आज नागपंचमी, पूजन के समय इन बातों का रखें ध्यान, घर में आएगी सुख, शांति और समृद्धि….

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धर्म। हिंदू धर्म में नाग पंचमी का बहुत महत्व होता है। सावन माह में शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली पंचमी पर नाग पंचमी का पर्व मनाया जाता है। इस पावन दिन विधि- विधान से नाग देवता की पूजा- अर्चना की जाती है। इस वर्ष नाग पंचमी 13 अगस्त दिन शुक्रवार को है। नाग पंचमी के दिन 12 नागों की पूजा होती है। आज के दिन नाग पूजा करने से व्यक्ति को कुंडली में कालसर्प दोष से भी मुक्ति मिलती है। इस पावन दिन नाग देवता की पूजा करने से भगवान शंकर भी प्रसन्न होते हैं। आज के दिन रुद्राभिषेक, महामृत्युंजय, काल सर्प पूजन विशेष फलदायी होता है।

आज के दिन क्या ना करें

आज के दिन जीवित नाग की पूजा करने से बचें, नाग के चित्र, आकृति या आटा, मिट्टी से बनें नाग की पूजा की जा सकती है। अगर घर के पास कोई नाग देवता का मंदिर नहीं है तो आप शिवलिंग के ऊपर बने नाग की भी पूजा कर सकते हैं। विधि विधान काल से कालसर्प दोष निवारण की पूजा करने से व्यक्ति को सर्प दोष, पितृ दोष और काल सर्पदोष से मुक्ति मिल सकती है।

जीवित सांप को कभी भी दूध न पिलाएं, उनके लिए दूध जहर के समान हो सकता है। लिहाजा उनकी प्रतिमा का ही दूध से अभिषेक करें।

ज्‍योतिष में इस बात का साफ तौर पर उल्‍लेख है कि नाग पंचमी के दिन काल सर्प दोष और राहु-केतु दोष का निवारण करने के लिए पूजा-पाठ करना, नाग की प्रतिमा का अभिषेक करना अच्‍छा होता है, लेकिन इसका संबंध जीवित सांप से बिल्‍कुल भी नहीं है। लिहाजा इन दोषों के निवारण के लिए जीवित सांप की पूजा न करें और ना ही सांप को कोई कष्‍ट पहुंचाएं, वरना जिंदगी में भारी संकट का सामना करना पड़ सकता है।

नाग पंचमी के दिन भूमि की खुदाई करना या खेत में हल चलाना बहुत अशुभ माना जाता है। इसलिए ऐसा करने से सख्त परहेज करना चाहिए। नागों को पाताल लोक का स्वामी माना जाता है। माना जाता है कि सांप भूमि में रहते हैं और खेतों की रक्षा करते हैं। इसलिए इस दिन भूमि की खुदाई करने से मना किया जाता है।

नागपंचमी के दिन आग पर तवा और लोहे की कढ़ाही नहीं चढ़ानी चाहिए। माना जाता है कि ऐसा करने से नाग देवता को कष्ट होता है। इसके अलावा इस दिन नुकीली और धारदार वस्तुओं के इस्तेमाल से बचना चाहिए। मुख्य रूप से सूई-धागे का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। ऐसा करना अशुभ माना जाता है।

नागपंचमी के दिन मांस और शराब का भी सख्ती से परहेज करना चाहिए। इस दिन भगवान शिव के मंत्रों का जाप करने से लाभ मिलता है। नागपंचमी के दिन इस बात का ध्यान रखें कि शिवलिंग या नाग देव को दूध पीतल के लोटे से चढ़ाएं। जबकि जल चढ़ाने के लिए तांबे के लोटे का इस्तेमाल करें।