जिंदगी से बड़ी सजा ही नहीं, और क्या जुर्म है पता ही नहीं…कितने हिस्सों में बंट गया हूं मैं, मेरे हिस्से में कुछ बचा ही नहीं…

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वरिष्ठ पत्रकार शंकर पांडेय की कलम से…

समूचा विश्व भारत के कई महानगरों सहित छत्तीसगढ़ में भी कोरोना वायरस ने दस्तक दे दी है। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर, दुर्ग, भिलाई, आदि शहरों में कोरोना वायरस से प्रभावित मरीज मिले हैं। केंद्र सहित छग की भूपेश बघेल सरकार इस संक्रमण का विस्तार न हो इसके लिए प्रयासरत है। समूचे भारत में 14 अप्रैल की रात 12 बजे तक जनता कर्फ्यू  लॉकडाऊन चल रहा है।जानकारों की मानें तो लॉकडाउन की मदद से सोशल डिस्टेंसिंग में मदद मिलेगी लोग अपने घरों में रहेंगे जिससे कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोका जा सकेगा। दरअसल, लॉकडाऊन को महामारी, अधिनियम पूरे भारत में लागू होता है। इस अधिनियम की धारा 2 राज्य सरकार को कुछ शक्तियां प्रदान करती है जिसके तहत केंद्र और राज्य सरकारें बीमारी की रोकथाम के लिए अस्थायी नियम बना सकती है। लॉकडाउन एक प्रशासनिक आदेश होता है इसे किसी आपदा के समय सरकारी तौर पर लागू किया जाता है। लॉकडाउन में सजा का प्रावधान जरूरी नहीं है, एक तरह से लॉकडाउन को बिना सजा के प्रावधान वाला कर्फ्यू  कहा जा सकता है। हालांकि सरकार लॉकडाउन पर सख्ती भी कर सकती है। वैसे अधिकारिक सूत्रों की मानें तो लॉकडाउन में बिना यथोचित कारण के कोई बाहर आता है तो उसे जुर्माना-सजा भी हो सकती है। वहीं दण्ड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीएफ) की धारा 144 के तहत कर्फ्यू  लगाया जाता है इसके लिए जिला मजिस्ट्रेट एक नोटिफिकेशन जारी करता है यह व्यवस्था वैसे पूरे राज्य में भी लागू की जा सकती है। वैसे धारा 144 कोई तोड़ता है तो उसे धारा 188 के तहत चार महीने की कैद या जुर्माना या दोनों सजा हो सकती है।

इंसान तक कैसे पहुंचा कोरोना वायरस…

जानवरों से इंसान तक जानलेवा कोरोना वायरस कैसे पहुंचा, इसे पता करने की कोशिश जारी है। अभी तक जो पता चला है उसके अनुसार चीन के किसी इलाके में चमगादड़ ने आकाश में मंडराते हुए अपनी लीद के जरिये कोरोना वायरस का अवशेष छोड़ा जो जंगल में गिरा, एक जंगली जानवर संभवत: पैंगोलिन ने इसे सूंघा और उसी के जरिये बाकी के जानवरों में इसका विस्तार हुआ। संक्रमित जानवर, इंसान के संपर्क में आया और एक व्यक्ति में उससे वह बीमारी आ गई इसके बाद वाइल्ड लाईफ मार्केट के कामगारों में यह फैलने लगी और इसी के बाद वैश्विक संक्रमण का जन्म हुआ। जुलॉजिकल सोसायटी ऑफ लंदन के प्रोफेसर एंड्रयू कनिंगम के अनुसार जंगली जानवर कोरोना वायरस के स्त्रोत हो सकते हैं। खासकर चमगादड़ बड़ी संख्या में अलग-अलग तरह के कोरोना वायरस के अड्डा होते हैं। एक चर्चा यह भी है कि सबसे पहले चीन के बुहान में यह फैला। इसमें एक संदिग्ध जानवर पैंगोलिन… एशिया में पैंगोलिन की बहुत मांग है, पारंपरिक चीनी दवाइयों के निर्माण में इसका इस्तेमाल होता है। कई लोग इसका मांस भी चाव से खाते हैं। दुनिया भर में सबसे ज्यादा पैंगोलिन की ही तस्करी होती है, यह विलुप्त होने की कगार पर है। पैंगोलिन और अन्य वन्य जीव जिसमें चमगादड़ की कई प्रजातियां शामिल हैं, ये सभी मांस बाजार में उपलब्ध होते हैं हो सकता है कि मांस बाजार से ही एक जीव से दूसरे जीव में  कोराना वायरस के रोगाणु फैलने का कारण बना। हाल ही के बरसों में हम कई तरह के विषाणुओं के संपर्क में आये हैं… ईबोला, एचआईवी, सार्स और अब कोरोना वायरस .. वैसे वाइल्ड लाईफ के संक्रामक बीमारियों का बढऩा इंसान के लालच को दर्शाता है, इंसान दरअसल वाईल्ड लाइफ क्षेत्र में अतिक्रमण कर रहा है।

अंगुल वाले बाबा..

