दुर्ग 12 अप्रैल, 2019। जिला एवं सत्र न्यायधीश गोविंदर कुमार मिश्रा की अदालत ने निवेशकों की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने यश ग्रुप से हाईकोर्ट में समझौता करने के लिए अनुमति मांगी थी। कोर्ट ने याचिका को योग्य नहीं मानते हुए गुरुवार को सुनवाई से इंकार कर दिया।
यश ग्रुप की संपति कुर्क करने के आदेश का इंतजार कर रहे निवेशकों ने हाईकोर्ट में डायरेक्टर के साथ समझौते को लेकर अर्जी दाखिल की। निवेशकों का कहना था कि यदि यश ग्रुप कम राशि वालों को नगद दो लाख रुपए का नगद भुगतान करता है और ज्यादा राशि वालों को प्लाट देता है तो वे सुलह के लिए तैयार हैं। इसके चलते बुधवार को उन्होंने डीजे कोर्ट में अनुमति के लिए अनुमति के लिए आवेदन प्रस्तुत किया। जिला एवं सत्र न्यायाधीश गोविंद कुमार मिश्रा की अदालत ने याचिका को योग्य नहीं मानते हुए आवेदन खारिज कर दिया। अब निवेशकों का कहना है कि इस मामले में वे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे