महामहिम राज्यपाल महोदय, राजभवन राजधानी रायपुर।

02) माननीय भूपेश बघेल जी, मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ शासन।

03) माननीय टीएस सिंहदेव जी, केबिनेट मंत्री, छत्तीसगढ़ शासन।

04) माननीय समस्त सदस्यगण, मंत्रिमंडल, छत्तीसगढ़ राज्य शासन।

05) माननीय समस्त विधायक गण, छत्तीसगढ़ राज्य शासन।

विषय :- 10 वीं, 12 वीं बोर्ड परीक्षाओ के बीच, स्कूलों में काली पट्टी लगाकर स्कूल में ड्यूटी करने व आंदोलन के लिए आम शिक्षकों को उकसाने वाले शिक्षक नेताओ पर तत्काल अनुशासनात्मक एवँ प्रतिबंधात्मक कार्यवाही करते हुए  निलंबित कर विभागीय जांच बिठाने बाबत।

महोदय जी,

                उपरोक्त विषयान्तर्गत वर्तमान में छत्तीसगढ़ प्रदेश के सभी 28 जिलों व 146 विकासखण्ड मुख्यालयों सहित प्रदेशभर के सभी परीक्षा केंद्रों में 10 वीं एवँ 12 वीं कक्षाओ के अतिमहत्वपूर्ण बोर्ड परीक्षाऐं संचालित हो रही है जो कि छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा आयोजित की जा रही है। उक्त परीक्षाओ में अधिकांस शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गई है।

       मार्च के अंतिम सप्ताह में लोकल कक्षाओ की परीक्षाऐं संचालित होंगी, जिनकी तैयारी अभी चल रही है तथा स्कूलों में शिक्षकगण युद्ध स्तर पर बच्चों को पढ़ाई कराते हुए परीक्षा की तैयारियों में जुटे हुए है।

           ऐसे संवेदनशील एवँ अतिमहत्वपूर्ण समय मे प्रदेशभर के शिक्षकों को छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक फेडरेशन एवँ इनसे जुड़े कुछ शिक्षक नेताओ के द्वारा प्रदेश के आम शिक्षकों को उकसाकर राज्यभर में प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को अस्थिर करने की असफल कोशिश की जा रही है।

      छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक फेडरेशन एवँ इनके नेताओ का यह कृत्य प्रदेश के लाखों छात्र – छात्राओं के भविष्य की दृष्टि से कतई उचित नहीं है। शिक्षक नेताओ के उक्त कार्यो से छात्र – छात्राओं की वार्षिक परीक्षा पर बहोत ही बुरा असर पड़ेगा।

         उक्त शिक्षक नेताओ के द्वारा आगामी 16 मार्च को विधानसभा घेराव का ऐलान कर आम शिक्षकों को आंदोलन के लिए उकसाया जा रहा है।

         अतः माननीय महोदय जी आग्रह है कि उक्त कार्यो में लिप्त शिक्षकों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर इनकी डिपार्टमेंटल इंक्वायरी की जाय। साथ ही इन शिक्षकों की निम्न बिंदुओं पर जांच की जाय :-

01) इन शिक्षकों की स्कूल समय पर सोशल मीडिया एवँ विभिन्न व्हाट्सएप ग्रुपों में सक्रियता।

02) शाला समय पर सरकारी संस्था (स्कूल) में शासकीय ड्यूटी के वक्त काली पट्टी लगाकर राज्य सरकार का विरोध करना। यह कृत्य सिविल सेवा अधिनियम 1965 के विपरीत कार्य है अतः ऐसे लोगो की विकासखण्ड शिक्षाधिकारीयो के माध्यम से व सोसल मीडिया से जानकारी लेकर सख्त कानूनी कार्यवाही की जाय।

03) समाचार पत्रों व सोसल मीडिया के माध्यम से न्यूज प्रसारित कर आम शिक्षकों को ऐंन परीक्षा के वक्त आंदोलन के लिए उकसाना व स्कूली बच्चों का भविष्य बर्बाद करना।

04) संघ-संगठन के नाम पर शाला समय मे संकुल व ब्लाकों अथवा जिलों में संघीय बैठक कर बच्चों की पढ़ाई बर्बाद करना।

             अतः माननीय महोदय जी से निवेदन है कि प्रदेशभर के आम शिक्षकों को 16 मार्च के आंदोलन के नाम पर उकसाने वाले विभिन्न ब्लाकों में कार्यरत शिक्षकों एवँ शिक्षक नेताओ को सोशल मीडिया के माध्यम से चिन्हाकित कर व संकुल समन्वयकों, बीईओ एवँ विभागीय अधिकारियों से जानकारी एकत्रित कर अविलम्ब सख्त अनुशासनात्मक/कानूनी कार्यवाहियां की जाय। जिससे कि वर्तमान परीक्षा के माहौल में स्कूली बच्चों की पढ़ाई एवँ परीक्षा पर किसी भी प्रकार का विपरीत प्रभाव न पड़े।