ओडि़सा के अनुगुल शहर (अंगुल) के पास रंतलेई नामक गांव में  एक 14-15 साल के किशार नेपाली बाबा द्वारा इलाज के नाम पर वहां अफतरा तफरी मची, करीब 400 लोग हैजा के कारण चल बसे थे, उसमें छत्तीसगढ़ के कुछ लोग भी शामिल थे। कोरोना वायरस के कारण भय का माहौल पैदा हो गया था… ऐसे में एक बुजुर्ग ने हमसे यह जानकारी साझा की है। ओडिसा के अंगुल शहर के करीब रंतलेई नामक गांव में सन 1952 के आसपास एक 14-15 साल का नेपाली युवक ‘बाबा’ बनकर उभरा, उसे स्थानीय मारवाडिय़ों तथा व्यापारियों का संरक्षण था। हर तरह के रोग खासकर विकलांगता को बाबा अपनी दवा से ठीक कर देते हैं, यह प्रचार इतना बढ़ा कि तब के सीपी एण्ड बरार (म.प्र. छत्तीसगढ़ तथा महाराष्ट्र आदि क्षेत्र) से काफी संख्या में लोग पहुंचने लगे। वहां मेले जैसे स्थिति हो गई बाबा के पास इतनी भीड़ एकत्रित होने लगी कि वहां अव्यवस्था के चलते हैजा से 400 लोगों के मरने तथा कई लोगों के प्रभावित होने की  चर्चा तेज हुई तब कांग्रेस सोशलिस्ट पार्टी ओडि़सा की संस्थापक मालती देवी ने बाबा के खिलाफ आवाज उठाई, बाबा का कहना था  जो हैजा में मरे हैं वो पापी थे।  सोशलिस्ट पार्टी  ओडि़सा की संस्थापक मालती देवी ने बाबा के खिलाफ आवाज़ उठाई… उनके विरोध के बीच ओड़िसा  के तत्कालीन गर्वनर भी अपने पांव की विकलांगता दिखाने बाबा के पास  गये थे। इधर उस समय के मुख्यमंत्री नवकृष्ण चौधरी ने भी स्पष्ट कर दिया कि कानून व्यवस्था का उल्लंघन न होने तक हस्तक्षेप मुश्किल हैै। इसके बाद मालती देवी ने अपने दो साथियों के साथ नेपाली बाबा के पास पहुंची और उनके एक साथी ने बाबा की हठधर्मिता देखकर एक थप्पड़ मारने का दु:साहस कर दिया, बाबा ने भागकर एक पेड़ पर शरण ली, इसके बाद कानून व्यवस्था का मामला बना तो पुलिस, बाबा को जेल ले गई. बाद में  जेल से रिहा होकर वह पुन: किसी अन्य मामले में जेल गया और जेल में ही उसकी मृत्यु हो गई। बुर्जुग का कहना है कि उस समय छत्तीसगढ़ में भी बड़ी संख्या में लोग बैलगाड़ी तथा अपने निजी वाहन बस-ट्रक आदि से अंगुला वाले बाबा के पास इलाज कराने गये थे कुछ के मरने की भी खबर मिली थी। बहरहाल महिला की बहादुरी से एक फर्जी बाबा जेल पहुंच गया था।

और अब बस…

  • 0 कोरोना वायरस के कारण उत्पन्न स्थिति को लेकर मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल मुख्य सचिव आर.पी. मंडल की सक्रियता चर्चा में है।0 लॉकडाऊन का उल्लंघन करने तथा विदेश यात्रा की जानकारी छिपाने पर पुलिस ने 20 लोगों के खिलाफ अपराध दर्ज किया है।
  • 0 कोरोना वायरस से मुकाबला घर के भीतर रहकर ही किया जा सकता है। परिवार तथा जनहित सर्वोपरि है।
  • O मिडियावालों  से भी सुरक्षा के साथ आपने काम को अंजाम देने की अपील डीपीआर  तारण प्रकाश सिन्हा ने की हैl