शिक्षक अभ्यर्थी ने छत्तीसगढ़ सरकार से मांगी इच्छा मृत्यु, राज्यपाल को लिखा पत्र, कहा- भूखमरी की हालात में पहुंच गया हूं…

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रायपुर। कोरोना की दूसरी लहर ने सब की हालत खराब कर रखी है। लाखों युवाओं को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा। कोरोना की वजह से नई भर्ती पर भी ताला लगा सा दिख रहा है। 27 महीने से नियुक्ति का इंतजार कर रहे शिक्षक अभ्यर्थी अब भूखे मरने को मजबूर हैं। कहीं कोई मजदूरी कर पेट पाल रहे हैं। तो कोई चाय बेच रहे हैं। इधर सरकार भर्ती को लेकर कोई ठोस आश्वासन नहीं दे रही है। इसी बीच एक शिक्षक चयनित अभ्यर्थी ने इच्छा मृत्यु की मांग की है। राज्यपाल को भेजे पत्र में शिक्षक अभ्यर्थी इंद्रजीत सिंह ने कहा है कि वो आर्थिक रूप से बेहद परेशान है, ऐसे में उसे इच्छा मृत्यु की अनुमति दी जाये।

भूखमरी की कगार पर पूरा परिवार

इंद्रजीत ने बताया कि बड़ी मुश्किल से उन्होंने पढ़ाई पूरी की है। पढ़ाई के लिए करीब दो लाख का लोन लिया था, शिक्षक भर्ती में चयनित होने के बाद आस जगी कि वो जल्द ही अपना लोन चुका देना, लेकिन 27 महीने गुजर गये, अभी तक नियुक्ति को लेकर कोई पहल नहीं हुई है। इंद्रजीत बताता है कि उसके पिता आटा चक्की चलाते थे, लेकिन पिता की तबीयत खराब होने की वजह से आटा चक्की भी बंद हो गया है। वो खुद प्राइवेट स्कूल में पढ़ाते थे, फिर कोचिंग क्लास लेता थे, लेकिन कोरोना में सब बंद हो गया है। पूरा परिवार अब भूखमरी की हालत में आ गया है। उधर लोन को लेकर बैंक से भी लगातार तगादा आ रहा है। ऐसे में परेशान होकर इंद्रजीत ने इच्छा मृत्यु की मांग की है।